नवपत्रिका प्रवेश के साथ देवी की आराधना शुरू, निकाली गई कलश यात्रा

शीतला मंदिर में सुबह कलश यात्रा निकाली गई। स्वर्णरेखा नदी के मानगो घाट से श्रद्धालुओं ने कलश यात्रा निकालकर शीतला मंदिर में स्थापित किया।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 23 Oct 2020 07:58 PM (IST) Updated:Sat, 24 Oct 2020 07:45 AM (IST)
नवपत्रिका प्रवेश के साथ देवी की आराधना शुरू, निकाली गई कलश यात्रा
नवपत्रिका प्रवेश के साथ देवी की आराधना शुरू, निकाली गई कलश यात्रा

जासं, जमशेदपुर : शारदीय नवरात्र के सातवें दिन शुक्रवार को नवपत्रिका प्रवेश के साथ मां दुर्गा की विधिवत आराधना शुरू हो गई। सुबह गाजे-बाजे के साथ श्रद्धालु नदी व तालाबों में कलश लेकर गए, जहां पर माता स्वरूप केले के पौधे का विधि-विधान से पूजन किया गया। इसके बाद सभी लोगों ने जल तथा केले के पौधे को लेकर पूजा मंडप में प्रवेश किया। मंदिर और पूजा पंडाल पहुंचने पर श्रद्धालुओं ने शंख बजाकर और ढाक व घंटे की मंगलध्वनि के साथ मां का स्वागत किया। यहां माता की विधिवत प्राण प्रतिष्ठा और आराधना की गई।

कोरोना महामारी के कारण श्रद्धालुओं की संख्या कम रही। सोसाइटी एवं पंडालों में ध्वनिविस्तारक यंत्र से मां दुर्गा की स्तुति तथा मंत्रोच्चारण सुनाई देते रहे। मंदिरों में भी विधिवत पूजा-अर्चना की गई। शीतला मंदिर में सुबह कलश यात्रा निकाली गई। स्वर्णरेखा नदी के मानगो घाट से श्रद्धालुओं ने कलश यात्रा निकालकर शीतला मंदिर में स्थापित किया। इसके साथ ही महानवमी तक माता की विधिवत आराधना की जाएगी। दिन में सप्तमी विहित पूजा-अर्चना के बाद कई पूजा पंडालों में महाअष्टमी पूजन की तैयारी प्रारंभ हो गई। शनिवार को महाष्टमी पूजा की जाएगी। महाअष्टमी का पूजन भक्तों को सुबह 11:27 तक कर लेना है। इसके बाद संधि पूजा प्रारंभ होगी।

अलग-अलग टोली बनाकर कराई पूजा :

साकची स्थित शीतला मंदिर में सप्तमी के मौके पर कई श्रद्धालु देवी के दर्शन-पूजन के लिए पहुंचे। यहां मंदिर प्रबंधन समिति ने कोरोना को लेकर सुरक्षा की व्यवस्था की थी। श्रद्धालुओं की अलग-अलग टोली बनाकर दर्शन-पूजन कराया जा रहा था। मंदिर कमेटी के राजू वाजपेयी ने बताया कि कोरोना संक्रमण को लेकर सरकार के गाइडलाइन के तहत मंदिर में बगैर मास्क के अंदर प्रवेश नहीं करने दिया गया।

वहीं कदमा के रंकिणी मंदिर परिसर स्थित राम मंदिर प्रांगण में इस वर्ष दुर्गा पूजा किया जा रहा है। चारों ओर ग्रिल से बंद मंदिर में देवी दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की गई हैं, जहां सिर्फ पुजारी ही अंदर जा रहे हैं। मंदिर आने वाले श्रद्धालु ग्रिल के बाहर से ही देवी के दर्शन कर वापस लौट रहे हैं। मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं को गेट पर ही सुरक्षाकर्मी सैनिटाजर दे रहे हैं और बगैर मास्क पहने श्रद्धालुओं को अंदर प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा था।

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