JPSC PT 2021: जेपीएससी की परीक्षा में 60 प्रतिशत अभ्यर्थी अनुपस्थित, छात्रों की बेरुखी को लेकर उठ रहे सवाल
JPSC PT 2021 झारखंड लोकसेवा आयोग की पीटी परीक्षा मेंं साठ प्रतिशत परीक्षार्थी अनुपस्थित रहे। पहली पाली की परीक्षा समाप्त हो गयी है। पूर्वी सिंहभूम जिला में 101 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। घाटशिला अनुमंडल में 11 तथा अन्य सभी केंद्र धालभूम अनुमंडल में बनाए गए हैं।
जमशेदपुर, जागरण संवाददाता। झारखंड लोकसेवा आयोग यानि जेपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा मेंं 60 प्रतिशत परीक्षार्थी अनुपस्थित रहे। पहली पाली की परीक्षा समाप्त हो गई है। पहली पानी राष्ट्रीय स्तर के सामान्य ज्ञान के प्रश्न पूछे गए थे। परीक्षा देकर बाहर निकले अभ्यर्थियों ने बताया कि कुल 100 प्रश्न थे और सबके लिए दो-दो अंक निर्धारित थे। सभी प्रश्न वस्तुनिष्ठ थे। प्रश्न पत्र सामान्य रहें। दूसरी पाली में झारखंड के सामान्य ज्ञान की परीक्षा होगी। पूर्वी सिंहभूम जिला में इस परीक्षा को लेकर 101 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। घाटशिला अनुमंडल में 11 तथा अन्य सभी केंद्र धालभूम अनुमंडल यानि शहरी क्षेत्र में बनाए गए हैं। शहरी क्षेत्र में बनाए 90 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। जेपीसएसी की प्रारंभिक परीक्षा में छात्रों की बेरुखी को लेकर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं।
उपायुक्त ने किया परीक्षा केंद्रों का निरीक्षण
पूर्वी सिंहभूम जिला के उपायुक्त सूरज कुमार ने शहर के कई परीक्षा केंद्रों का निरीक्षण किया तथा इस दौरान व्यवस्थाओं का जायजा लिया तथा केंद्राधीक्षकों को परीक्षा को सुचारू रूप से संचालन के लिए धन्यवाद दिया। उपायुक्त परीक्षा कक्ष में घुसकर छात्रों के बैठने के तरीके व अन्य व्यवस्थाओं को देखा। इस दौरान उन्होंने आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
न्यायालय व सरकार के कारण रूचि हुई हुई कम
जेपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा में छात्रों की बहुत कम उपस्थिति के सवाल पर छात्रों ने कहा कि जेपीएससी द्वारा संचालित परीक्षाएं सरकार व न्यायालय के बीच पिस कर रह जाती है। कोई नतीजा नहीं निकलता। अंतत: अभ्यर्थियों को ही इसका नतीजा भुगतना पड़ता है। जुगसलाई के छात्र जगजीत सिंह व गोपालगंज के छात्र अभिषेक कुमार बताते हैं कि अभी भी कई मामलों का निबटारा न तो राज्य सरकार के स्तर से हो पाया है और न ही न्यायालय के स्तर से। आखिर छात्र परीक्षा क्यों दे। छात्रों की उपस्थिति कम होने का सबसे कारण सरकार व न्यायालय में चल रहे मामलें है। इसके बाद कोविड और यातायात व्यवस्था है।