Monsoon in Jharkhand: मॉनसून के दस्तक के साथ ही खिले किसानों के चेहरे, हल- बैल लेकर पहुंचे खेतों में

मानसून की बारिश शुरू हो चुकी है। रुक रुक कर बारिश हो रही है। बारिश को देखने से लगता है कि झारखंड में मानसून प्रवेश कर गया है। जिसके कारण पोटका में भी इसका असर देखने को मिल रहा है। किसानों की आंखों में खुशी साफ झलक रही है l

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Sun, 13 Jun 2021 05:58 PM (IST) Updated:Sun, 13 Jun 2021 05:58 PM (IST)
Monsoon in Jharkhand: मॉनसून के दस्तक के साथ ही खिले किसानों के चेहरे,  हल- बैल लेकर पहुंचे खेतों में
पोटका इलाके में खेत जोतने में जुटे किसान।

पोटका, जासं। झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले के पोटका क्षेत्र में शनिवार शाम से ही मानसूनी बारिश शुरू हो चुकी है। रुक -रुक कर बारिश हो रही है। बारिश को देखने से लगता है कि झारखंड में मानसून प्रवेश कर गया है। जिसके कारण पोटका में भी इसका असर देखने को मिल रहा है। इस बीच यास तूफान के वजह से जो वर्षा हुई थी उसकी वजह से खेतों में नमी बरकरार है। वही मानसूनी बारिश होने से किसानों की आंखों में खुशी साफ झलक रही है l

कृषि विभाग द्वारा समय से पूर्व किसानों को धान का बीज उपलब्ध करा दिया गया है l अब उन बीजों को किसान अपने अपने खेतों में धान का बिचड़ा या नर्सरी बनाने में लग गए हैं l जिसको लेकर हल, बैल एवं धान के बीज लेकर मिट्टी का उपजाऊपन बना कर हल के साथ साथ बीज को छिटकर नर्सरी तैयार किया जा रहा है। यह नर्सरी 14- 15 दिनों में तैयार हो जाएगी, जिसके बाद इन धान के पौधों को दूसरे खेतों में जुताई कर लगाया जाएगा। इसको लेकर किसान अपने अपने खेतों में धान के विचडों की नर्सरी तैयार करना शुरू कर दिया है l किसानों का कहना है कि यह मौसम काफी अनुकूल है । इससे धान के बिचड़े अच्छी तरीके से तैयार हो जाएंगे क्योंकि खेत में बारिश के वजह से नमी बरकरार हैं l

ये कहते बीटीएम

वहीं कृषि विभाग के बीटीएम कौशल झा कहते हैं कि यह धान के मौसम के लिए उपयुक्त समय है। अभी सभी किसान धान के बीज की रोपनी करें तो 15 दिन के अंदर पौधा तैयार हो जाएगा। जिसके बाद खेतों में लगाकर अच्छी फसल का उत्पादन किया जा सकता है। वही समय-समय पर मिट्टी का भी परीक्षण किया जा रहा है ताकि खेतों में जो उर्वराशक्ति की कमी है उसकी भरपाई किया जा सके l

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