Lifestyle : पारंपरिक सरसो तेल का जवाब नहीं, किसी भी कुकिंग तेल से ज्यादा बेहतर

Mustard Oil Benefits कुकिंग ऑयल कोई भी सेहत को नुकसान पहुंचाता है। लेकिन पारंपरिक सरसों तेल का आज भी जवाब नहीं। इसमें ऐसे पोषक तत्व होते हैं जो दूसरे कुकिंग ऑयल में नहीं होते। आज भी हम सभी के घर में दादी मां इसी तेल पर विश्वास करती हैं...

By Jitendra SinghEdited By: Publish:Wed, 29 Sep 2021 07:15 AM (IST) Updated:Wed, 29 Sep 2021 09:45 AM (IST)
Lifestyle : पारंपरिक सरसो तेल का जवाब नहीं, किसी भी कुकिंग तेल से ज्यादा बेहतर
पारंपरिक सरसो तेल का जवाब नहीं, किसी भी कुकिंग तेल से ज्यादा बेहतर

जमशेदपुर : कुकिंग ऑयल का सेहत पर गहरा असर करता है। सिर्फ खाने में तेल की मात्रा ही नहीं, बल्कि यह भी जरुरी है कि कौन सा तेल इस्तेमाल किया जा रहा है। मोटापा, हृदय रोग व अन्य बीमारियों से बचने के लिए बेहतर सरसों का तेल ही है। यह भारतीय खासतौर से उत्तर भारतीय घरों में इस्तेमाल होने वाला कॉमन कुकिंग है। केवल स्वाद ही नहीं, यह अपने स्वास्थ्य संबंधी लाभों के लिए भी जाना जाता है।

1. पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड : पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड कुकिंग ऑयल का एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है। इसमें ओमेगा तीन व ओमोगा छह फैटी एसिड होता है, जो स्वस्थ शरीर के लिए जरुरी है। सरसो के बीज से बनने वाले मस्टर्ड ऑयल में भरपूर मात्रा में पूफा पाया जाता है। सरसो तेल मे लगभग 21 प्रतिशत पूफा की मात्रा रहती है।

2. स्मोक पॉइंट: हर ऑयल का स्मोक पॉइंट वह तापमान है, जो तय करता है कि तेल को पकाना कब बंद कर देना चाहिए। इस तापमान से ज्यादा तेल को पकाया जाएगा तो वह अपने पौष्टिक तत्वों को खोकर हानिकारक रसायन उत्पन्न करने लगता है। सरसो तेल को स्मोक पॉइंट 249 डिग्री सेल्सियस है, जो एक अच्छे कुकिंग ऑयल का गुण होता है।

3. मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड : यह फैटी एसिड सैचुरेटेड फैट और ट्रांस फैट का बेहतरीन विकल्प है। वजन को नियंत्रण में रखने के लिए इसका उपयोग किया जा सकता है। इसके सेवन से हृदय रोगों से बचा जा सकता है। यह स्वस्थ रहने के लिए अच्छा कुकिंग ऑयल है।

जानिए सरसों के तेल का पोषण मूल्य

सरसों तेल में कई ऐसे पोषण तत्व है, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। यह मूफा, पूफा , सैचुरेटेड फैट, प्रोटीन व अन्य माइक्रो-न्यूट्रीएंट्ससे भरपूर है। जिससे वजन बढ़ने, हृदय रोग या अन्य समस्याओं का खतरा नहीं होता है।

आहार में सरसों का तेल इस्तेमाल करने के लाभ

यह माइ्रकोबियल ग्रोथ को रोकता है। सरसों के तेल में एंटी माइक्रोबिलय गुण होते हैं, जो हमारे शरीर में बैक्टीरिया केविकास को रोक सकता है। एक टेस्ट ट्यूब अध्ययन के अनुसार सफेद सरसों का तेल एस्चेरिचिया कोलाई, स्टैफिलोकोकस ऑरियम और बैसिलस सेरेस सहित कई खतरनाक बैक्टीरिया को रोकने में कारगर है। जो हमें स्वस्थ रखता है। हृदय की सेहत के लिए बेहतर : सरसो का तेल मोनोअनसैचुरेटेड फैट एसिड से भरपूर होता है। इस फैटी एसिड को कई तरह के लाभों से जोड़ा गया है। खासकर जब हृदय स्वास्थ्य की बात आती है। अध्ययनों से पता चलता है कि यह ट्राइग्लिसराइउ, ब्लड प्रेशर व ब्लड शुगर के स्तर को कम करने में मदद करते हैं। यह हृदय रोग के जोखिम को कम करता है।

कैंसर से लड़ने में मददगार: अध्ययन से पता चला है कि सरसों तेल कैंसर सेल्स को रोकन में कारगर है। इसमें मौजूद ओमेगा टू, पूफा कैंसर के जोखिम को कम करता है। इसके साथ ही लगातार सेवन से यह ट्यूमन के साइज को 50 प्रतिशत तक कम कर सकता है। वजन को नियंत्रित रखना: सरसों तेल में खाना बनाने से यह बड़ा फायदा है कि इससे वजन नियंत्रित में रहता है। सरसो तेल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करके गुड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को बढ़ावा देता है। त्वचा व बालों के लिए बेहतर: शुद्ध सरसो का तेल अक्सर बालों व त्वचा में लगाने से स्वास्थ्य बेहतर रहता है। इसे खाने में इस्तेमाल करने के साथ इसे सर पर भी लगाया जा सकता है। दर्द कम करने में सहायक: सरसो का तेज अक्सर बालों व त्वचा को बढ़ावा देता है। खाने में प्रयोग करने के साथ इसे सर पर भी लगाया जा सकता है। यह एक कमिकल कंपाउंड है जो शरीर के दर्द को दूर करता है। इसके सही मात्रा मे सेवन से पेन रिसेप्टर्स पर गहरा प्रभाव पड़ता है और वह ठीक हो जाता है। 

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