Durga Puja 2020 : जुगसलाई क्षेत्र के सभी दुर्गापूजा पंडाल व मंदिर में रखे गए खाद कलश

जुगसलाई नगर परिषद क्षेत्र के मंदिरों व पूजा पंडाल में एक-एक कलश रखे गए हैं। इसका नाम खाद कलश रखा गया है। इस खाद कलश में मंदिर व पंडाल में मां दुर्गा की पूजा के दौरान निकलने वाले फूल फल बेलपत्र व अन्य पूजन सामग्री को जमा किया जाएगा।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Tue, 20 Oct 2020 09:43 AM (IST) Updated:Tue, 20 Oct 2020 05:40 PM (IST)
Durga Puja 2020 : जुगसलाई क्षेत्र के सभी दुर्गापूजा पंडाल व मंदिर में रखे गए खाद कलश
खाद कलश एक प्रकार का मिट्टी से बना छिद्र युक्त कलश है।

जमशेदपुर, जासं।  दुर्गापूजा के साथ ही आने वाले पर्व त्यौहारों के मद्देनजर जुगसलाई नगर परिषद क्षेत्र के मंदिरों व पूजा पंडाल में एक-एक कलश रखे गए हैं। इसका नाम खाद कलश रखा गया है। इस खाद कलश में मंदिर व पंडाल में मां दुर्गा की पूजा के दौरान निकलने वाले फूल फल बेलपत्र व अन्य पूजन सामग्री को जमा किया जाएगा। 

 जुगसलाई नगर पालिका के विशेष कार्यपदाधिकारी जगदीश प्रसाद यादव ने इसकी स्थापना के लिए आदेश निर्गत किया। उन्होंने बताया कि हम पूजा पाठ और तीज त्योहार बहुत ही खुशी व उत्साह से मनाते हैं। घर में पूजा करते हैं।  पंडालों में मूर्तियों की स्थापना होती है। माहौल बहुत ही भक्तिमय होता है परन्तु हम कुछ चीजों पर ध्यान नहीं देते हैं। पूजा पाठ के दौरान लगभग कई टन चढ़ाए हुए पुष्प, बेलपत्र निकलते हैं जिनमें सिंदूर वगैरह मिला होता है।  पूजा के बाद सारे पुष्प को जल स्त्रोतों जैसे नदी, तालाब में प्रवाहित कर दिया जाता है, जो जल प्रदूषण का कारण बनता है । फूलों में मौजूद सिंदूर में हानिकारक तत्व होते हैं जो जलीय जंतु जैसे मछलियों को नुक़सान पहुंचाते है । साथ ही पीने के लिए मानव स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक है। यही कारण है कि पूजा पाठ की सामग्री से प्रदूषण को रोकने के लिए बड़े स्तर पर जुगसलाई नगर परिषद् द्वारा सभी दुर्गा पूजा स्थलों तथा मंदिरों में खाद कलश स्थापित किया गया है।

बनाए जाएंगे खाद 

 जुगसलाई नगर परिषद की ठोस कचड़ा प्रबंधन विशेषज्ञ सोनी कुमारी ने बताया कि खाद कलश एक प्रकार का मिट्टी से बना छिद्र युक्त कलश है जिसमें पूजा के बाद उपयोग किए पुष्प, बेलपत्र, धूप, एवं अगरबत्तियों के राख को डाल कर उसे वहीं पर पर खाद में परिवर्तित करना उद्देश्य है। उन्होंने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत चढ़ाएं हुए फूलों को वहीं पर निष्तारित करने से जल प्रदूषण को रोका जा सकता है। सोनी ने बताया कि मंदिरों में भी खाद- कलश स्थापित किया गया है ताकि जुगसलाई निवासी अपने घरों से निकलने वाली पूजा सामग्री को मंदिर में जाकर डाल सकते हैं। उन्होंने बताया कि इससे खाद का निर्माण होगा जिसका उपयोग पौधों में किया जाएगा। विशेष पदाधिकारी ने आम जनों से अनुरोध किया है कि पूजा पाठ में उपयोग की गई सामग्री को खाद कलश में ही डालें और पर्यावरण को स्वच्छ बनाने में मदद करें।

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