कोरोना से लड़ी-जीती और फिर मैदान में कूद पड़ी, एेसी है डाॅ रीता चौहान की कहानी

कोरोना से जंग में पॉजिटिव हो गई थी डॉ. रीता चौहान। लड़ी-जीती और फिर से मैदान में कूद पड़ी। कोरोना को मात देकर डॉ. रीता मरीजों की तैयार कर रही रिपोर्ट। इन्हें सलाम करने से आप अपने खुद को शायद ही रोक पाएंगे।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Tue, 13 Apr 2021 09:46 PM (IST) Updated:Wed, 14 Apr 2021 09:37 AM (IST)
कोरोना से लड़ी-जीती और फिर मैदान में कूद पड़ी, एेसी है डाॅ रीता चौहान की कहानी
डॉ. रीता चौहान ने बताया कि जिस तरह से मरीजों की संख्या बढ़ रही है, वह चिंताजनक है।

अमित तिवारी, जमशेदपुर। contribution of Doctor Rita Chauhan of Jamshedpur   तू नारी है, शक्ति की अवतारी है। मौत भी तुझसे हारी है, तू सावित्री की अवतारी है। जी हां, उम्र के इस पड़ाव पर भी डॉ. रीता चौहान एक निडर और सफल लीडर की तरह कोरोना से जंग लड़ रही हैं। जोश, जज्बा से भरपूर महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. रीता चौहान।

झारखंड के पहले कोरोना जांच लैब की पूरी मजबूती के साथ कमान संभाली हुई है। हालांकि, इस दौरान चुनौतियां तो कई आईं लेकिन बुलंद इरादे की वजह से वह सब पीछे छूट गई। डॉ. रीता चौहान खुद बीते साल ड्यूटी के दौरान पॉजिटिव हो गई लेकिन, उनके चेहरे पर थोड़ी भी शिकन नहीं आई। खुद को आईसोलेट कर घर से ही लैब की निगरानी करती रहीं और उनकी रिपोर्ट निगेटिव आते ही फिर से वह काम पर लौट आई। न थके, न रुके। डॉ. रीता चौहान मैदान में डटी हुई हैं और कोरोना से जंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। डॉ. रीता चौहान को बड़ी जिम्मेवारी सौंपी गई है। उनकी देखरेख में सात अलग-अलग लैब संचालित हो रहा है, इसमें एक वायरोलॉजी लैब भी शामिल है जहां, सिर्फ कोरोना की जांच हो रही है।

11 मार्च को एमजीएम में हुई थी कोरोना जांच की शुरुआत

11 मार्च 2020 को झारखंड में सबसे पहले एमजीएम कॉलेज के वायरोलॉजी लैब में कोरोना जांच की शुरुआत हुई। तब से डॉ. रीता चौहान इस लैब की कमान संभाली हुई है। शुरुआती दौर में यहां पूरे प्रदेश से नमूना जांच के लिए आता था। लेकिन, उसके बाद धीरे-धीरे सभी जगहों जैसे रांची, धनबाद सहित अन्य जिलों में लैब खोला गया। फिलहाल एमजीएम में पश्चिमी सिंहभूम, सरायकेला-खरसावां व पूर्वी सिंहभूम जिले से नमूना जांच के लिए भेजा जाता है। यहां अभी तक साढ़े तीन लाख से अधिक लोगों की जांच हो चुकी है।

जल्द शुरू हो सकती है 24 घंटे जांच

डॉ. रीता चौहान ने बताया कि जिस तरह से मरीजों की संख्या बढ़ रही है, वह चिंताजनक है। लैब में फिलहाल सुबह नौ से रात 11 बजे तक जांच होती है लेकिन, अगर इसी तरह मरीजों की संख्या बढ़ते रही तो लैब को 24 घंटे शुरू करना पड़ सकता है। इसके लिए मैन पावर की जरूरत होगी, जिसका प्रस्ताव बनाकर विभाग को भेजा गया है। डॉ. रीता चौहान ने बताया कि जब कोरोना की पहली लहर आई थी तो तीनों जिला से टेक्नीशियन बुलाए गए थे और उसकी जरूरत फिर से महसूस होने लगी है। डॉ. रीता चौहान कहती है कि हमारी टीम पूरे जोश, जुनून के साथ काम कर रही है। उम्मीद है कि हम सब मिलाकर इसे हराने में कामयाब होंगे।

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