JPSC PT Examination 2021: जेपीएससी प्रारंभिक परीक्षा की एक और गड़बड़ी सामने आई, जानिए

JPSC PT Examination 2021 झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग (जेपीएससी) प्रारंभिक परीक्षा की एक और गड़बड़ी सामने आई है। ताजा मामला एक प्रश्न का है जिसमें पूछा गया था कि झारखंड में अंग्रेज किस रास्ते से आए थे। इसके वैकल्पिक उत्तर (आंसर की) में ‘पलामू’ लिखा था।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Fri, 24 Sep 2021 03:52 PM (IST) Updated:Fri, 24 Sep 2021 03:52 PM (IST)
JPSC PT Examination 2021: जेपीएससी प्रारंभिक परीक्षा की एक और गड़बड़ी सामने आई, जानिए
जेपीएससी पीटी परीक्षा से जुडा नया विवाद सामने आया है।

जासं, जमशेदपुर। झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग (जेपीएससी) प्रारंभिक परीक्षा की एक और गड़बड़ी सामने आई है। ताजा मामला एक प्रश्न का है, जिसमें पूछा गया था कि झारखंड में अंग्रेज किस रास्ते से आए थे। इसके वैकल्पिक उत्तर (आंसर की) में ‘पलामू’ लिखा था। हद तो तब हो गई, जब झारखंड गवर्नमेंट जाब्स-एक्जाम हेल्पर ने अपने फेसबुक पेज पर पूर्व सांसद शैलेंद्र महतो की पुस्तक ‘झारखंड में विद्रोह का इतिहास’ का मुखपृष्ठ के साथ इस जवाब को जोड़ दिया।

शैलेंद्र महतो ने कहा कि जब मुझे इसकी जानकारी मिली, तो फेसबुक पेज के फोन नंबर पर कॉल करके कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी। इस पर उसने तत्काल इस पोस्ट को डिलीट कर दिया और फेसबुक पेज पर भी सार्वजनिक रूप से माफी मांगी है। महतो ने बताया कि मैंने अपनी पुस्तक में लिखा है कि झारखंड में अंग्रेज धालभूमगढ़ (इस्टेट) के रास्ते से आए थे, जो अभी पूर्वी सिंहभूम जिले में है। उस वक्त सिंहभूम भी नहीं बना था। मुझे आपत्ति इस बात को लेकर थी कि खुद गलती करके उसमें मुझे सहभागी बनाने की कोशिश क्यों की गई। बाद में फेसबुक पेज पर माफीनामा के साथ उस संस्था ने लिखा है कि पलामू की बात प्रभाकर तिर्की की पुस्तक ‘झारखंड : आदिवासी विकास का सच’ में लिखी है।

गलत सवाल से परीक्षार्थी नहीं हों परेशान

झारखंड लोक सेवा आयोग की प्रारंभिक परीक्षा में अगर सवाल गलत पूछे गए तो अभ्यर्थियों को परेशान होने की जरूरत नहीं है। अगर सवाल गलत है या फिर विकल्प गलत है तो अभ्यर्थियों को एक समान अंक दिए जाएंगे। वर्तमान में जेपीएससी ने आंसर की जारी करने के लिए विशेषज्ञों की टीम बनाई है। आंसर की में छात्रों की आपत्ति होने पर उक्त प्रश्न के निर्धारित अंक के समान अंक दिए जाएंगे। साथ ही अन्य विकल्प पर भी जेपीएससी विचार कर रहा है। अगर प्रश्न गड़बड़ थे या विकल्प गड़बड़ था तो आयोग उस प्रश्न को ही छोड़ देगा तथा छोड़े गए प्रश्न के अंक को कुल अंक से हटा देगा। उदाहरण स्वरूप चार प्रश्न या विकल्प गलत थे तो कुल आठ अंक में कटौती की जाएगी तथा कुल 190 अंक के आधार पर परिणाम का प्रकाशन होगा और आंसर की भी इसी आधार पर तैयार होगी।

दो सौ अंकों की थी परीक्षा

मालूम हो कि जेपीएससी प्रारंभिक परीक्षा कुल 200 अंक की थी। आंसर की विशेषज्ञों की टीम के अनुमोदन के बाद जेपीएससी एक माह के अंदर ही जारी कर देगा। इस संबंध में जेपीएससी के चेयरमैन अमिताभ चौधरी द्वारा अपने पदाधिकारियों व कर्मचारियों को दिशा-निर्देश जारी किए जा रहे हैं। अभ्यर्थियों को परेशानी न हो यह भी देखा जा रहा है। उन्होंने बताया कि चूंकि मई में ही प्रश्न पत्र तैयार हो गए थे और सभी सीलबंद थे। इस कारण इसके साथ छेड़छाड़ करना मुश्किल था। हां अन्य विकल्पों पर विचार किया जा रहा है।

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