कोविड मरीजों की जान बचाने में आगे रहा किडनी केयर, ढ़ाई हजार का हुआ इलाज

Kidney Care and Dialysis Center. आयुष्मान योजना से भी किडनी केयर जुड़ा हुआ है। इसके तहत मरीजों का मुफ्त डायलिसिस होता है। साथ ही हीमोग्लोबिन जांच व आवश्यक दवाइयां भी मुफ्त में दी जाती है। सेंटर में विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम मौजूद है।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Wed, 24 Feb 2021 04:34 PM (IST) Updated:Wed, 24 Feb 2021 04:34 PM (IST)
कोविड मरीजों की जान बचाने में आगे रहा किडनी केयर, ढ़ाई हजार का हुआ इलाज
किडनी केयर एवं डायलिसिस सेंटर मरीजों की जान बचाने में आगे रहा।

जमशेदपुर, जासं। Kidney Care and Dialysis Center लॉकडाउन के दौरान जहां शहर के अधिकांश नर्सिंग होम व क्लीनिक बंद रहा वहीं, साकची स्थित किडनी केयर एवं डायलिसिस सेंटर मरीजों की जान बचाने में आगे रहा।

जिला प्रशासन की ओर से किडनी मरीजों के डायलिसिस के लिए किडनी केयर एवं डायलिसिस सेंटर व महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल को चिन्हित किया गया था। लेकिन, एमजीएम के डायलिसिस सेंटर प्रबंधन ने इस निर्देश को मानने से इंकार कर दिया। जबकि किडनी केयर ने इस कार्य को बखूबी निभाया। इससे मरीजों को इलाज आसानी से मिल सका और उनकी जान बची। लॉकडाउन के दौरान किडनी केयर में लगभग ढ़ाई हजार मरीजों का इलाज हुआ। इसमें 78 किडनी मरीज कोरोना संक्रमित हो गए थे। उनका भी डायलिसिस किया गया। कोरोना संक्रमित मरीजों के डायलिसिस के लिए अलग से सेंटर स्थापित की गई थी, जिसमें दो मशीन लगी हुई थी।

कई गड़बड़ी सामने आई थी

दरअसल, किडनी मरीजों में कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए डीसी सूरज कुमार ने एमजीएम अस्पताल में पीपीपी मोड पर संचालित डायलिसिस सेंटर को भी डायलिसिस करने का निर्देश दिया था लेकिन, उनके द्वारा नहीं माना गया। इसकी शिकायत स्वास्थ्य विभाग से भी की गई थी। हाल ही में निरीक्षण करने स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव केके सोन एमजीएम अस्पताल आए थे तब भी यह मामला जोर पकड़ा। सचिव ने एमजीएम डायलिसिस सेंटर के पदाधिकारियों को कड़ी चेतावनी देते हुए दोबारा इस तरह की गलती नहीं करने का निर्देश दिया था। वहीं, एमजीएम डायलिसिस सेंटर में और भी कई गड़बड़ी सामने आई थी, जिसे दूर करने का निर्देश दिया गया था।

टेक्नीशियन व नर्स संक्रमित हुई फिर भी मरीजों को दी गई सेवा

किडनी केयर एवं डायलिसिस सेंटर के डायरेक्टर जितेंद्र शर्मा ने बताया कि कोरोना काल के दौरान मरीजों की सेवा करते-करते सेंटर के दो टेक्नीशियन व एक नर्स भी संक्रमित हो गई। लेकिन, इसके बावजूद सेंटर को बंद नहीं किया गया। कारण, कि अगर सेंटर बंद हो जाता तो मरीजों की परेशानी और बढ़ जाती। उनका डायलिसिस होना मुश्किल हो जाता। एेसे में सेंटर को खोल कर रखा गया। अगर इस दौरान कोई कर्मचारी संक्रमित होता था तो सेंटर के सारे कर्मचारियों की जांच कराया जाता था। उसके बाद सभी कार्य में जुट जाते थे। सेंटर में कोरोना संक्रमित मरीजों के पूरे शरीर को सैनिटाइज करने की व्यवस्था की गई थी। ताकि संक्रमण कम से कम फैले।

आयुष्मान योजना भी जुड़ा है किडनी केयर

आयुष्मान योजना से भी किडनी केयर जुड़ा हुआ है। इसके तहत मरीजों का मुफ्त डायलिसिस होता है। साथ ही हीमोग्लोबिन जांच व आवश्यक दवाइयां भी मुफ्त में दी जाती है। सेंटर में विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम मौजूद है, जो मरीजों को खान-पान की सलाह देने के साथ-साथ उनका इलाज करती है। यहां किडनी प्रत्यारोपण से संबंधित प्रक्रिया भी की जाती है। प्रत्यारोपण के लिए मरीज को रांची भेजा जाता है। अभी तक नौ मरीजों का किडनी प्रत्यारोपण सफलतापूर्व हो चुका है।

- जितेंद्र शर्मा, डायरेक्टर, किडनी केयर एवं डायलिसिस सेंटर।

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