Jamshedpur, Jharkhand Weather Forecast : दो सितंबर से झारखंड में फिर से सक्रिय होगा मानसून, आज हो सकती है हल्की बारिश
मौसम विभाग ने चार व पांच सितंबर को लेकर चेतावनी जारी की है। चार सितंबर को राज्य में कई स्थानों पर गर्जन के साथ हल्के से मध्यम दर्जे की वर्षा होगी। वहीं पांच सितंबर को भी गर्जन के साथ जोरदार बारिश होने की संभावना जताई गई है।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। राज्य में दो सितंबर से फिर से मानसून सक्रिय हो सकता है। मौसम विभाग के अनुसार, दक्षिणी छत्तीसगढ़ में एक कम दबाव का क्षेत्र बन रहा है, जिसका असर झारखंड सहित पूर्वी सिंहभूम जिले में देखने को मिल सकता है। हलांकि, वर्तमान में इसका फैलाव विशाखापत्तनम तक देखने को मिल रहा है। मंगलवार को जमशेदपुर शहर में बारिश नहीं हुई लेकिन दिनभर आसमान में बादल छाए रहे।
मौसम विभाग के अनुसार, एक सितंबर को राज्य के उत्तर पूर्वी (देवघर, धनबाद, दुमका, गिरिडीह, गोड्डा, जामतारा, पाकुर, साहेबगंज) तथा दक्षिणी पूर्वी भागों (पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम, सिमडेगा व सरायकेला-खरसावां) में कुछ स्थानों पर हल्के से मध्यम दर्जे की वर्षा हो सकती है। वहीं, दो व तीन सितंबर को राज्य के उत्तरी-पश्चिमी (पलामू, गढ़वा, चतरा, कोडरमा, लातेहार तथा लोहरदगा) तथा मध्य भागों (रांची, बोकारो, गुमला, हजारीबाग, खूंटी व रामगढ़) में भी कुछ स्थानों पर हल्के से मध्यम दर्जे की वर्षा हो सकती है।
चार व पांच सितंबर को गर्जन के साथ बारिश होने की संभावना
मौसम विभाग ने चार व पांच सितंबर को लेकर चेतावनी जारी की है। चार सितंबर को राज्य में कई स्थानों पर गर्जन के साथ हल्के से मध्यम दर्जे की वर्षा होगी। वहीं, पांच सितंबर को भी गर्जन के साथ जोरदार बारिश होने की संभावना जताई गई है।
सावधान रहिए, बढ़ रही मौसमी बीमारी
शहर का मौसम लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में लोगों को सावधान होने की जरूरत है। कोल्हान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मौसमी बीमारी के सबसे अधिक मरीज पहुंच रहे हैं। इसमें सर्दी-खांसी, बुखार, दस्त, टाइफाइड सहित अन्य मरीज शामिल हैं। एमजीएम अस्पताल के फिजिशियन डॉ. बलराम झा ने कहा कि बरसात के दिनों में हर साल मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी होती है। इसमें खासकर मलेरिया, डेंगू, जापानी इंसेफ्लाइटिस सहित अन्य शामिल हैं। इसके लक्षण सामने आते ही लोगों को जांच कराना चाहिए। ताकि बीमारी की पहचान सही समय पर हो सके।