बम फटने की तरह तेज आवाज आई और गिर गया एमजीएम का कोविड अस्पताल
शुक्र मनाइए कि अभी तक इस यूनिट को हैंडओवर नहीं लिया गया था। अन्यथा इसमें कोविड मरीज भर्ती होते और बड़ी हादसा हो सकता थ। सूत्रों के अनुसार कंपनी की ओर से इस यूनिट को हैंडओवर लेने का दबाव अस्पताल प्रबंधन पर बनाया जा रहा था ।
जमशेदपुर, जागरण संवाददाता। कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 100 बेड का अस्थायी अस्पताल बनाया गया है। इसे अभी हैंडओवर लिया भी नहीं गया था कि अचानक से टूट कर गिर गया। ड्यूटी पर तैनात होम गार्ड के जवानों ने बताया कि पहले बम फटने जैसी आवाज आई। आवाज इतनी तेज थी कि मुख्य सड़क से गुजर रहे लोग रुक गए और सभी पूछने लगे। इसकी सूचना जवानों ने अस्पताल प्रबंधन और जिला प्रशासन को दी।
मौके पर पहुंचे पदाधिकारी व चिकित्सकों ने देखा कि चौथे यूनिट के आधे हिस्सा टूट कर गिरा हुआ है। अस्पताल में लगे लोहा, पंखा, एयर कंडीशन सबकुछ नीचे फर्श पर गिरा हुआ था। दरअसल, 25-25 बेड के चार यूनिट बनाकर अस्पताल का आकार दिया गया है। कर्मचारियों का कहना है कि इससे पूर्व भी चौथे यूनिट एक बार टूट चुका है। जिसे ठीक कर लिया गया था। लेकिन फिर से टूटना चिंता का विषय है। इस यूनिट को पीटी मेडिकल सॉल्यूशन द्वारा तैयार किया गया है। इससे जुड़े टेक्नीशियन मनोज कुमार ने बताया कि टेंट की पेस्टिंग खुलने के कारण यह हादसा हुआ है। इसका ट्रायल चल रहा है। सब कुछ ठीक होने के बाद ही इसको हैंड ओवर किया जाएगा।
शुक्र मनाइए कोई मरीज नहीं था भर्ती
शुक्र मनाइए कि अभी तक इस यूनिट को हैंडओवर नहीं लिया गया था। अन्यथा इसमें कोविड मरीज भर्ती होते और बड़ी हादसा हो सकता थ। सूत्रों के अनुसार, कंपनी की ओर से इस यूनिट को हैंडओवर लेने का दबाव अस्पताल प्रबंधन पर बनाया जा रहा था लेकिन अस्पताल के एक चिकित्सक ने यह कहते हुए विरोध कर दिया कि यहां आग से निपटने की कोई व्यवस्था नहीं है। इसे लेकर बातचीत चल रही थी। इसी क्रम में यह घटना हो गई।