एमजीएम में नौ साल की बच्ची की मौत, अधीक्षक के साथ धक्का-मुक्की, भाजपा व स्वास्थ्य मंत्री के समर्थकों में कहा-सुनी

जमशेदपुर के एमजीएम अस्पताल में हंगामा की खबर हैं। स्वजन का कहना है कि बच्ची सुबह में ठीक थी। लेकिन कुछ ही देर में वह बेहोश हो गई। इसके बाद इमरजेंसी विभाग से एक चिकित्सक बच्ची को देखने गए तो उन्होंने बताया कि बच्ची की मौत हो गई।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Fri, 10 Sep 2021 04:52 PM (IST) Updated:Fri, 10 Sep 2021 04:52 PM (IST)
एमजीएम में नौ साल की बच्ची की मौत, अधीक्षक के साथ धक्का-मुक्की, भाजपा व स्वास्थ्य मंत्री के समर्थकों में कहा-सुनी
एमजीएम अस्पताल के अधीक्षक से बातचीत करते परिजन।

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल में शुक्रवार को एक बच्ची की मौत होने के बाद उसके स्वजनों ने हंगामा किया। घटना सुबह नौ बजे की है। मृतक के स्वजनों में आक्रोश इतना तेज था कि वह राउंड पर निकले अधीक्षक डॉ. अरुण कुमार के साथ भी धक्का-मुक्की करने लगे। इस दौरान होमगार्ड के जवानों में स्वजनों को समझाने की कोशिश की कि ये अधीक्षक साहब हैं। आपकी समस्याएं सुनने को आए हैं, लेकिन स्वजन इसके बावजूद भी समझने को तैयार नहीं थे।

अधीक्षक के साथ धक्का-मुक्की करने लगे। इसके बावजूद भी अधीक्षक मौके पर डटे रहें। इस दौरान होमगार्ड के जवानों ने आक्रोशित लोगों को हटाने की कोशिश की तो उनके साथ भी धक्का-मुक्की किया गया। इसी बीच एक होमगार्ड के जवान ने मृतक के पिता को जोर से धक्का दे दिया, जिससे मामला और भी गर्म हो गया। मृतक के पिता ने होमगार्ड के जवान पर कार्रवाई की मांग पर अड़ गए। तब तब भाजपा नेता विकास सिंह व स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के समर्थक भी अस्पताल पहुंच गए। दोनों समर्थकों के बीच भी कहा-सूनी भी हुई। भाजपा नेता विकास सिंह ने कहा कि अस्पताल में लापरवाही के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। इसके बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। अधीक्षक ने भरोसा दिया कि इस मामले की जांच की जाएगी। इसमें जो भी दोषी पाएं जाएंगे उनके खिलाफ सख्ती के साथ कार्रवाई की जाएगी।

क्या है मामला

मानगो स्थित गौण बस्ती निवासी बबलू कुमार की बेटी राधिका कुमारी आठ सितंबर को साइकिल चलाने के क्रम में गिर गई। इसके बाद उसे शिशु रोग विभाग में दिखाया गया। चिकित्सकों ने देखकर दवा दी। उसके बाद स्वजन बच्ची को लेकर चले गए। दूसरे दिन यानी नौ सितंबर को बच्ची को उल्टी होने लगी। इसके बाद उसे फिर शिशु रोग विभाग लाया गया। इस दौरान चिकित्सकों ने देखा और अल्ट्रासाउंड कराया तो पाया कि बच्ची के पेट में चोट आई है, जिसके कारण खून जम गई है। इसे देखते हुए उसे सर्जरी विभाग में भर्ती कराया गया। इसी बीच शुक्रवार की सुबह उसकी मौत हो गई।

स्वजन को नहीं हो रहा था भरोसा

स्वजन का कहना है कि बच्ची सुबह में ठीक थी। लेकिन, कुछ ही देर में उसकी स्थिति गंभीर हुई और वह बेहोश हो गई। इसके बाद इमरजेंसी विभाग से एक चिकित्सक सर्जरी विभाग में बच्ची को देखने गया तो उन्होंने बताया कि बच्ची की मौत हो गई। इसे सुनकर किसी को भरोसा नहीं हो रहा था। इसके बाद बच्ची को इमरजेंसी विभाग में लाया गया। यहां पर अधीक्षक राउंड ले रहे थे। इस दौरान ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक ने बच्ची को देखा। इसके बावजूद अधीक्षक डॉ. अरुण कुमार भी बच्ची को देखा तो पाया कि बच्ची की मौत हो चुकी है। इस दौरान स्वजन इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा करने लगें।

इनकी सुनें

किसी भी बच्ची की मौत होना दुखद है। हमारी सहानुभूति उनके साथ है। बच्चे की मौत किस कारण से हुई व स्वजनों द्वारा लगाए गए सारे आरोप की जांच होगी। इसमें जो भी दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ सख्ती के साथ कार्रवाई की जाएगी।

- डॉ. अरुण कुमार, अधीक्षक, एमजीएम।

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