Jamshedpur Teachers Transfer: 15-20 वर्ष से एक ही जगह पदस्थापित शिक्षक कर रहे अपने स्थानांतरण का इंतजार
Jamshedpur Teachers Transfer झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिला के 1597 स्कूलों को पांच जोन में बांटा गया है। जिला से अनुमोदित सूची प्राथमिक शिक्षा निदेशालय भेजी गई है। शिक्षक निदेशालय स्तर से अनुमोदन का इंतजार कर रहे ।
जमशेदपुर, जासं। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के निर्देश पर शिक्षकों की नई स्थानांतरित नीति पर अमल करने के लिए स्कूलों को पांच जोन में बांटा गया। जोन के अनुसार पूर्वी सिंहभूम में काफी जद्दोजहद के बाद स्कूलों की सूची तैयार की गई। इस सूची को सारी आपत्तियों का निराकरण करते हुए जिला शिक्षा विभाग की ओर से प्राथमिक शिक्षा निदेशालय भेज दिया गया है।
जिला से अनुमोदित सूची के अनुसार पांच जोन में 1597 स्कूलों को शामिल किया गया है। इन स्कूलों में लगभग 4300 शिक्षक कार्यरत हैं। सैकड़ों शिक्षक जो 15-20 वर्ष से एक ही प्रखंड या एक ही स्कूल में पदस्थापित हैं ऐसे शिक्षक निदेशालय स्तर से सूची के अनुमोदन का इंतजार कर रहे हैं, ताकि उन्हें भी शहरी क्षेत्र में रहने का मौका मिले। इससे पहले जो भी स्थानांतरण होते थे वह पैरवी के आधार पर हो जाते थे। लेकिन अब ऐसा नहीं चलने वाला। सूची के अनुमोदन के उपरांत इसी जोन वाइज सूची के अनुसार ही शिक्षकों का स्थानांतरण होगा।
इस तरह बांटे गए जोन
जोन एक : नगर निगम/नगर पंचायत एवं अन्य नगर निकाय जो नगर विकास एवं आवास विभाग द्वारा अधिसूचित विद्यालय के शिक्षक को शामिल किया गया है।
जोन दो : ऐसे पंचायत क्षेत्र का विद्यालय, जिसमें प्रखंड मुख्यालय अवस्थित है।
जोन तीन : ऐसे स्कूलों का नाम शामिल है, जो प्रखंड पंचायत से पांच किलोमीटर की परिधि में अवस्थित विद्यालय में कार्य कर रहे हैं।
जोन चार : ऐसे विद्यालय जो राष्ट्रीय उच्च पथ/राज्य उच्च पथ व जिला पथ से आठ कलोमीटर की दूरी पर अवस्थित है।
जोन पांच : ऐसे विद्यालय का नाम शामिल जो दुर्गम अथवा नक्सल प्रभावित क्षेत्र के विद्यालय हैं। इस जोन में वे सभी विद्यालय शामिल होंगे जो जोन एक व जोन चार में चिन्हित नहीं हैं। विभाग को जोन वाइज सूची का अनुमोदन कर देना चाहिए। सैकड़ाें शिक्षक अपने स्थानांतरण को लेकर परेशान हैं। ग्रामीण क्षेत्र के शिक्षकों के लिए जोन वाइज स्थानांतरण की सूची प्रभावकारी साबित होगी।
- अरुण कुमार सिंह, जिलाध्यक्ष, प्राथमिक शिक्षक संघ।
जोन वाइज स्कूलों की सूची तैयार हो गई है यह अच्छी बात है, लेकिन शिक्षकों के स्थानांतरण के दौरान शिक्षकों के सेवा इतिहास व वरीयता को भी देखा जाना चाहिए। ऐसा नहीं होना चाहिए कि तीन साल पहले एक शिक्षक शहर आया और एक शिक्षक गांव में कार्य कर रहा है तो उनका भी स्थानांतरण हो जाए।
- सुनील कुमार यादव, जिलाध्यक्ष, अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ, पूर्वी सिंहभूम।