Indian Super League : जानिए, कौन है जमशेदपुर एफसी का यह सुपर ईगल
यह है इंडियन सुपर लीग में खेलने वाली जमशेदपुर एफसी के सुपर ईगल। नाम है स्टीफन एजे। नाइजीरिया के रहने वाले एजे को देखते ही मैदान पर विरोधियों के पसीने छूटने लगता है। उन्होंने कहा कप्तान पीटर हार्टले के साथ मैदान पर गजब का समन्वय होता है।
जमशेदपुर (जासं) : यह है इंडियन सुपर लीग में खेलने वाली जमशेदपुर एफसी के सुपर ईगल। नाम है स्टीफन एजे। नाइजीरिया के रहने वाले एजे को देखते ही मैदान पर विरोधियों के पसीने छूटने लगता है। उन्होंने कहा, कप्तान पीटर हार्टले के साथ मैदान पर गजब का समन्वय होता है। शुक्रवार को नार्थ ईस्ट यूनाइटेड के खिलाफ मैच के पूर्व स्टीफन एजे ने दैनिक जागरण से विशेष बात की। बातचीत के कुछ अंश....
मुंबई के खिलाफ मैच में दिखाई गई टीम भावना पर क्या कहेंगे
सबसे पहले मैं अपनी टीम के सभी साथियों को धन्यवाद देना चाहूंगा। शुरुआत में एक रेड कार्ड मिलने के बाद हम सब दबाव में थे। हमें 11 के बदले दस लोगों के साथ खेलना था। यह कभी आसान नहीं होता। लेकिन मैं टीम के प्रत्येक सदस्य को सलाम करता हूं कि उन्होंने इस चुनौतीपूर्ण घड़ी में लाजवाब प्रदर्शन किया।
पीटर हार्टले के साथ साझेदारी पर
मेरे लिए यह बहुत अच्छा है। पीटर हार्टले बहुत अनुभवी खिलाड़ी हैं। उन्होंने कई शीर्ष क्लब की ओर से खेला है और मैं उनसे काफी कुछ सीखने को मिलता है। हम एक-दूसरे से बात करते रहते हैं और सकारात्मक बातें कहते रहते हैं। जितनी ज्यादा सकारात्मक चीजें हम कहते हैं, ड्रेसिंग रूम का माहौल उतना ही बेहतर होता जाता है। हम एक दूसरे के साथ बहुत अच्छी समझ रखते हैं। जब दो सेंट्रल डिफेंडर एक-दूसरे को समझ सकते हैं और अच्छी तरह से संवाद कर सकते हैं, तो डिफेंस में आमतौर पर कोई समस्या नहीं होगी।
नॉर्थईस्ट यूनाइटेड के हमले को रोकने की रणनीति पर ...
मैं इसके बारे में ज्यादा नहीं कह सकता। यह खेल की रणनीति पर निर्भर करता है। मैं खेल की रणनीति को फिलहाल नहीं जानता, हम इसे मैच के पूर्व ही जान पाएंगे। लेकिन हमें उस खेल को खेलना चाहिए जिसे हम हमेशा खेलते हैं कॉम्पैक्ट और अनुशासित। साथ ही डिफेंस पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
23 दिन में सात मैच, इस पर आपका क्या कहना है।
आप जानते हैं कि हर तीन-चार दिन में एक मैच खेलना आसान नहीं है। लेकिन यह सब कुछ हमारे नियंत्रण में नहीं है। कोविड के कारण हर टीम को इसका सामना करना पड़ रहा है। हमें इसके साथ सामंजस्य बिठाना होगा और अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी।