कोरोना काल में 2 करोड़ 81 लाख खर्च किए चक्रधरपुर के विधायक सुखराम उरांव ने

चक्रधरपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक सुखराम उरांव एक ऐसे विधायक रहे जिन्होंने कोरोना संक्रमण की पहली और दूसरी लहर में अपने विधानसभा क्षेत्र की जनता को बचाने और सेवा करने में 2 करोड़ 81 लाख रुपये खर्च कर दिए।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 05:53 PM (IST) Updated:Fri, 18 Jun 2021 05:53 PM (IST)
कोरोना काल में 2 करोड़ 81 लाख खर्च किए चक्रधरपुर के विधायक सुखराम उरांव ने
चक्रधरपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक सुखराम उरांव।

चक्रधरपुर, जासं। झारखंड में 81 विधायक हैं। कोरोना संक्रमण के दौर में सभी विधायकों ने अपने-अपने स्तर से वैश्विक महामारी से लड़ने का प्रयास किया। इनमें चक्रधरपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक सुखराम उरांव एक ऐसे विधायक रहे जिन्होंने कोरोना संक्रमण की पहली और दूसरी लहर में अपने विधानसभा क्षेत्र की जनता को बचाने और सेवा करने में 2 करोड़ 81 लाख रुपये खर्च कर दिए।

इनमें से कुछ रकम विधायक कोष और कुछ उनके वेतन मद की भी थी। राशि देने के अलावे स्वयं भी शारीरिक रूप से उपस्थित रहकर जनता की सेवा में लीन रहे। यही कारण है कि भारतीय रेड क्रॉस सोसायटी की ओर से उन्हें कोरोना योद्धा का सम्मान भी दिया गया।

प्रवासी मजदूरों के खाते में भेजे 25 लाख रुपये

कोरोना की प्रथम लहर में जब मजदूर दूसरे प्रदेशों में फंस गए, उनके घर लौटने की उम्मीदें दम तोड़ रही थीं, वैसे समय में अपने बैंक अकाउंट से मजदूरों के खाते में 25 लाख रुपए ट्रांसफर किए। बाद में राज्य सरकार ने भी इस तरीके को अपनाया और मजदूरों के खाते में पैसे भेजे गए।

8 एंबुलेंस की खरीदारी में लगे 1 करोड़ 41 लाख

कोरोना संक्रमित मरीजों को लाने और ले जाने में जब वाहनों की कमी महसूस होने लगी, तो विधायक उरांव ने चक्रधरपुर विधानसभा क्षेत्र के लिए आठ एंबुलेंस खरीदे । पहली लहर में चार और दूसरी लहर में चार एंबुलेंस खरीदी गई। चार एंबुलेंस विधानसभा क्षेत्र के 4 थानों को सौंपी और 4 सामाजिक संस्थाओं के ज़िम्मे दी। एंबुलेंस का लाभ भी मरीजों को मिला। पहले चार एंबुलेंस 89 लाख और दूसरी चार एंबुलेंस 52 लाख में खरीदी गई। 1 करोड़ 41 लाख रुपये एंबुलेंस में लगे।

10 लाख के सेनीटाइजर एवं मास्क खरीदे

प्रथम लहर के दौरान जब मास्क और सैनिटाइजर की कमी महसूस की जाने लगी तो विधायक ने 10 लाख रुपये जिला प्रशासन को दिए। उक्त राशि से मास्क एवं सैनिटाइजर की खरीदारी कर स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों को सौंपा गया। इससे संसाधन के अभाव में चल रहे सरकारी अस्पतालों को काफी फायदा पहुंचा।

प्रवासी मजदूरों के भोजन में 80 लाख खर्च किए

पहली लहर के दौरान जब दूसरे प्रदेशों से प्रवासी मजदूर चक्रधरपुर पहुंचने लगे, तो उन्हें शहर के 5 सेंटरों में रखा गया तथा ग्रामीण क्षेत्र के सभी 23 पंचायतों में सेंटर बनाकर उन्हें रोका गया। इन सेंटरों में विधायक उरांव की ओर से डेढ़ माह तक तीन वक्त का भोजन की व्यवस्था की गई। शहर के सेंटरों में पका हुआ भोजन परोसा गया  जबकि ग्रामीण क्षेत्र के सेंटरों में राशन की आपूर्ति की गई। इसमें 80 लाख रुपये विधायक के निजी कोष से खर्च हुए। गांव में हर दिन 15 क्विंटल चावल भेजे जाते थे और शहरों में नॉन वेज भोजन परोसा जाता था।

कोरोना काल के खर्चों का ब्यौरा एक नजर में

कोरोना की पहली लहर में खर्च

1. प्रवासी मजदूरों के खाते में भेजी गई राशि : 25 लाख

2. चार एंबुलेंस की खरीदारी : 89 लाख

3. सेनीटाइजर एवं मास्क की खरीदारी : 10 लाख

4. दंत जांच मशीन की खरीदारी : 15 लाख

5. क्वारंटाइन सेंटरों में डेढ़ माह भोजन का खर्च : 80 लाख

6. मुफ्त दवा में खर्च : 1.5 लाख

कोरोना की दूसरी लहर में खर्च

1. चार एंबुलेंस की खरीदारी : 52 लाख

2. ऑक्सीजन सिलेंडर की खरीदारी : 5 लाख

3. कोरोना जांच लैब : 1.5 लाख

4. खाद्य सामग्री किट : 1.5 लाख

5. हेल्थ किट : 50 हजार

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