जानिए जौ के पानी का सेवन करने से कैसे मधुमेह रोगियों का ब्लड शुगर रहता है नियंत्रित
मधुमेह के मरीज अगर रोजाना सुबह जौ के पानी का सेवन करे तो उनका ब्लड शुगर नियंत्रित रहेगा। मधुमेह की बीमारी में ब्लड शुगर वाली रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करना अति आवश्यक होता है। क्योंकि ब्लड शुगर लेवल अनियंत्रित रूप से बढ़ता-घटता है।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर । मधुमेह के मरीज अगर रोजाना सुबह जौ के पानी का सेवन करे तो उनका ब्लड शुगर नियंत्रित रहेगा। मधुमेह की बीमारी में ब्लड शुगर वाली रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करना अति आवश्यक होता है। क्योंकि ब्लड शुगर लेवल अनियंत्रित रूप से बढ़ता-घटता है। आज के इस भाग दौड़ के जीवन में खराब खानपान व दिनचर्या में गड़बड़ी की वजह से ब्लड शुगर बीमारी हो रही है। दुनिया भर में इस मधुमेह की बीमारी बढती जा रही है। हरेक दस व्यक्ति में एक व्यक्ति इस रोग के शिकार हैं। एक अनुमान के मुताबिक भारत की जनसंख्या का 7.8 प्रतिशत हिस्सा डायबिटीज से ग्रसित है।
डायबिटीज के रोगियों को बराबर सतर्क रहना चाहिए। खानपान पर पूरा नियंत्रण रखना होगा तो दिनचर्या पर भी ध्यान रखना होगा। मधुमेह रोगियों का जब ब्लड शुगर बढ़ जाता है तो इसके कारण दिल का दौरा, ब्रेन स्ट्रोक, किडनी फिलियर व मल्टीपल ऑर्गन फेलियर जैसी कई गंभीर बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। मधुमेह रोगियों को अपने इलाज के साथ-साथ जीवन शैली में भी बदलाव आवश्यक है। ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने के लिए जौ का पानी काफी फायदेमंद है। जौ का पानी पोषक तत्वों से भरपूर जौ के पानी में पोटेशियम, मैग्नीशियम, प्रोटीन, विटामिन बी-सिक्स, फाइबर और लोहे की अच्छी मात्रा होती है। एंटी ऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर जौ का पानी ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद करता है। जौ के पानी का सेवन से जोखिम कम हो जाता है।
इस तरह करें सेवन
सुबह उठने के बाद जौ के पानी को छानकर पीएं, हो सके तो उसमें नीबु का रस भी डाल लें, और संधा नमक भी मिला सकते हैं। एक स्वस्थ व्यक्ति का सामान्य रक्त शर्कर का स्तर 70-99 एमजी के बीच होता है। खाना खाने के बाद व पहले ब्लड शुगर के स्तर की जांच हो सकती है। मधुमेह के मरीज ड्राई फ्रुट्स, सेव, काले शतूल, ब्ले बैरीज, आड़ू, कीन और स्ट्रॉबेरी आदि को अपने भोजन में शामिल कर सकते हैं। इसके सेवन से रक्त शर्करा कास्तर नियंत्रित रहेगा तथा मधुमेह रोगियों को कमजोरी नहीं होगी।