जानिए कैसे मैदा बना सकती है गंभीर बीमारी का शिकार, आंतों मे कैसे है चिपकने का खतरा
शायद बहुत कम लोग जानते होंगे कि पिज्जा बर्गर मोमोज बिस्किट आदि बनाने के लिए भी मैदे का प्रयोग किया जाता है जो कहीं न कहीं हमारी सेहत को बुरी तरह प्रभावित करते हैं। इन चीजों का अधिक सेवन लोगों को बीमार कर सकता है।
जमशेदपुर, जागरण संवाददाता। शहरी जिंदगी में ज्यातातर लोग सुबह के समय ब्रेड खाना पसंद करते हैं। इसके अलावा मैदे का पराठा, पूड़ी, कुल्चा, नान आदि भी लोग खूब खाते हैं। शायद बहुत कम लोग जानते होंगे कि पिज्जा, बर्गर, मोमोज, बिस्किट आदि बनाने के लिए भी मैदे का प्रयोग किया जाता है जो कहीं न कहीं हमारी सेहत को बुरी तरह प्रभावित करते हैं। इन चीजों का अधिक सेवन लोगों को बीमार कर सकता है।
जानें कैसे तैयार होता है मैदा
डाइट एक्सपर्ट डॉक्टर रंजना सिंह के मुताबिक आटा व मैदा दोनों ही गेंहू से बनते हैं, लेकिन दोनों को बनाने का प्रोसेस अलग-अलग होता है। आटा बनाने समय गेंहू की ऊपरी छिलके को निकाला नहीं जाता, जो एक बेहतरी डाइटरी फाइवर होता है। यह हमारे शरीर के लिए बहुत ही जरूरी तत्व होते हैं वहीं मैदा बनाने की प्रक्रिया में आटे को और अधिक महीन पीसा जाता है और फाइवर को हटा दिया जाता है, जिससे कोई पोषकक तत्व और डाइडरी फाइवर इसमें नहीं बच पाते, लिहाजा ये सेहत के लिए नुकसानदायी है।
शरीर के लिए कैसे नुकसानदायक है मैदा
डाॅक्टर रंजना सिंह बताती है कि डाइटरी फाइवर के अभाव में मैदा बहुत चिकना और महीन हो जाता है। जिससे आंतों में यह चिपकने लगता है। इस वजह से कब्ज की समस्या भी हो सकती है और इनडाइलेशन का कारण भी यह बन सकता है।
मैदा और इससे तैयार चीजों का सेवन करने के नुकसान
कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है। डाइट एक्सपर्ट डॉक्टर रंजना सिंह की माने तो मैदा में अत्यधिक मात्रा में स्टार्च होता है, जिसके सेवन से मोटापा की संभावना बढ़ जाती है।
ज्यादा मैदा खाने से क्या होता है
मैदा खाने ब्लड शुगर लेवल तेजी से बढ़ता है जिसकी वजह से खून में ग्लूकोज जमने लगता है। मैदे को आटे से बनाया जाता है लेकिन मैदा बनाने के प्रोसेस में आटे का सारा प्रोटीन नष्ट हो जाता है जिसकी वजह से ये एसिडिक बन जाता है जो हड्डियों से कैल्शियम को खींचकर हड्डियों को कमजोर करने का काम करता है।