एक अदद भवन के लिए तरस रहा है किसानों को राह दिखाने वाला कृषि विज्ञान केंद्र

गम्हरिया स्थित सरायकेला-खरसावां जिले का कृषि विज्ञान केंद्र एक अदद भवन के लिए तरस रहा है। वर्तमान में जिला का कृषि विज्ञान केंद्र अपने परिसर में स्थित किसान प्रशिक्षण भवन में चल रहा है।

By Edited By: Publish:Mon, 13 Jul 2020 01:22 AM (IST) Updated:Mon, 13 Jul 2020 09:39 AM (IST)
एक अदद भवन के लिए तरस रहा है किसानों को राह दिखाने वाला कृषि विज्ञान केंद्र
एक अदद भवन के लिए तरस रहा है किसानों को राह दिखाने वाला कृषि विज्ञान केंद्र

जमशेदपुर( दिलीप कुमार)। गम्हरिया स्थित सरायकेला-खरसावां जिले का कृषि विज्ञान केंद्र एक अदद भवन के लिए तरस रहा है। वर्तमान में जिला का कृषि विज्ञान केंद्र अपने परिसर में स्थित किसान प्रशिक्षण भवन में चल रहा है। अपना भवन नहीं रहने के कारण एक ओर जहां केंद्र के काम प्रभावित हो रहे हैं वहीं दूसरी ओर किसानों के प्रशिक्षण में भी परेशानी हो रही है। केंद्र के 15 एकड़ के क्षेत्र में करीब एक हेक्टेयर पर तालाब है और एक हेक्टेयर में भवन आदि बनाया जाना है, जिसमें प्रशासनिक भवन, किसान छात्रावास, आवास, गोदाम आदि शामिल हैंं। केंद्र के बाकि बचे चार हेक्टेयर जमीन पर वैज्ञानिक पद्धति से कृषि कार्य किया जाना है। कृषि विज्ञान केंद्र के प्रधान सह वरीय वैज्ञानिक अर¨वद मिश्रा ने बताया कि अपना भवन नहीं रहने के कारण कृषि विज्ञान केंद्र का काम प्रभावित हो रहा है।

उन्होंने बताया कि चांडिल स्थित गोदाम में केंद्र का सारा सामान रखा जाता है, जिसको लाने और पहुंचाने के लिए अतिरिक्त राशि खर्च करना पड़ता है। वर्तमान में जिस किसान प्रशिक्षण केंद्र में केंद्र चल रहा है वहां 25 किसानों के ठहरने की क्षमता है। सरकार का निर्देश है कि 50- 50 किसानों का समूह बनाकर उन्हें मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षित किया जाना है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष करीब तीन एकड़ जमीन पर धान लगाया गया है, जबकि एक-एक एकड़ में अरहर, मूंग और सोयाबीन लगाया गया है। इस वर्ष 80 क्विंटल धान बीज उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। वहीं तालाब में 50 किलो मछली का जीरा छोड़ा गया है।

जिले में 2010 से चल रहा केंद्र

सरायकेला-खरसावां जिले में 2010 से कृषि विज्ञान केंद्र चल रहा है। पहले के तीन वर्ष गम्हरिया प्रखंड के कर्मचारी आवास से संचालित होने के बाद अब किसान प्रशिक्षण केंद्र से संचालित किया जा रहा है। जिले के लिए गम्हरिया में ही कृषि विज्ञान केंद्र भवन की स्वीकृति मिली। यहां करीब डेढ़ करोड़ की लागत से भवन निर्माणाधीन है। केंद्र के वरीय वैज्ञानिक सह प्रधान अरविंद मिश्रा ने बताया कि भवन निर्माण कार्य की स्वीकृति 2010 में मिली थी। निविदा के बाद काम प्रारंभ हुआ जो 2015 से बंद है। भवन का निर्माण भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा बिरसा कृषि विश्विविद्यालय, रांची के मार्फत कराया जा रहा है। भवन निर्माण से संबंधित किसी प्रकार की जानकारी स्थानीय कार्यालय को नहीं है।

केंद्र के प्रधान वैज्ञानिक ने बताया कि इस संबंध में कई बार पत्राचार किया गया, लेकिन किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं हुई। एक प्रधान समेत 16 पद है स्वीकृत कृषि विज्ञान केंद्र गम्हरिया, सरायकेला खरसवां में कुल 16 पद स्वीकृत है। इनमें एक वरीय वैज्ञानिक सह प्रधान, छह वैज्ञानिक, दो तकनीकी सहायक, एक कार्यालय पर्यवेक्षक, एक कम्प्यूटर ऑपरेटर, एक कनीय लिपिक, दो चालक और दो अनुसेवी शामिल है। फलहाल केंद्र में एक वरीय वैज्ञानिक सह प्रधान, चार वैज्ञानिक, एक तकनीकी सहायक और एक अनुसेवी पदस्थापित हैं।

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