Jamshedpur News: दवा पर 80 फीसद छूट देने से बौखलाया मेडिसीन रिटेलर्स एसोसिएशन, कही ये बात

Jamshedpur News. दवाओं के चेन स्टोर पैर पसारने लगे हैं। इन कंपनियों के रिटेल स्टोर में दवा पर 20 से 80 फीसद तक छूट दी जा रही है जिससे सिंहभूम मेडिसीन रिटेलर्स एसोसिएशन बौखला गया है।अपील की है कि वे नियम-कायदे से कारोबार करें।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Mon, 08 Feb 2021 10:24 AM (IST) Updated:Mon, 08 Feb 2021 01:46 PM (IST)
Jamshedpur News: दवा पर 80 फीसद छूट देने से बौखलाया मेडिसीन रिटेलर्स एसोसिएशन, कही ये बात
शहर ही नहीं, देशभर में दवाओं के चेन स्टोर पैर पसारने लगे हैं।

जमशेदपुर, जासं। शहर ही नहीं, देशभर में दवाओं के चेन स्टोर पैर पसारने लगे हैं। इन कंपनियों के रिटेल स्टोर में दवा पर 20 से 80 फीसद तक छूट दी जा रही है, जिससे सिंहभूम मेडिसीन रिटेलर्स एसोसिएशन बौखला गया है। एसोसिएशन ने इन दवा विक्रेताओं से अपील की है कि वे नियम-कायदे से कारोबार करें। बिष्टुपुर स्थित चैंबर भवन में हुई एसोसिएशन की बैठक में दवा विक्रेताओं ने इसका विरोध किया।

मानगो विकास समिति के अध्यक्ष ओंकारनाथ सिंह ने कहा कि दवा व्यवसाय से जुड़े कुछ संगठनों द्वारा खुदरा दवा दुकानों में दवा पर छूट देने पर गुस्से का इज़हार किया जा रहा है। दवा दुकानदारों द्वारा उठाई गई यह आपत्ति हास्यास्पद है तथा उनकी शोषण की पुरानी प्रवृत्ति पर सवाल भी है। सिंह कहते हैं कि दवा दुकानदार काफी पहले से प्रिंट प्राइस पर दवा बेच रहे हैं। पूंजी के अभाव और बाजार में प्रतिस्पर्धा की कमी की वजह से उनकी मोनोपोली चलती रही। अब मार्केट में नए रिटेलर्स के आने के बाद उनके शोषण की पुरानी प्रवृत्ति पर चोट पहुंच रही है, जिससे वे छटपटा रहे हैं।

उपभोक्ता हो रहे जागरूक

उन्होंने कहा कि उपभोक्ता जागरुक हो रहे हैं और हक के प्रति सतर्क हैं। ऐसे में किसी का एकाधिकार चलना संभव नहीं है। बाज़ार में स्थापित कंपनियों के अतिरिक्त जेनेरिक दवा भी उपलब्ध हो रही है, पर दुकानदार उन्हीं दवाओं को प्रिंट प्राइस पर बेचते है। जबकि कुछ कुछ दवा 73 फीसद से भी अधिक छूट पर उपलब्ध हैं। वैसी दवाओं पर भी दुकानदार उपभोक्ताओं से पूरी कीमत वसूलते हैं, तब तो उन्हें कोई एतराज नहीं होता।

मानगो विकास समिति ने कही ये बात

मानगो विकास समिति शोषण की इस प्रवृत्ति का विरोध करती है। ओंकारनाथ सिंह ने इस पर आपत्ति जताते हुए सरकार व प्रशासन से उपभोक्ता हित में फैसला लेने की मांग की है। उन्होंने बड़े दवा विक्रेताओं के एकाधिकार को समाप्त करने के लिए नए नियम बनाने की मांग की है। इसके साथ ही स्थानीय स्तर पर ड्रग इंस्पेक्टर द्वारा समय-समय पर दवा दुकानों का निरीक्षण करते रहने का निवेदन किया है।

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