जमशेदपुर की कवयित्री प्रतिभा प्रसाद के काव्य संग्रह को तंजानिया में मिला सम्मान
Jamshedpur poetess Pratibha Prasad. प्रतिभा प्रसाद जमशेदपुर शहर के मंचीय कवि के रूप में भी जानी जाती हैं। इनकी सास-बहू वाली कविता काफी लोकप्रिय है। घरेलू महिला होते हुए साहित्य सेवा में इनके योगदान की सभी सराहना करते हैं।
जमशेदपुर, जासं। अंतरराष्ट्रीय काव्य प्रेमी मंच, तंजानिया (पूर्वी अफ्रीका) द्वारा पिछले दिनों आयोजित कार्यक्रम में विभिन्न देशों से 124 कवयित्रीयों द्वारा पहली बार महिला विषय पर कविताएं आमंत्रित की गई थी। इसमें ऐसी कविताओं को शामिल किया गया, जिन्होंने अपने-अपने क्षेत्र में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। तंजानिया की ममता सैनी द्वारा संग्रहित इस काव्य संग्रह को गोल्डेन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल किया गया है। इस पुस्तक में झारखंड से प्रतिभा प्रसाद "कुमकुम" को भी शामिल किया गया है।
बहुभाषीय साहित्यिक संस्था सहयोग की अध्यक्ष डा. जूही समर्पिता ने कहा कि इसमें जमशेदपुर निवासी प्रतिभा प्रसाद का नाम आना बहुत गर्व की बात है। प्रतिभा बहुभाषीय साहित्यिक संस्था सहयोग की संस्थापक रही हैं। उनकी लिखी कविता सायना नेहवाल पर आधारित है, जो इस गोल्डेन बुक में चौथे नंबर पर शामिल है। यह जमशेदपुर के साथ झारखंड का भी सम्मान है। हिंदी साहित्य के लिए पहली बार जमशेदपुर से किसी महिला का नाम गोल्डेन गिनीज बुक में आया है। प्रतिभा प्रसाद सिंहभूम जिला साहित्य सम्मेलन समेत अनेक संस्थाओं से जुड़ी हुई हैं। घर की चारदीवारी से निकल कर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पर अपनी पहचान बनाने के लिए प्रतिभा प्रसाद को नगर के साहित्यकारों ने बधाई और शुभकामना प्रेषित किया है।
सास-बहू वाली कविता काफी लोकप्रिय
ज्ञात हो कि प्रतिभा प्रसाद शहर के मंचीय कवि के रूप में भी जानी जाती हैं। इनकी सास-बहू वाली कविता काफी लोकप्रिय है। घरेलू महिला होते हुए साहित्य सेवा में इनके योगदान की सभी सराहना करते हैं। होली मिलन समेत अन्य मंचों पर प्रतिभा प्रसाद से यह कविता सुनाने की फरमाइश की जाती है। अब इन्होंने अपना उपनाम कुमकुम रख लिया है।