Jharkhad Assistant Police Protest : सामूहिक अवकाश पर जाएंगे झारखंड के नक्सल इलाकों में तैनात सहायक पुलिसकर्मी

Jharkhad Assistant Police Protest 25 व 26 सितंबर को सभी सहायक पुलिसकर्मी सामूहिक अवकाश पर रहेंगे। यह आंदोलन 23 सितंबर से 27 सितंबर तक चलेगा। इसके बाद भी अगर इनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाता है तो ये लोग आगे के आंदोलन की रणनीति तय करेंगे।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Fri, 24 Sep 2021 04:01 PM (IST) Updated:Fri, 24 Sep 2021 04:01 PM (IST)
Jharkhad Assistant Police Protest : सामूहिक अवकाश पर जाएंगे झारखंड के नक्सल इलाकों में तैनात सहायक पुलिसकर्मी
सहायक पुलिसकर्मी काला बिल्ला लगा कर कर रहे ड्यूटी।

चाईबासा, जागरण संवाददाता। झारखंड राज्य के नक्सल प्रभावित 12 जिलों में 2500 सहायक पुलिसकर्मियों की चार साल पहले बहाली हुई है, परंतु अब तक इनका स्थायीकरण नहीं किया गया। न ही मानदेय बढ़ाया गया। किसी प्रकार का भत्ता भी नहीं मिलता है। इस कारण सभी नक्सल प्रभावित जिलों के सहायक पुलिसकर्मी आंदोलनरत हैं। इसमें पश्चिमी सिंहभूम जिला के विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत 240 सहायक सहायक पुलिसकर्मी भी शामिल हैं।

गुरुवार से सहायक पुलिसकर्मी का आंदोलन शुरू हो गया है। गुरुवार को सभी सहायक पुलिसकर्मी ने काला बिल्ला लगा कर ड्यूटी की। शुक्रवार को भी जारी रहा। 25 व 26 सितंबर को सभी सहायक पुलिसकर्मी सामूहिक अवकाश पर रहेंगे। यह आंदोलन 23 सितंबर से 27 सितंबर तक चलेगा। इसके बाद भी अगर इनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाता है, तो ये लोग आगे के आंदोलन की रणनीति तय करेंगे। सहायक पुलिसकर्मियों ने एसपी अजय लिंडा को लिखित आवेदन सौंप कर अपनी मांगों को लेकर 23 से 27 सितंबर तक किये जानेवाले आंदोलन की जानकारी दी है।

सहायक पुलिसकर्मियों ने कहा

- सहायक पुलिसकर्मी के रूप में संविदा पर 2017 में 2500 सहायक पुलिस की बहाली हुई थी, जिन्हें मात्र 10 हजार रुपये मासिक मानदेय मिलता है।

- 10 हजार रुपये में सिपाही का काम लिया जाता है। घर से बाहर रह कर ड्यूटी करनी होती है। ना वर्दी भत्ता मिलता है। ना कोई सरकारी लाभ मिलता है। इतने कम मानदेय में घर का पालन पोषण तथा अपना खर्च निकालना मुश्किल हो गया है।

- कोरोना में सभी जगह ड्यूटी करने के बाद भी कोई बीमा नहीं है, जिसे सभी सहायक पुलिस नाराज है। बिना हथियार के राज्य में सभी जगहों पर ड्यूटी कराया जाता है। जिसमें हर वक्त जिंदगी दांव पर लगी रहती हैं।

- सहायक पुलिसकर्मी सभी जिला मुख्यालय में ड्यूटी कर रहे हैं। कई बार बड़े कार्यक्रमों में दूसरे जिला भी ड्यूटी के लिए भेजा जाता है। लेकिन कोई भी अन्य भत्ता नहीं मिलता है।

-15 अगस्त 2017 में तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने नियुक्ति पत्र देते हुए कहा था कि तीन साल की ड्यूटी करने के बाद स्थायी सिपाही का दर्जा देंगे। लेकिन इस

पर सरकार ने कोई पहल नहीं की।

- सहायक पुलिसकर्मी के जवान चार सालों से पूरी ईमानदारी से ड्यूटी कर रहे हैं। इसके बाद भी स्थायीकरण नहीं किया गया है। न ही सरकार द्वारा किसी प्रकार की पहल की जा रही है।

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