JRD Birth Anniversary : साइंस में अच्छे नंबर लाकर एयरफोर्स में करियर बना सकते हैं युवा Jamshedpur News
कारगिल युद्ध में शामिल रहे अनुपम कथूरिया बुधवार को टाटा स्टील द्वारा जेआरडी टाटा की 116वीं जयंती पर आयोजित वेबिनार में स्कूली बच्चों को संबोधित कर रहे थे।
जमशेदपुर (जागरण संवाददाता)। JRD Birth Anniversary : कारगिल युद्ध में शामिल रह चुके व वर्तमान में टाटा स्टील में कार्यरत कैप्टन अनुपम कथूरिया ने कहा है कि देश के युवा चाहे तो एयरफोर्स में अपना करियर बना सकते हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें कमीशन की परीक्षा और एनडीए पास करना होगा। इसके लिए उन्हें 12वीं में साइंस विषय में अच्छे नंबर से पास होना होगा।
अनुपम कथूरिया बुधवार को टाटा स्टील द्वारा जेआरडी टाटा की 116वीं जयंती पर आयोजित वेबिनार में स्कूली बच्चों को संबोधित कर रहे थे। जमशेदपुर शहर के विभिन्न स्कूलों के बच्चों को उन्होंने थल सेना, वायुसेना और नौसेना में उपयोग में आने वाले विमानों की जानकारी दी। अपाचे, नेप्चर, चेतक जैसे हेलीकॉप्टर का कब और कैसे उपयोग होता है, इसकी विस्तार से जानकारी दी।
आठ अक्टूबर 1932 को स्थापित भारतीय वायुसेना विश्व की चौथी सबसे बड़ी वायुसेना
उन्होंने बताया कि आठ अक्टूबर 1932 को स्थापित भारतीय वायुसेना विश्व की चौथी सबसे बड़ी वायुसेना है, जिसका उद्देश्य देश के आकाश को दुश्मनों से सुरक्षित रखना है। वहीं, वेबिनार का संचालन कर रहे नीरज मदान ने बताया कि जेआरडी टाटा इंडियन एविएशन के गॉडफादर थे। भारतीय वायुसेना ने उन्हें एयर वाइस मार्शल के पद से सम्मानित किया। यह संयोग ही है कि उनकी जयंती पर वायुसेना को राफेल जैसा फाइटर प्लेन मिल रहा है। इस मौके पर सोनारी एयरपोर्ट के पायलट अभिजीत चौधरी व हरप्रीत बेन्स ने बताया कि कैसे उन्हें पायलट बनने की प्रेरणा मिली।
टाटा स्टील के एयरो मॉडलिंग शो से मिली पायलट बनने की प्रेरणा
अभिजीत ने बताया कि वे वर्ष 2012 में टाटा स्टील द्वारा सोनारी एयरपोर्ट में आयोजित एरो मॉडलिंग शो देखने पहुंचे थे। यहीं उन्होंने तय कर लिया था कि उन्हें पायलट बनना है। वहीं, सोनारी एयरपोर्ट में सीनियर एविएशन इंजीनियर अरिजीत बोस ने बताया कि एविएशन इंजीनियङ्क्षरग के क्षेत्र में भी युवाओं के पास अच्छा मौका है। 12वीं के बाद वे डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन द्वारा मान्यता प्राप्त किसी भी कॉलेज से एविएशन इंजीनियङ्क्षरग का कोर्स कर सकते हैं। वे चाहे तो जेट इंजीनियर, एरोप्लेन पिस्टन इंजन, हेलीकॉप्टर जेट इंजन सहित अन्य विधाओं में परांगत हो सकते हैं। इस मौके पर विभिन्न स्कूलों के लगभग 700 बच्चों ने पायलट से कई सवाल भी पूछा।