500 बेड के अस्पताल से 42 लाख लोगों को मिलेगा इलाज

टाटा-रांची राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-33) से सटे डिमना चौक स्थित महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज में 500 बेड का नया अस्पताल बनने का रास्ता साफ हो गया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 18 Feb 2019 08:09 AM (IST) Updated:Mon, 18 Feb 2019 08:09 AM (IST)
500 बेड के अस्पताल से 42 लाख लोगों को मिलेगा इलाज
500 बेड के अस्पताल से 42 लाख लोगों को मिलेगा इलाज

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : टाटा-रांची राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-33) से सटे डिमना चौक स्थित महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज में 500 बेड का नया अस्पताल बनने का रास्ता साफ हो गया। रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हजारीबाग से इसका शिलान्यास किया। इस मौके पर एमजीएम कॉलेज में प्रिंसिपल डॉ. एसी अखौरी व उपायुक्त कार्यालय के एक पदाधिकारी मौजूद थे। शिलान्यास होने के बाद प्रिंसिपल ने खुशी जताते हुए कहा कि इंतजार खत्म हुआ, अब पूरे कोल्हानवासियों को बेहतर चिकित्सा मिल सकेगी। उन्होंने कहा कि यह अस्पताल मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआइ) के अनुसार बनेगा इसलिए एमबीबीएस की सीटें तो बढ़ेंगी ही मरीजों को भी बेहतर इलाज मिलेगा। एमबीबीएस की 150 व पीजी की 50 सीटें पर पढ़ाई शुरू करने की तैयारी है। कॉलेज में चार अरब 29 करोड़ 28 लाख 91 हजार 600 रुपये की लागत से 500 बेड का नया अस्पताल बनेगा। इसके लिए कालेज के आगे (खेल मैदान) खाली पड़ी जगह को चयनित किया गया है। फिलहाल एमजीएम कालेज के छात्र-छात्राओं को प्रैक्टिकल की पढ़ाई के लिए करीब आठ किलोमीटर दूर साकची स्थित एमजीएम मेडिकल कालेज-अस्पताल जाना पड़ता है। इसे लेकर मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआइ) की टीम बार-बार आपत्ति जताती रही है। इसे देखते हुए कालेज परिसर में 500 बेड का अस्पताल खोलने का निर्णय लिया गया है। एमसीआई के अनुसार मेडिकल कालेज और अस्पताल एक ही परिसर में होने चाहिए। 500 बेड के अस्पताल खुलने से कोल्हान के करीब 42 लाख लोगों को सीधे फायदा पहुंचेगा। दूसरे राज्यों में जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

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50 बेड का कैंसर अस्पताल व हार्ट का भी होगा इलाज

एमजीएम कॉलेज परिसर में 50 बेड का कैंसर अस्पताल व कैथ लैब का भी निर्माण हो रहा है। 500 बेड का अलग से अस्पताल खुलना है। इससे मरीजों को एक ही परिसर में कैंसर से लेकर हार्ट सहित अन्य गंभीर मरीजों का इलाज हो सकेगा।

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कोट ::

500 बेड के अस्पताल बनने के बाद मरीजों को एक ही परिसर में सभी तरह की चिकित्सा मिल सकेगा। इसके लिए कैंसर अस्पताल व कैथ लैब का भी निर्माण कराया जा रहा है।

- डॉ. एसी अखौरी, प्रिंसिपल, एमजीएम।

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