Kargil Vijay Divas : हाथ गगन की ओर उठाकर भारत मां की जय बोलो, जमशेदपुर के साहित्यकारों ने कारगिल के बलिदानियों को दी भावपूर्ण श्रद्धांजलि

करगिल विजय दिवस के मौके पर अंतरराष्ट्रीय साहित्य कला संगम साहित्योदय के मंच पर साहित्य संग्राम का भव्य एपिसोड संपन्न हुआ। इस मौके पर देश के दिग्गज ओज-कवियों ने काव्यपाठ किया और कारगिल युद्ध की वीरता को याद किया।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Mon, 26 Jul 2021 03:22 PM (IST) Updated:Mon, 26 Jul 2021 03:22 PM (IST)
Kargil Vijay Divas : हाथ गगन की ओर उठाकर भारत मां की जय बोलो, जमशेदपुर के साहित्यकारों ने कारगिल के बलिदानियों को दी भावपूर्ण श्रद्धांजलि
कर्नल पीटी विजय ने सभी जवानों को याद करते हुए कई रोचक प्रसंग सुनाए।

जमशेदपुर, जासं। करगिल विजय दिवस के मौके पर अंतरराष्ट्रीय साहित्य कला संगम साहित्योदय के मंच पर साहित्य संग्राम का भव्य एपिसोड संपन्न हुआ। इस मौके पर देश के दिग्गज ओज-कवियों ने काव्यपाठ किया और कारगिल युद्ध की वीरता को याद किया। कार्यक्रम की शुरुआत फौजी पत्नी मीरा नायर के देशभक्ति गीतों से हुई।

मुख्य अतिथि करगिल युद्ध में कैप्टन रहे कर्नल पीटी विजय ने सभी जवानों को याद करते हुए कई रोचक प्रसंग सुनाए। प्रख्यात ओज कवि अजय अंजाम ने ‘हाथ गगन की ओर उठाकर भारत मां की जय बोलो’... सहित वीरता के कई गीत गाए। सिवनी की ओज कवयित्री अपर्णा अतुल दुबे ने ‘बन गए फौलाद वो सरहद पे जाके डट गए...’, जमशेदपुर की कवयित्री वीणा पांडेय ने ‘माटी की सौगंध हमें है कदम हमारे बढ़े सदा...’ और हैदराबाद से सुदेष्णा सामंत ने ‘नापाक इरादे दुश्मन के थे...’ सुनाकर कारगिल युद्ध की घटना को जीवंत कर दिया। संचालन करते हुए पंकज प्रियम ने ‘जब सीमा पे चलती गोली, लहू खेलती हमसे होली...’ फौजी और उसकी पत्नी के बीच के मार्मिक संवाद को इतनी खूबसूरती से प्रस्तुत किया कि कर्नल विजय भावुक हो उठे। अंत में वीर शहीदों को नमन कर कार्यक्रम का समापन किया गया। इस मौके पर कर्नल पीटी विजय को ‘साहित्योदय जय हिंद सम्मान’ के साथ अन्य कवियों को भी सम्मानित किया गया। ज्ञात हो कि 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है।

इनकी रही उपस्थिति

संस्थापक अध्यक्ष पंकज प्रियम ने बताया कि साहित्योदय पिछले कई वर्षों से साहित्य कला और संस्कृति के उत्थान में लगा है। इस कोरोनाकाल में साहित्योदय ने दो हजार से अधिक आयोजन किए और सैकड़ों सम्मान प्रतियोगिता आयोजित किया। 16 सितंबर को तृतीय स्थापना दिवस पर कई कार्यक्रम होने हैं। कार्यक्रम को सफल बनाने में डा. बुद्धिनाथ मिश्र, संजय करुणेश, सुनील सिंह बादल, राकेश तिवारी, डा. रजनी चंदा, गीता चौबे, सुदेष्णा सामंत, अजय अंजाम, मीरा नायर, सुरेंद्र उपाध्याय, सदानंद सिंह यादव, किशोरी भूषण, सुजाता प्रिय, सीमा सिन्हा, अनामिका अनु, सुशांत पाठक, खुशबू बर्णवाल, डा. कल्याणी कबीर और संतोष चौबे सहित तमाम साहित्योदय टीम की उपस्थिति रही।

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