एमजीएम अधीक्षक पढ़ाते समयबद्धता का पाठ, नहीं सुनते डॉक्टर-लौट जाते मरीज Jamshedpur News

यहां चिकित्सक अपनी मर्जी से आते-जाते हैं। सख्ती के लिए बायोमेटिक से हाजिरी बनवाई जाने लगी लेकिन मशीन पिछले कुछ महीनों से खराब है। चिकित्सक उसी से हाजिरी बना रहे हैं।

By Vikas SrivastavaEdited By: Publish:Sat, 28 Dec 2019 07:04 PM (IST) Updated:Sun, 29 Dec 2019 10:04 AM (IST)
एमजीएम अधीक्षक पढ़ाते समयबद्धता का पाठ, नहीं सुनते डॉक्टर-लौट जाते मरीज Jamshedpur News
एमजीएम अधीक्षक पढ़ाते समयबद्धता का पाठ, नहीं सुनते डॉक्टर-लौट जाते मरीज Jamshedpur News

जमशेदपुर (अमित तिवारी)। MGM MEDICAL COLLEGE HOSPITAL आजतक यहां जो भी नया अधीक्षक आया उसका पहला आदेश डॉक्टर व कर्मचारियों को समय पर ड्यूटी आने को लेकर दिया गया, लेकिन यह दुर्भाग्य ही है कि उसपर आजतक अमल नहीं हुआ।

यहां चिकित्सक अपनी मर्जी से आते-जाते हैं। सख्ती के लिए बायोमेटिक से हाजिरी बनवाई जाने लगी, लेकिन मशीन पिछले कुछ महीनों से खराब है। चिकित्सक उसी से हाजिरी बना रहे हैं। जी हां, हम बात कर रहे कोल्हान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज की। शहर के बीचो-बीच स्थित एमजीएम अस्पताल की स्थिति कब सुधरेगी, इसका जवाब किसी के पास नहीं है।

दैनिक जागरण की टीम एमजीएम अस्पताल के ओपीडी पहुंची। यहां चार बजे से शाम को ओपीडी चलती है। रजिस्ट्रेशन काउंटर पर पर्ची कटाने के लिए मरीजों की लंबी लाइन लगी हुई थी। मरीज, पर्ची लेकर ओपीडी में डॉक्टर से दिखाने के लिए पहुंचे, लेकिन ओपीडी में कोई भी डॉक्टर मौजूद था। ओपीडी के बाहर मरीज बैठकर डॉक्टर का इंतजार कर रहे थे। पंद्रह मिनट के बाद सर्जरी ओपीडी में डॉ. ओपी श्रीवास्तव पहुंचे। उनके बाद 4.20 बजे मेडिसीन विभाग में दो जूनियर चिकित्सक भी पहुंचे। इसके बाद हड्डी रोग के ओपीडी में 4.26 बजे व नेत्र रोग विभाग में जूनियर डॉक्टर पहुंचे। करीब 4.30 बजे ईएनटी रोग के ओपीडी में डॉक्टर पहुंचे। कोई डॉक्टर ओपीडी में समय पर नहीं पहुंचे। डॉ. ओपी श्रीवास्तव व डॉ. भीम सेन हांसदा को छोड़ किसी भी ओपीडी में कोई सीनियर डॉक्टर दिखाई नहीं दिया।

शाम के वक्त डॉक्टर वार्ड में नहीं ले रहे राउंड

नए अधीक्षक डॉ. संजय कुमार प्रभार ग्रहण करने के बाद सभी विभागाध्यक्षों की एक बैठक बुलाई थी। इसमें उन्होंने शाम के वक्त चिकित्सकों को वार्ड में राउंड लेने के आदेश दिए थे, लेकिन इसे किसी ने गंभीरता से नहीं लिया। शुक्रवार को भी शाम के वक्त कोई भी डॉक्टर वार्ड में राउंड लेने नहीं पहुंचा। इस सिस्टम को लागू होने से मरीजों को वार्ड से चलकर इमरजेंसी विभाग इलाज कराने को नहीं आना पड़ता।

कर्मचारी बनाते बायोमट्रिक हाजिरी, डॉक्टरों की मशीन खराब

ओपीडी के अधिकांश कर्मचारी समय पर चार बजे पहुंच गए थे। जबकि डॉक्टर नहीं। इसका कारण पूछने पर एक कर्मचारी बताता है कि हमलोग को बायोमेटिक मशीन से हाजिरी बनानी पड़ती है। जबकि डॉक्टर साहब के बायोमेटिक मशीन बीते डेढ़ साल से खराब है। शुरुआती दौर में जब मशीन लगी थी तब सभी सीनियर डॉक्टर ओपीडी आते थे, लेकिन जब से मशीन खराब हुई, कुछ चिकित्सक ही समय पर आते हैं।

डॉक्टरों की सूची अपडेट नहीं, मरीजों को परेशानी

हर ओपीडी के बाहर लगाई गई चिकित्सकों की सूची अपडेट नहीं की गई है। इसमें अब भी पुराने डॉक्टरों के नाम दर्शाए जा रहे हैं, जिससे मरीजों में भ्रम की स्थिति है।

मेडिसीन विभाग के डॉ. एस के सिंह, डॉ. केएन सिंह, डॉ. हीरालाल मुमरू का तबादला दूसरी जगह हो गया। इसके बावजूद उनका नाम अब तक सूची में है। वहीं हड्डी रोग ओपीडी में डॉ. एके वर्णवाल का नाम लिखा है। जबकि उनका भी तबादला हो चुका है।

पेट में चोट है। एक्सरे रिपोर्ट लेकर काफी देर से बैठा हूं, लेकिन अबतक डॉक्टर नहीं आए हैं। कर्मचारी 4.30 बजे तक इंतजार करने की बात कर रहे हैं। देखते हैं कि कबतक आते हैं।

विजय गोराई, टेल्को।

मेरे चेहरे व सिर में चोट आई है। इमरजेंसी विभाग गया तो वहां से डॉक्टर ओपीडी भेज दिए। लेकिन यहां डॉक्टर मौजूद ही नहीं है। ऐसे में चक्कर लगाना पड़ रहा है।

सागर महाकुल, पोटका।

मुझे  ब्लड प्रेशर की शिकायत है। बार-बार बढ़ने से काफी परेशानी होती है। आधे घंटे से आकर बैठा हूं, लेकिन अबतक कोई भी डॉक्टर नहीं आए है। जबकि डॉक्टर आराम की सलाह देते हैं।

अनिल सिंह, चांडिल।

सभी डॉक्टर व कर्मचारियों को समय पर ड्यूटी आने का सख्त निर्देश दिया गया है। इसके बावजूद भी कोई नहीं आ रहा है तो गलत है। ऐसे चिकित्सकों के खिलाफ सख्ती के साथ कार्रवाई की जाएगी।

डॉ. संजय कुमार, अधीक्षक, एमजीएम अस्पताल।

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