मानगो पांचवीं अनुसूची क्षेत्र, नहीं हो सकता नगर निगम का गठन
भारतीय संविधान के 74वें संशोधन अधिनियम-1992 के तहत संसद द्वारा नगरपालिका का गठन व विस्तार को संवैधानिक दर्जा दिया गया लेकिन अनुसूचित क्षेत्रों में इसका विस्तार व गठन के लिए कोई कानून नहीं बनाया गया है। इस बात का खुलासा सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 से हुआ
जमशेदपुर, जागरण संवाददाता। भारतीय संविधान के 74वें संशोधन अधिनियम-1992 के तहत संसद द्वारा नगरपालिका का गठन व विस्तार को संवैधानिक दर्जा दिया गया, लेकिन अनुसूचित क्षेत्रों में इसका विस्तार व गठन के लिए कोई कानून नहीं बनाया गया है। इस बात का खुलासा सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 से हुआ, जो रांची निवासी अलमन जीवन कोंगाड़ी ने शहरी विकास मंत्रालय से पूछा था।
इसके जवाब में मंत्रालय की ओर से कोंगाड़ी को लिखे पत्र में बताया गया कि अब तक संसद से कोई कानून पारित नहीं हुआ है कि अनुसूचित क्षेत्र में नगर निगम का गठन या विस्तार हो सकता है कि नहीं। आदिवासी जनकल्याण समिति, उलीडीह के अध्यक्ष सोमनाथ पाड़ेया बताते हैं कि संविधान के अनुच्छेद 244 में पांचवीं अनुसूची वाले क्षेत्र में यह व्यवस्था है कि किसी भी कानून को अनुसूचित क्षेत्र में लागू करने के पूर्व राज्यपाल इसे जनजातीय सलाहकार परिषद से मंतव्य मांगेंगे। परिषद इस बात का आकलन करेगी कि इससे अनुसूचित जनजातियों पर इसका क्या दुष्प्रभाव पड़ सकता है। इसके बाद कानून में फेरबदल कर उसे लागू किया जाएगा। मानगो के 12 मौजा में ग्रामीण क्षेत्र व नगरीय क्षेत्र में नगर निगम के लिए अब तब झारखंड सरकार द्वारा कोई सामाजिक-आर्थिक आकलन नहीं कराया गया है। मानगो के 12 मौजा में शत प्रतिशत भूमि का राजस्व अभिलेख आदिवासियों के नाम पर दर्ज है। शिड्यूल्ड एरिया रेगुलेशन (एसएआर) कोर्ट, रांची ने इन क्षेत्रों में अनुसूचित जनजाति के भू-धारकों या भूस्वामी को भू-वापसी का आदेश भी जारी किया है। मानगो की पूरी आबादी छोटानागपुर टेनेंसी (सीएनटी) एक्ट का उल्लंघन करके बसी हुई है।
मानगो में हो रहा वार्डों का गठन
एक तरफ जिला प्रशासन मानगो में नगर निगम चुनाव की तैयारी कर रहा है, जबकि दूसरी ओर संविधान का हवाला देते हुए आदिवासी स्वशासन व्यवस्था लागू करने की मांग उठ रही है। प्रशासन ने यहां वार्डों का प्रारूप भी तैयार कर लिया है। इसके लिए एक से 15 जुलाई तक दावा-आपत्ति भी मांगे गए थे। अब देखने वाली बात होगी कि प्रशासन इस पर क्या निर्णय लेता है।