Jharkhand में बिजली उत्पादन के नए संयंत्र, टाटा स्टील के साथ अडानी, वेदांता और हिंडाल्को भी रेस में शामिल

Jharkhand News खनिज संपदा की दृषिट् में झारखंड देश में अव्वल राज्य है। यूं समझिए देश का 29 प्रतिशत कोयला झारखंड के पास है। यहीं कारण है कि अडानी ग्रुप से लेकर टाटा समूह तक झारखंड में निवेश कर रही है।

By Jitendra SinghEdited By: Publish:Mon, 13 Sep 2021 06:00 AM (IST) Updated:Mon, 13 Sep 2021 06:13 PM (IST)
Jharkhand में बिजली उत्पादन के नए संयंत्र, टाटा स्टील के साथ अडानी, वेदांता और हिंडाल्को भी रेस में शामिल
Jharkhand में बिजली उत्पादन के नए संयंत्र, टाटा स्टील के साथ अडानी, वेदांता और हिंडाल्को भी रेस में शामिल

जमशेदपुर : खनिज संपदा के मामले में झारखंड सबसे संपन्न राज्य है। देश भर का 29 प्रतिशत कोयला अकेले झारखंड के पास है। ऐसे में बिजली उत्पादन करने वाली कई कंपनियां झारखंड की ओर आकर्षित हुई है। टाटा स्टील सहित कई कंपनियां भी झारखंड में खासकर, कोल माइंस क्षेत्र के आसपास अपना बिजली उत्पादन संयंत्र स्थापित कर रही है।

जहां से जल्द ही बिजली का उत्पादन और वितरण शुरू होगा। वर्ष 2018-19 के दौरान राज्य के खनिज उत्पादन (ईंधन खनिजों को छोड़कर) का मूल्य 356.22 मिलियन अमरीकी डाॅलर था। यह आर्थिक विकास के मामले में भी प्रमुख भारतीय राज्यों में से एक है क्योंकि 2015-16 और 2019-20 के बीच इसकी जीएसडीपी 12.30 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) से बढ़ी है।

टाटा स्टील स्थापित कर रही है दो मिलियन टन का प्लांट

टाटा स्टील झरिया डिवीजन के जामाडोबा में दो मिलियन टन (एमटीपीए) प्रतिवर्ष क्षमता वाली एक बिजली संयंत्र स्थापित कर रही है। स्वचालन और डिजिटलीकरण के माध्यम से इसके परिचालन से उत्कृष्टता को बढ़ाने में मदद मिलेगी। इस प्लांट से 400 किलो वोल्ट एम्पीयर (केवीए) के साथ निर्बाध बिजली आपूर्ति (यूपीएस) चालू की है। टाटा स्टील ने अपने बयान में कहा है कि हम कोल माइंस में संचालित पुरानी वाशरी को उन्नत तकनीक और डिजाइन के साथ तैयार किया जा रहा है। इसके अलावा गोड्डा में वेदांता, हिंडाल्को और अदानी समूह जैसी बड़ी कंपनियां भी यहां बिजली उत्पादन कंपनी का संचालन करने की तैयारी कर रही है।

जमशेदपुर में भी है थर्मल पावर प्लांट

टाटा स्टील की अनुषंगी इकाई, टाटा पावर का जमशेदपुर में भी 240 मेगावाट (2X120 मेगावाट) के दो संयंत्र संचालित है। जिससे टाटा स्टील भी अपने स्टील उत्पादन के लिए बिजली खरीदती है। इसके अलावा जमशेदपुर शहर को भी यहीं से बिजली की आपूर्ति की जाती है।

अडानी ग्रुप लगा रही है 1600 मेगावॉट का प्लांट

आपको बता दें कि अडानी ग्रुप गोड्डा में अडानी पावर लिमिटेड नाम से 1600 मेगावाट (2X800 मेगावाट) की एक थर्मल पावर प्लांट स्थापित कर रही है। जो स्टीम जनरेटर, स्टीम टरबाईन, बॉयलर, इलेक्ट्रोस्टैटिक प्रीसिपिटेटर और अधिक उन्नत सुविधाओं से लैस होगा। इसके अतिरिक्त, अदानी समूह की गोड्डा बिजली संयंत्र इकाई में कंडेनसर रोल्ड स्टील से बने होंगे और इसमें पानी के अलग-अलग खांचे बनाए गए है। इससे पहले, गोड्डा के अलावा, अदानी समूह ने झारखंड में गोंडुलपारा कोयला खदान के लिए 176.33 मिलियन टन के भंडार के साथ अधिकार भी हासिल किया था।

19 कोल माइंस की हो रही है नीलामी

कोयला मंत्रालय ने नीलामी के दूसरे राउंड में 19 खदानों को नीलामी के लिए रखा था। इसके लिए 34 कंपनियों ने तकनीकी रूप से बोलियां लगाई। इसमें अडानी एंटरप्राइजेज, हिंडाल्को, वेदांत लिमिटेड, एस्सेल माइनिंग, और अरबिंदो रियल्टी, याज़दानी इंटरनेशनल जैसी कई नई कंपनियां खदानों के विजेता बोलीदाताओं में शामिल थीं। चूंकि देश की कोयले की आवश्यकता 2023 तक 1,123 मिलियन टन (एमटी) तक जाने की उम्मीद है, गोड्डा में टाटा, वेदांत या अदानी द्वारा बिजली परियोजनाएं बिजली की मांगों को पूरा करने में एक प्रमुख भूमिका निभाएंगी। भारत की बिजली की खपत में लगभग 17 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। कोविड 19 के बाद बाजार पूर्व की तरह अपने पुराने समय में लौट आई है। ऐसे में कंपनियों ने उत्पादन के मामले में अपनी रफ्तार पकड़ ली है।

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