Jharkhand Lockdown: झारखंड में लाॅकडाउन के फैसले को एक स्वर से सबने सराहा, कहा-शायद टूट जाए कोरोना की चेन

Jharkhand Lockdownकोरोना की दूसरी लहर जिस तेजी से पांव पसारती जा रही है उसमें झारखंड सरकार का स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह के नाम पर एक सप्ताह का लॉकडाउन घोषित हो गया। इसका सभी लोगों ने तहेदिल से स्वागत किया।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Wed, 21 Apr 2021 11:40 AM (IST) Updated:Wed, 21 Apr 2021 11:40 AM (IST)
Jharkhand Lockdown: झारखंड में लाॅकडाउन के फैसले को एक स्वर से सबने सराहा, कहा-शायद टूट जाए कोरोना की चेन
व्यापारी-उद्यमी से लेकर विरोधी दल के नेताओं ने भी मुख्यमंत्री के इस कदम की सराहना की।

जमशेदपुर, जासं। कोरोना की दूसरी लहर जिस तेजी से पांव पसारती जा रही है, उसमें झारखंड सरकार का स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह के नाम पर एक सप्ताह का लॉकडाउन घोषित हो गया। इसका सभी लोगों ने तहेदिल से स्वागत किया। व्यापारी-उद्यमी से लेकर विरोधी दल के नेताओं ने भी मुख्यमंत्री के इस कदम की सराहना की। सभी ने उम्मीद जताई कि शायद इस पहल से कोरोना की चेन टूट जाए। यदि ऐसा होता है तो झारखंड वासियों को बड़ी राहत मिलेगी। आइए, देखते हैं किस वर्ग के लोगों की कैसी प्रतिक्रिया रही।

व्यवसायी

जमशेदपुर चैंबर लॉकडाउन का स्वागत करती है। हम पहले ही पांच दिनों का लॉकडाउन लगाने की मांग कर रहे थे, ताकि इससे संक्रमण का चेन टूटे। सरकारी डंडे के बिना लोग मानने वाले नहीं। लॉकडाउन लगाने से संक्रमण कम होगा।

-मोहनलाल अग्रवाल, मुख्य संरक्षक, जमशेदपुर चैंबर ऑफ कामर्स

पिछली बार जब सरकार लॉकडाउन लगा रही थी, तो हमने विरोध किया था क्योंकि उस समय कोई व्यवस्था नहीं थी। लेकिन इस बार जिस तरह से स्थिति बिगड़ती जा रही है, उससे यह जरूरी हो गया था। लॉकडाउन से व्यापारियों को नुकसान तो जरूर होगा, लेकिन जान है तो जहान है।

-सुरेश सोंथालिया, राष्ट्रीय सचिव, कैट

कोविड में हम सबसे खराब दौर से गुजर रहे हैं। उम्मीद है कि लॉकडाउन लगने से स्थिति थोड़ी सुधरेगी और चरमराई स्वास्थ्य व्यवस्था को सुधारने में मदद मिलेगी। सभी से अपील है कि लॉकडाउन में घर में रहे और संक्रमण को खत्म करने में अपना योगदान दें।

-अनिल मोदी, सचिव, सिंहभूम चैंबर

लॉकडाउन लगाना बहुत जरूरी है। हालात बेकाबू हो चुका है। लॉकडाउन नहीं लगाने से स्थिति और बिगड़ती। लेकिन हमें अपनी अर्थव्यवस्था और व्यापार दोनों को देखना है। एक तरफ जान का तो दूसरी तरफ व्यापार का घाटा है, लेकिन जान के घाटे की भरपाई नहीं हो सकती।

-राजा सिंह, व्यवसायी

वर्तमान जरूरत के हिसाब लॉकडाउन की जरूरत है। चैंबर ने भी लॉकडाउन का आह्वान किया था, लेकिन जब तक सरकार की ओर से आदेश जारी का ही अनुपालन होता है। चैंबर की पूरी टीम इस लॉकडाउन का स्वागत करती है। लोगों से अपील है कि अपने घर पर रहें, सुरक्षित रहें।

-मानव केडिया, उपाध्यक्ष, सिंहभूम चैंबर

लॉकडाउन समय की मांग है। आवश्यक सेवाओं, कृषि व खनन सहित अन्य क्षेत्रों जारी रखते हुए जीवन भी चले और जीविका भी चले। इस तरह की पहल सरकार स्वागतयोग्य है। लॉकडाउन से कोरोना का चेन तोड़ना बेहद जरूरी है।

-प्रभाकर सिंह, पूर्व अध्यक्ष, जमशेदपुर होटलियर्स एसोसिएशन

कोरोना की चेन तोड़ने के लिए लॉकडाउन एक सकारात्मक कदम है आशा है कि सरकार समय रहते स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करेगी।

डॉक्टर

जिस तरह से मरीजों की संख्या बढ़ रही है और स्थिति अनियंत्रित हो गई थी। उसे देखते हुए लॉकडाउन जरूरी था। शहर की स्थिति भयावह हो चुकी है। लोग मानने को तैयार नहीं है। नियम की धज्जियां उड़ा रहे हैं।

- डॉ. एसी अखौरी, माइक्रोबायोलॉजिस्ट

नया स्ट्रेन काफी तेज गति से फैल रहा है। इसका चेन तोड़ने के लिए लॉकडाउन जरूरी था। क्योंकि शहर में मरीजों को बेड मिल रहा है, न दवा। लॉकडाउन का पालन लोग सख्ती से करें।

- डॉ. आरएल अग्रवाल, पूर्व अध्यक्ष, आइएमए

नेता

कोरोना के बढ़ते मामलों पर अंकुश लगाने के लिए लॉकडाउन जरूरी है मगर सरकार को यह भी तय करना होगा कि लोगों तक हर जरूरी सामान पहुंचे। आम जनता को कोरोना की चेन तोड़ने के लिए अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी।

- राजकुमार सिंह, कार्यवाहक उपाध्यक्ष, जिला परिषद

जब मधुपुर में चुनाव था तो उस समय सरकार को लॉकडाउन की याद नहीं आई, जबकि लोग उस समय भी मर रहे थे। चुनाव खत्म होते ही खानापूर्ति के लिए लॉकडाउन लगा दिया गया।

- कमलेश दुबे, जिला सचिव, आजसू पार्टी

सरकार की ओर से लॉकडाउन का निर्णय सही है। इससे कोरोना के चैन को तोड़ने में मदद मिलेगी।- गणपति करूवा, आप नेता-लॉकडाउन का निर्णय सरकार को पहले ही ले लेना चाहिए था। लाशों का अंबार देखने के बाद सरकार की नींद खुली है। कोरोना की चेन तोड़ने के लिए लॉकडाउन कम से कम 15 दिनों का होना चाहिए था।

- पंकज सिन्हा, भाजपा नेता

जीविका और जीवन दोनों को बचाने वाला लॉकडाउन लगाया गया है। लॉकडाउन लगाने में सरकार ने हर वर्ग का ख्याल रखा है।

- शिवशकर दुबे, कैरेज कॉलोनी

झारखंड में सप्ताह भर का लॉकडाउन लगाना स्वागत योग्य है। समय व परिस्थिति को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है, जो मानव समाज से जुड़ा हुआ है। इसके साथ ही कल-कारखाने को खुला रहना भी आवश्यक है। लोगों के स्वास्थ्य व जीवन को देखते हुए लॉकडाउन लगाया गया है लेकिन उनके रोजगार बने रहे इसका भी ध्यान रखा गया है। कल-कारखानों का खुले रहने से आमलोगों की आर्थिक स्थिति नहीं बिगड़ेगी।

- राकेश्वर पांडेय, अध्यक्ष, झारखंड प्रदेश इंटक

कोरोना महामारी की चेन तोड़ने के लिए राज्य सरकार द्वारा एक सप्ताह के लिए घोषित लॉकडाउन राज्यहित में निर्णायक कदम है। शहर के लोगों से अपील की है की इस अवधि में घर पर रहते हुए सभी नियमों का अक्षरशः पालन करें, अनावश्यक घर से बाहर ना निकलें। भाजमो कार्यकर्ता शहर में किसी भी जरूरतमंद को किसी तरह की समस्या होने पर उसे यथासंभव सहयोग प्रदान करेंगे।

- सुबोध श्रीवास्तव, जिलाध्यक्ष, भाजमो

कोरोना की चेन तोड़ने के लिए लॉकडाउन लगाना बहुत जरूरी था। हालांकि सरकार ने इसमें पूर्व के अनुभव से सबक लेते हुए उद्योग-धंधों को बंद से मुक्त रखा है, यह बड़ी बात है।

- बबलू झा, जिला मीडिया प्रभारी, कांग्रेस

शिक्षा विभाग

सरकार ने सही वक्त पर फैसला लिया है। यह निर्णय स्वागत योग्य है। अगर इसमें भी स्थिति नहीं सुधरी तो सरकार और कड़े कदम उठा सकती है।

- एसडी तिग्गा, जिला शिक्षा पदाधिकारी, पूर्वी सिंहभूम।

कोरोना के प्रकोप को रोकने के लिए इसके सिवा कोई उपाय नहीं है। इसे रोकने का उपाय आम आदमी के हाथ में ही है। लोग नहीं सुन रहे थे तो सरकार को निर्णय लेना पड़ा।

- शकील अहमद, सहायक अभियंता, शिक्षा विभाग।

युवा

लॉकडाउन तो लगा दिया गया पर दिहाड़ी मजदूरों के बारे में कोई पैकेज का एलान नहीं किया गया। ऐसे में मजदूरों का क्या होगा यह कहना मुश्किल है। लॉकडाउन का स्वागत है।

- सागर ओझा

स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह के नाम पर लॉकडाउन लगाया गया है। यह अच्छा है, लेकिन लोगों की आवश्यकताओं का भी सरकार को ध्यान रखना होगा। एक बड़ा मजदूर वर्ग इससे प्रभावित होगा।

- हेमंत पाठक

निर्णय का स्वागत है। छात्र हितों का भी इसमें ध्यान रखा जाना चाहिए। कोविड-19 की वर्तमान परिस्थिति में छात्रों का परीक्षा शुल्क से लेकर सारे सेमेस्टर की फीस भी माफ होनी चाहिए।

- सत्या प्रमाणिक

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