108 कलश के पवित्र जल से महाप्रभु का महास्नान

मऊभंडार श्रीश्री जगन्नाथ मंदिर में गुरुवार को देव स्नान पूर्णिमा के अवसर पर महाप्रभु जगन्नाथ भाई बलभद्र व बहन सुभद्रा का महास्नान अनुष्ठान हुआ। मंदिर के पुजारियों द्वारा विधिवत रूप से पूजा-अर्चना की गई..

By JagranEdited By: Publish:Fri, 25 Jun 2021 06:00 AM (IST) Updated:Fri, 25 Jun 2021 06:00 AM (IST)
108 कलश के पवित्र जल से महाप्रभु का महास्नान
108 कलश के पवित्र जल से महाप्रभु का महास्नान

संस,घाटशिला : मऊभंडार श्रीश्री जगन्नाथ मंदिर में गुरुवार को देव स्नान पूर्णिमा के अवसर पर महाप्रभु जगन्नाथ, भाई बलभद्र व बहन सुभद्रा का महास्नान अनुष्ठान हुआ। मंदिर के पुजारियों द्वारा विधिवत रूप से पूजा-अर्चना की गई। इसके उपरांत 108 कलश के पवित्र जल से महाप्रभु का स्नान कराया गया। परंपरानुसार महास्नान के बाद प्रभु बीमार पड़ गए। अब 14 दिनों तक प्रभु का उपचार होगा। इस दौरान उन्हें औषधि व जड़ी-बूटी दी जाएगी। इलाज के बाद प्रभु स्वस्थ होंगे। प्रभु के उपचार के दौरान मंदिर के कपाट बंद रहेंगे। उनके स्वस्थ होने के बाद रथयात्रा निकाली जाएगी। कोविड-19 के कारण सिर्फ पूजा की परंपरा हुई। इसके साथ ही गुरुवार से महाप्रभु को मंदिर परिसर में प्रभु का अस्थायी मंदिर बनाया गया। जहां उनकी पूजा-अर्चना होगी। महादेव स्नान पूर्णिमा के दिन से ही मउभंडार श्रीश्री जगन्नाथ मंदिर में महाप्रभु के भव्य मंदिर बनाने का काम शुरू हो गया। कमेटी ने सभी श्रद्धालुओं से इसमें अपनी इच्छानुसार सहयोग करने की अपील की है। भाई बलभद्र व बहन सुभद्रा संग हुआ प्रभु का देवस्नान : प्रभु जगन्नाथ की रथयात्रा को ले पूर्णिमा के अवसर पर गुरुवार को मुसाबनी और गालूडीह में स्थित जगन्नाथ मंदिरों में गुरुवार को देवस्नान पूर्णिमा उत्सव विधिविधान से मनाया गया। मुसाबनी स्थित श्रीश्री जगन्नाथ मंदिर में कोविड-19 गाइडलाइन का पालन करते हुए धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन हुआ। मंदिर के पुजारी पंडित अशोक देवता सहित पांच पंडितों द्वारा वैदिक रीति-रिवाज के साथ महाप्रभु जगन्नाथ, बलभद्र एवं सुभद्रा माता को पंचामृत से महास्नान कराया गया। श्रीजगन्नाथ सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष डा. जीसी सत्पथी, बीरेंद्र नारायण सिंह देव, बीबी पटनायक, अक्षय ब्रह्मा आदि ने महाप्रभु को पंचामृत से स्नान कराया। आगामी 9 जुलाई को नेत्र उत्सव, 10 जुलाई को नव यौवन दर्शन एवं 12 जुलाई को रथयात्रा का आयोजन होगा। महास्नान उत्सव में शंभूनाथ सत्पथी, निरंजन महापात्र, सनातन नाथ, अरविद यादव आदि भी उपस्थित रहे। दूसरी ओर गालूडीह के जोडिसा, महुलिया प्राचीन शिव मंदिर व राधाकृष्ण मिलन कुंज मंदिर में सादगी के साथ महाप्रभु जगन्नाथ को महास्नान कराया गया। कोरोना के कारण मंदिरों में विधि-विधान के साथ परंपरा का निर्वहन किया गया। दारीसाई राधाकृष्ण मिलन कुंज मंदिर में गुरुवार देवस्नान पूर्णिमा के अवसर पर बाबा विनय दास ने परंपरानुसार प्रभु जगन्नाथ, उनके बड़े भाई बलभद्र व बहन सुभद्रा की पूजा की है। इस अवसर पर 70 कलश के पवित्र जल से स्नान कराया गया। महिलाएं स्वर्णरेखा नदी के कुलियाना घाट से कलश यात्रा निकल कर मंदिर परिसर पहुंचीं। परंपरानुसार स्नान पूर्णिमा के दिन अत्यधिक जल से स्नान करने से महाप्रभु स्नान के पश्चात बीमार होकर 15 दिनों तक अनसर गृह चले गए। इस दौरान प्रभु का उपचार चलेगा।

chat bot
आपका साथी