Siyasi Adda: सौ सुनार की, एक लोहार की...पढिए सियासत की दुनिया की अंदरूनी खबर
Siyasi Adda किसी को अंदाजा भी नहीं था कि सांसद इतनी बड़ी योजना पर काम कर रहे हैं। कोरोना पर इन्होंने जो हथौड़ा चलाया है उससे कुछ ही दिलों पर सांप लोटा बाकी सबका दिल बाग-बाग हो गया। आप भी पढिए सियासत की दुनिया की अंदरूनी खबर।
जमशेदपुर, वीरेंद्र आेझा। इन दिनों राजनीतिज्ञ सचमुच सेवा की राजनीति कर रहे हैं। भाजपा के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी अस्पतालों का बिल माफ कराने की होड़ में लगे हैं, तो विधायक सरयू राय की पार्टी भारतीय जनतंत्र मोर्चा कोरोना संक्रमितों को भोजन व आक्सीजन पहुंचाने में व्यस्त है।
भाजपा के बाकी नेता तो गोपनीय तरीके से काम कर रहे हैं, लेकिन जिला महामंत्री अनिल मोदी संक्रमितों के घर भोजन पहुंचा रहे हैं। इन सबमें सांसद विद्युत वरण महतो ने चौंकाने वाला काम किया है। गुपचुप तरीके से काम करने वाले सांसद ने इस बार ‘सौ सुनार की, एक लोहार की’ तर्ज पर एक साथ अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस आठ एंबुलेंस की लाइन लगा दी है। किसी को अंदाजा भी नहीं था कि सांसद इतनी बड़ी योजना पर काम कर रहे हैं। कोरोना पर इन्होंने जो हथौड़ा चलाया है, उससे कुछ ही दिलों पर सांप लोटा, बाकी सबका दिल बाग-बाग हो गया।
कितना आक्सीजन कहां जा रहा, पता नहीं
शहर से इन दिनों देश भर में आक्सीजन भेजा जा रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास अक्सर कहते हैं कि यह राज्य अमीर है, लेकिन इसकी कोख में गरीबी पलती है। बहरहाल, झारखंड आक्सीजन के मामले में कितना अमीर है, अब किसी को बताने की आवश्यकता नहीं है। आक्सीजन भेजने की शुरुआत 27 अप्रैल को स्वास्थ्य व आपदा प्रबंधन मंत्री बन्ना गुप्ता ने की थी। बन्ना जब दोपहर करीब तीन बजे लिंडे कंपनी में पहुंचे तो चार टैंकर सिलेंडर को झंडी दिखाकर रवाना किया था। इसमें एक-एक मिर्जापुर, इलाहाबाद और बनारस गया, जबकि चौथा टीएमएच व ब्रह्मानंद अस्पताल गया। इससे पहले सुबह 11 बजे ही दो टैंकर फरीदाबाद निकल चुका था। दरअसल, चारों ओर आक्सीजन और सिलेंडर बटोरने की होड़ मची है। कोई यह नहीं जानना चाहता कि आक्सीजन कहां से कहां जा रहा है। सरयू राय ने भी कहा है कि हिसाब तो रखें कि कितना आक्सीजन चाहिए।
बंगाल चुनाव ने बढ़ा दिया दिनेश का कद
भाजपा में जमशेदपुर महानगर के पूर्व अध्यक्ष दिनेश कुमार काफी दिनों से बेरोजगार चल रहे थे। पूर्व होने के बाद उनके पास कोई खास काम नहीं बचा था, सिवाय गोलमुरी मंडल के भरोसे कितना काम किया जा सकता है। इसी बीच बंगाल चुनाव आ गया, तो भाजपा ने उन्हें इंदस विधानसभा क्षेत्र का प्रभारी बना दिया। यहां से निर्मल धारा जीत गए, तो दिनेश का कद एकबारगी बढ़ गया। हालांकि वे पहले भी जमशेदपुर महानगर में अपनी सांगठनिक क्षमता दिखा चुके थे, लेकिन राज्य से बाहर भी उनका जलवा देखने को मिल गया। मिथुन चक्रवर्ती के साथ रोड शो करने के दौरान ही यह अनुमान हो गया था कि निर्मल की धारा प्रवाहित होकर रहेगी। अब इस बात की चर्चा होने लगी है कि दिनेश को राष्ट्रीय संगठन एक और बड़ी जिम्मेदारी दे सकता है। हालांकि यह कौन सा काम होगा, इसे लेकर सिर्फ अटकल ही लगाए जा रहे हैं।
सेवा की राजनीति सिर्फ सत्ता की शर्त पर
राजनीति में सेवा करने के लिए ही आए हैं, यह जुमला लगभग हर किसी से सुनने को मिलता है। इसमें खास बात साइलेंट रहता है ‘सिर्फ सत्ता की शर्त पर’। यह इस बार देखने को मिल रहा है। इस बार कोरोना में वहीं काम करते हुए दिख रहे हैं, जिनके पास सत्ता है। जिनके हाथ खाली हैं, उन्होंने पल्ला झाड़ लिया है। आप नजर दौड़ा लीजिए तो यह दिख जाएगा। इस बार वही राजनेता या कार्यकर्ता भागदौड़ मचाए हुए हैं, जिनके पास सत्ता की गरमाहट है। हालांकि इनमें कुणाल की तरह से कुछ ऐसे भी कार्यकर्ता हैं, जिन्हें कुर्सी नजदीक आती दिख रही है। वे बस अंगुली पर दिन गिन रहे हैं। कुर्सी का आर्डर दे चुके हैं, लेकिन अभी डिजाइन का पता नहीं चल रहा है। कुणाल तो पिछले साल की तरह दूसरे राज्यों में भी रेस्क्यू अभियान चला रहे हैं। हाल में 15 मजदूरों को ओडिशा से छुड़ाया।