Jamshedpur Private School Admission : बीपीएल कोटे में नामांकन के लिए शिक्षा विभाग ने निजी स्कूलों को भेजा 850 आवेदन
Jamshedpur Private School Admission निजी स्कूलों में बीपीएल कोटे के अंतर्गत नामांकन को शिक्षा विभाग ने 850 आवेदन भेजा है। शहर के निजी स्कूलों में इसके लिए 1200 सीट आरक्षित है। पूरे जिले में इसके लिए 1400 सीट आरक्षित है। इनमें नामांकन की रफ्तार काफी सुस्त है।
जमशेदपुर, जासं। जमशेदपुर शहर के निजी स्कूलों में बीपीएल कोटे के अंतर्गत नामांकन को शिक्षा विभाग ने 850 आवेदन भेजा है। शहर के निजी स्कूलों में इसके लिए 1200 सीट आरक्षित है। पूरे जिले में इसके लिए 1400 सीट आरक्षित है। इनमें नामांकन की रफ्तार काफी सुस्त है।
कई स्कूलों द्वारा इन सीटों में नामांकन के लिए अभिभावकों को परेशान किया जा रहा है। मालूम हो कि इस कोटे के अंतर्गत नामांकन की प्रक्रिया जन्म प्रमाण पत्र एवं आय प्रमाण पत्र के सत्यापन का कार्य पूर्ण होने के बाद प्रारंभ हुआ है। जन्म एवं आय प्रमाण पत्र में गड़बड़ी का मामला उजागर होने के बाद जिला प्रशासन द्वारा पूरे मामले की जांच कराई गई तो इसमें से 210 जन्म व आय प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए थे। उसके बाद बचे हुए आवेदनों को नामांकन के लिए भेजा गया, इसके बावजूद स्कूल कमजोर एवं अभिवंचित वर्ग के बच्चों के नामांकन को लेकर आनाकानी कर रहे हैें।
ऐसे दौड़ाया जा रहा है अभिभावकों को
दैनिक मजदूरी में कार्य करने वाले मजदूरों को चार घंटे तक गेट में खड़ा कर दिया जाता है। समय मिलने पर इन मजदूरों को दूसेर दिन आने के लिए कहा जाता है और पूछताछ शुरू होती है। पूछताछ में बताया जाता है कहां काम करते हैं कितना पेमेंट हैं आदि सवाल पूछे जाते हैं। ऑनलाइन प्रमाण पत्रों को ही एटेस्टेट कर मांगा जाता है।यह होती है परेशानी
दांव-पेंच खेलते हैं स्कूल : संघ
जमशेदपुर अभिभावक संघ बीपीएल बच्चों के नामांकन को लेकर लगातार मुहिम चलाता है। इस कारण स्कूलों द्वारा नामांकन नहीं लिए जाने की शिकायत सबसे पहले इसी संघ के पास आती है। जमशेदपुर अभिभावक संघ के अध्यक्ष डा. उमेश बताते हैं कि कई सकूल ऐसे है जो इस कोटे के अंतर्गत नामांकन ही नहीं लेना चाहते हैं। बेवजह का अभिभावकों को दौड़ाया जाता है, ताकि वे परेशान होकर बच्चों के नामांकन की आस छोड़ दें। इस बार तो सारे प्रमाण पत्रों के सत्यापन के बाद आवेदन स्कूलों को भेजा गया है, इसके बावजूद स्कूलों द्वारा विभिन्न कारणों से अभिभावकों को दौड़ाया जा रहा है।