विशेष पदाधिकारी के खिलाफ 150 दस्तावेजी सबूत, करुंगा चुनाव आयोग में शिकायत: अभय Jamshedpur News
झारखंड विकास मोर्चा के केंद्रीय महासचिव अभय सिंह ने कहा कि जमशेदपुर अक्षेस के विशेष पदाधिकारी कृष्ण कुमार भारतीय जनता पार्टी के अघोषित जिलाध्यक्ष के रूप में काम कर रहे हैं।
जमशेदपुर, जासं। झारखंड विकास मोर्चा के केंद्रीय महासचिव अभय सिंह ने कहा कि जमशेदपुर अक्षेस के विशेष पदाधिकारी कृष्ण कुमार भारतीय जनता पार्टी के अघोषित जिलाध्यक्ष के रूप में काम कर रहे हैं। कृष्णा कुमार के खिलाफ 150 दस्तावेजी सबूत हैं। इनको (कृष्णा कुमार को) विधानसभा चुनावों के दौरान कोल्हान प्रमंडल से बाहर रखने के लिए इन सबूतों के साथ चुनाव आयोग से शिकायत करुंगा। इसी तरह के आरोपों के कारण चुनाव आयोग ने उन्होंने 2014 के चुनावों से पूरी तरह से बाहर रखा था। इस बार भी कृष्णा कुमार ने अपना रवैया नहीं बदला है। इसलिए निष्पक्ष चुनाव संपन्न कराने के लिए कृष्णा कुमार का कोल्हान बदर होना जरूरी है। अभय सिंह मंगलवार को काशीडीह स्थित पार्टी कार्यालय में पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि कृष्णा कुमार ने बिना टेंडर किए ही जमशेदपुर अक्षेस के तमाम ठेके भाजपा के नेताओं को बांटा है। काम हो जाने के बाद खानापूर्ति के लिए टेंडर किया है। इसकी बानगी जमशेदपुर अक्षेस के सामने पेवर्स ब्लॉक बिछाने और स्लैग रोड व कालीमाटी रोड को मिलाने वाले स्थान जैन पेट्रोल पंप के समीप पेवर्स ब्लॉक बिछाने का काम है। ये दोनों काम पहले हो गए, इसके बाद टेंडर करके खानापूर्ति की गई। इसी प्रकार जमशेदपुर अक्षेस के अंतर्गत 30 से 40 ठेके बांट कर कृष्णा कुमार ने करोड़ों रुपये का मेजरमेंट व प्राक्कलन घोटाला किया है।
दबाव में पीएम आवास की लॉटरी
अभय ने कहा कि कृष्णा कुमार और जिला प्रशासन ने चुनाव की घोषणा के कुछ दिन पहले ही भारी दबाव में प्रधानमंत्री आवास के लिए लॉटरी कर दी। न ठीक से टेंडर हुआ और न ही ठीक से जमीन का ही चयन किया गया। जब काम ही शुरू नहीं हो पाया तो लॉटरी हास्यास्पद है। अभय ने उपायुक्त से भी सवाल किया कि जितने लोगों को लॉटरी में शामिल किया गया, क्या उनकी स्क्रूटनी हुई थी? अभय ने कहा कि सबसे बड़ा सवाल ये है कि जिस कृष्ण कुमार को चुनाव आयोग ने अयोग्य घोषित कर दिया, उसको मुख्यमंत्री ने जमशेदपुर अक्षेस के विशेष पदाधिकारी के योग्य कैसे समझा? इन सब तथ्यों के साथ कृष्ण कुमार को चुनाव से पूरी तरह बाहर रखने की मांग चुनाव आयोग से की जाएगी।