तीन युवती व एक किशोर अपहरणकर्ता के साथ लौटे

14 अप्रैल से लापता परसुडीह थाना के छोलागोड़ा निवासी चुनूराम मुर्मू की बहन रुपमणी मुर्मू (25) ब्यांगबिल निवासी छीता हांसदा की पुत्री रायमन हांसदा (14) सरजामदा जकता मैदान निवासी दुर्गा टुडू की बहन आरती टुडू (15) व बाहागढ़ निवासी सुनील किस्कू (17) शनिवार को एल्लेपी एक्सप्रेस से टाटानगर स्टेशन लौट आए। चारों को काम दिलाने के बहाने अपहरण कर विजयवाड़ा के गुडीवाड़ा (आंध्रप्रदेश) ले जाने का आरोप चुनूराम के घर भाड़े पर रह रहे सुरेश सोरेन व उसकी पत्नी किरण सोरेन पर लगा है। सुरेश और किरण भी चारों के साथ उसी ट्रेन से टाटानगर लौटे। सभी के लौटने की सूचना पर चाइल्ड लाइन आरपीएफ व रेल पुलिस पहले से ही स्टेशन पर तैनात थी। ट्रेन से उतरते ही सबको चाइल्ड लाइन ले जाया गया। वहां से सबको परसुडीह पुलिस के हवाले कर दिया गया। चुनूराम के बयान पर परसुडीह थाना में सुरेश व किरण के खिलाफ लिखित शिकायत की गयी है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 21 Apr 2019 10:00 AM (IST) Updated:Mon, 22 Apr 2019 06:35 AM (IST)
तीन युवती व एक किशोर अपहरणकर्ता के साथ लौटे
तीन युवती व एक किशोर अपहरणकर्ता के साथ लौटे

जासं, जमशेदपुर : 14 अप्रैल से लापता परसुडीह थाना के छोलागोड़ा निवासी चुनूराम मुर्मू की बहन रुपमणी मुर्मू (25), ब्यांगबिल निवासी छीता हांसदा की पुत्री रायमन हांसदा (14), सरजामदा जकता मैदान निवासी दुर्गा टुडू की बहन आरती टुडू (15) व बाहागढ़ निवासी सुनील किस्कू (17) शनिवार को एल्लेपी एक्सप्रेस से टाटानगर स्टेशन लौट आए। चारों को काम दिलाने के बहाने अपहरण कर विजयवाड़ा के गुडीवाड़ा (आंध्रप्रदेश) ले जाने का आरोप चुनूराम के घर भाड़े पर रह रहे सुरेश सोरेन व उसकी पत्नी किरण सोरेन पर लगा है। सुरेश और किरण भी चारों के साथ उसी ट्रेन से टाटानगर लौटे। सभी के लौटने की सूचना पर चाइल्ड लाइन, आरपीएफ व रेल पुलिस पहले से ही स्टेशन पर तैनात थी। ट्रेन से उतरते ही सबको चाइल्ड लाइन ले जाया गया। वहां से सबको परसुडीह पुलिस के हवाले कर दिया गया। चुनूराम के बयान पर परसुडीह थाना में सुरेश व किरण के खिलाफ लिखित शिकायत की गयी है। पुलिस सुरेश व उसकी पत्नी से पूछताछ कर रही है। इस मामले को संज्ञान में लेते हुए बाल कल्याण समिति के सदस्य आलोक भास्कर पुलिस से मामले में कार्रवाई की मांग की है। चुनूराम ने पुलिस को बताया कि 14 अप्रैल की दोपहर जब वह सोकर उठा तो उन्होंने अपनी बहन, भगनी व उसकी सहेली को घर पर नहीं पाया। अगले दिन वे भगनी के घर ब्यांगबिल गए तो तीनों के लापता होने की जानकारी हुई। घर लौटकर देखा की भाड़ेदार भी गायब है। शक होने पर उन्होंने सुरेश के मोबाइल नंबर पर संपर्क किया। तीन दिनों के बाद उसकी बहन रुकमणी ने उन्हें फोन कर बताया कि उनका अपहरण सुरेश व किरण ने कर लिया है। काम दिलाने के बहाने उन्हें आंध्रप्रदेश की एक मछली फैकट्री में लाया गया है। यहां उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है। मामले की जानकारी मिलते ही उन्होंने सुरेश को फोन पर डराया-धमकाया और पुलिस के पास जाने की बात कही। डर से सुनील व उसकी पत्नी चारों को टाटा लेकर लौट आएं। वही रुपमणी समेत उसकी सहेलियों ने बताया कि सुरेश व किरण बहला-फुसलाकर उन्हें काम दिलाने की बात कह आंध्रप्रदेश ले गए थे। पुलिस मामले की जांच में जुट गयी है। इधर, सुरेश व किरण अपने आप को निर्दोष बता रहे हैं।

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