ICAI Exam : इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया पर छात्रों ने उठाई ऊंगली, इंटरनेट मीडिया पर छेड़ी बहस, परीक्षा के विलय का विरोध
ICAI Exam इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICAI) के एक निर्णय से उसकी इंटरनेट मीडिया पर खूब फजीहत हो रही है। सीएमएआई का जून व दिसंबर का एक साथ एग्जाम लेने से छात्र इस निर्णय पर अंगुली उठा रहे हैं...
जमशेदपुर, जासं। इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICMAI) ने जून और दिसंबर 2021 सत्र के लिए इंटरमीडिएट और अंतिम परीक्षा को एक साथ लेने का निर्णय लिया है। इस निर्णय को संस्थान ने अधिसूचित कर दिया है। इस परीक्षा को 21 से 28 अक्टूबर तक होगी।
जून की परीक्षा को दिसंबर में किया गया विलय
जून की परीक्षा स्थगित करते हुए इसे दिसंबर माह में विलय करने के निर्णय के बाद इंटरनेट मीडिया पर छात्रों ने बहस छेड़ रखी है। संस्थान को भेजे गए ट्वीट में कई छात्रों ने आइसीएमएआइ प्रबंधन पर ऊंगली उठा रहे हैं। कह रहे हैं कि संस्थान को ऑनलाइन के बजाय ऑफलाइन परीक्षा आयोजित करना चाहिए। छात्रों ने ट्वीट के माध्यम से जानना चाहा है कि आखिरकार वे अपरिहार्य परिस्थितियां क्या है, जिसके कारण संस्थान ने परीक्षाओं का विलय कर दिया।
छात्रों ने संस्थान को बताया है कि यह एक पेशेवर पाठ्यक्रम है। परीक्षा को समय पर आयोजित न कर पाने का मतलब है कि प्रबंधन के पास परीक्षा संचालन के लिए कोई वैकल्पिक उपाय नहीं था, जैसा की अन्य परीक्षाओं में किया गया। आइसीएमएआइ को परीक्षा आयोजित नहीं करने के कारण स्पष्ट करना चाहिए।
ICMAI के फैसले से छात्र चिंतित
छात्रों का कहना है कि वे पिछले एक साल से परीक्षा के लिए संघर्ष कर रहे हैं। ऐसे में छात्र संस्थान के फैसले से चिंतित है। छात्रों ने ट्वीट में स्पष्ट रूप से बताया है कि उनका तीन साल खराब हो गया है। ऑफलाइन परीक्षाओं का समर्थन करने वाले एक ट्वीट में कहा गया है कि अगर आप इतने सारे छात्रों पर प्रयोग करने और अपना समय बर्बाद करने के बाद भी ऑनलाइन परीक्षा देने में सक्षम नहीं हैं तो ऑफलाइन परीक्षाएं ली जानी चाहिए। ट्वीट में लिखा है कि आईसीएमएआई पिछले 10 महीने में परीक्षा क्यों नहीं ले पाया है? इतिहास में इतना बड़ा कुप्रबंधन क्यों हुआ? हम न्याय चाहते हैं।