Weather Alert : तेज हवा संग जारी रहेगा बारिश का सिलसिला, ठनका से रहें बचकर; जाने छह मई तक का पूर्वानुमान
Jamshedpur Jharkhand Weather Update दोपहर तक चिलचिलाती धूप एवं एकबारगी जोरदार बादल गरजने के साथ तेज हवा संग बारिश। यह सिलसिला छह मई जारी रहेगा। झारखंड के पूर्वी सिंहभूम पश्चिमी सिंहभूम एवं सरायकेला-खरसावां जिले का ये रहा पूर्वानुमान।
जमशेदपुर/सरायकेला, जासं। दोपहर तक चिलचिलाती धूप एवं एकबारगी जोरदार बादल गरजने के साथ तेज हवा संग बारिश। यह सिलसिला छह मई जारी रहेगा। झारखंड के पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम एवं सरायकेला-खरसावां जिले में लगातार तीन दिन से आंधी के साथ बारिश का क्रम जारी भी है। सोमवार शाम बारिश ने गर्मी से हलकान लोगों को सकून की सांस दी।
रविवार को भी ऐसा देखा गया। तेज हवा के साथ जोरदार बारिश हुई। दिन में मौसम साफ रहा लेकिन शाम होते ही आसमान में बादल छा गए और बारिश शुरू हो गई। बीते तीन दिन का मौसम भी इसी तरह का देखा गया है। भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, छह मई तक रोजाना तेज हवा के साथ बारिश होने की संभावना है। वहीं, सात मई से मौसम साफ होने की संभावना जताई जा रही है। रविवार को शहर का अधिकतम तापमान 36. 0 डिग्री सेल्सियस व न्यूनतम तापमान 20.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
ये रहा मौसम पूर्वानुमान
03-मईः तेज हवा के साथ बारिश, बादल भी गरजेंगे
04-मईः तेज हवा के साथ बारिश, बादल भी गरजेंगे
05-मईः तेज हवा के साथ बारिश, बादल भी गरजेंगे
06-मईः तेज हवा के साथ बारिश, बादल भी गरजेंगे
07-मईः मौसम रहेगा साफ
08-मईः मौसम रहेगा साफ
छह दिन कैसा रहेगा तापमान तिथि : अधिकतम : न्यूनतम 03 मई : 38.0 : 24 04 मई : 36.0 : 23 05 मई : 36.0 : 24 06 मई : 38.0 : 24 07 मई : 36.0 : 25 08 मई : 35.0 : 25.0
आंधी- तूफान में उजड़ा आशियाना
सरायकेला से जागरण संवाददाता प्रमोद सिंह ने बताया है कि एक ओर कोविड-19 वायरस का संक्रमण तेजी से पांव पसार रहा है और रोज नए रिकॉर्ड बन रहे हैं। राज्य सरकार ने एहतियातन आंशिक लॉकडाउन लगा रखा है और लोगों को बेवजह घर से बाहर नहीं निकलने की हिदायत दी गई है। वहीं दूसरी ओर आसमान से बरस रही प्रचंड ज्वाला ने आम लोगों का जीना मुहाल कर रखा है। जब कभी आसमान में काले बादल छाते हैं तो, लोग भीषण गर्मी से राहत पाने की उम्मीद लगाए बारिश की प्रतीक्षा करते हैं। मगर सैकड़ों परिवार ऐसे भी हैं जो इन काले मेघों को देखकर किसी अनहोनी की आशंका से सहम जाते हैं। इस कोरोना काल में घर में रहना उनके लिए किसी त्रासदी से कम नहीं। क्योंकि इनके पास सिर छुपाने के लिए एक घर तक नहीं है। वर्षों से ये लोग एक अदद आशियाने की तलाश में प्रशासनिक कार्यालयों से लेकर जनप्रतिनिधियों के चौखट तक अनेकों बार धक्के खा चुके हैं, मगर इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। तिनका -तिनका जोड़ कर नदी किनारे किसी तरह बनाया गया इनका फूस का आशियाना हवा के हलके झोंके को भी नहीं सह पाता है और लोग छत विहीन हो जाते हैं।
धरा रह गया है सपना
अपना भी एक आशियाना हो यह तमन्ना इनकी आज तक धरी की धरी रह गई है। आज तक ना ही इन्हें जमीन मिली और ना ही छत। सरायकेला- खरसावां जिले के गम्हरिया प्रखंड अंतर्गत कांड्रा पंचायत में एक बरसाती नदी के किनारे बसी अनुसूचित जाति बहुल इस बस्ती के लोगों का यह हाल वर्षों पुराना है जो प्रशासन से लेकर जनप्रतिनिधियों तक को मुंह चिढ़ा रहा है। लगभग 500 की आबादी वाली ये बस्ती आज भी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए तरस रही है। उन्हें ना तो शुद्ध पेयजल मिल पाता है और ना ही स्वास्थ्य शिक्षा जैसी अन्य आवश्यकताएं ही इन्हें मयस्सर है। शुक्रवार देर शाम आई आंधी से कई घरों के फूस के छप्पर उड़ गए।
सरकारी जमीन पर बसी है बस्ती
हालांकि यह बस्ती सरकारी भूमि पर बसी हुई है, जहां लगभग पांच सौ परिवार निवास करते हैं। सभी लोग या तो दैनिक मजदूरी करते हैं या फिर कोई छोटा- मोटा काम कर बमुश्किल दो जून की रोटी का जुगाड़ बैठा पाते हैं। इस कोरोना काल में इनके लिए मुसीबत दोहरी हो गई है। आंशिक लॉकडाउन में इन्हें मजदूरी का काम भी नहीं मिल पा रहा है। आंधी -तूफान, ओलावृष्टि इनके लिए नित नई आने वाली किसी बड़ी आपदा से कम नहीं। स्थानीय पंचायत समिति सदस्य होनी सिंह मुंडा ने पूछने पर कहा कि बस्ती वासियों की समस्याओं को लेकर कई बार उचित मंच पर आवाज उठाई गई है लेकिन अब तक इस पर ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। उन्होंने बस्ती वासियों की समस्याओं का शीघ्र समाधान होने की उम्मीद जताते हुए कहा कि कोरोना काल में उन्हें राशन सामग्री से लेकर हर तरह की मदद पहुंचाई जा रही है।