Census 2021: मैथिली परिषद की अपील- जनगणना 2021 में मातृभाषा मैथिली लिखवाएं मिथिला वासी

Census 2021. जनगणना की प्रक्रिया इस बार डिजिटल मोड में होगी । जनगणना से संदर्भित दसवां प्रश्न मातृभाषा से संबंधित है जिसमें मैथिली का कोड 162 है । यह मुख्य कोड ही प्रत्येक परिवार के प्रत्येक व्यक्ति को भरवाना है ।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Sun, 24 Jan 2021 09:57 AM (IST) Updated:Sun, 24 Jan 2021 09:57 AM (IST)
Census 2021: मैथिली परिषद की अपील- जनगणना 2021 में मातृभाषा मैथिली लिखवाएं मिथिला वासी
जनगणना 2021 को लेकर बैठक में ि‍विचार-व‍िमर्श करते मैथिली परिषद के सदस्‍य।

जमशेदपुर, जासं।  अंतरराष्‍ट्रीय मैथिली परिषद ने जनगणना 2021 और मैथिली विषय पर कार्यशाला का आयोजन बिष्टुपुर स्थित परमहंस लक्ष्मीनाथ गोस्वामी समिति के सभागार में किया। पूर्वी और पश्चिमी सिंहभूम के लगभग तीन लाख मैथिली भाषियों की मातृभाषा किस प्रकार मैथिली दर्ज कराया जाए इस पर समाज के संस्थागत प्रतिनिधिगण एवं बुद्धिजीवियों ने अपने विचार व्यक्त किए। इसके लिए अलग-अलग परिक्षेत्र का निर्माण कर प्रत्येक क्षेत्र में सक्षम और क्रियाशील कार्यकर्ताओं की टीम गठित करने का निर्णय लिया गया। 

 कार्यशाला के प्रशिक्षक के रूप में गोपाल चंद्र झा ने जनगणना की प्रक्रिया को विस्तार से समझाया । उसने यह स्पष्ट किया कि जनगणना की प्रक्रिया इस बार डिजिटल मोड में होगी । जनगणना से संदर्भित दसवां प्रश्न मातृभाषा से संबंधित है जिसमें मैथिली का कोड 162 है । यह मुख्य कोड ही प्रत्येक परिवार के प्रत्येक व्यक्ति को भरवाना है । झारखंड छात्र मोर्चा के जिला अध्यक्ष कृष्णा कामत ने बामनगोड़ा, राहड़गोड़ा, जोजोबेड़ा आदि क्षेत्र के हजारों मैथिली भाषी जो संस्थागत गतिविधियों से दूर-दूर है, उन्हें जोड़ने की जरूरत बताते हुए जनगणना की दृष्टि से उस क्षेत्र में पूरा सहयोग करने की बात कही। 

बच्‍चों के भविष्‍य का दिया हवाला

मुख्य वक्ता के रूप में साहित्य अकादमी में मैथिली के कोऑर्डिनेटर डा अशोक अविचल ने सभी संस्थाओं से आग्रह किया कि यह मैथिली के भविष्य का प्रश्न है, बच्चों के भविष्य का प्रश्न है। इसलिए सभी संस्थाएं मिलकर पहल करें । संगोष्ठी, कार्यशाला , घर-घर संपर्क कर यह सुनिश्चित करें कि मिथिला क्षेत्र के रहने वाले सभी जाति और धर्म के लोग अपनी मातृभाषा मैथिली दर्ज करावें।

इन्‍होंने भी दिए सुझाव

कार्यशाला में आत्मेश्वर झा, अमरनाथ झा, पशुपति झा, अरुण झा ,केसी मिश्र, आर एन पोद्दार, जीवछ झा आदि ने भी अपना अपना सुझाव दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता परिषद के अध्यक्ष डा. रवीन्द्र कुमार चौधरी ने किया। उन्होंने इस कार्यशाला में प्राप्त सुझावों पर पूर्ण रूप से अमल करने की घोषणा की। संचालन महासचिव पंकज कुमार झा तथा धन्यवाद ज्ञापन आदित्य विक्रम सिंह ने किया।

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