Mob Lynching : नागाडीह मॉब लिंचिग के पांच आरोपित चार साल बाद भी फरार, तीन युवक समेत वृद्धा की पीट-पीटकर ले ली थी जान
Nagadih Jharkhand Mob Lynching Case विकास वर्मा उसके भाई गौतम वर्मा और बागबेड़ा गाढ़ाबासा निवासी गंगेश की पुलिस की उपस्थिति में पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। वहीं भीड़ की शिकार हुई 76 वर्षीय रामसखी देवी ने भी 20 जून को टाटा मुख्य अस्पताल में दम तोड़ दिया था।
जमशेदपुर, जासं। झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले के बागबेड़ा के नागाडीह में 18 मई 2017 को हरवे-हथियार से लैस ग्रामीणों की भीड़ ने बच्चा चोर बोलकर जुगसलाई नया बाजार के विकास वर्मा, उसके भाई गौतम वर्मा और बागबेड़ा गाढ़ाबासा निवासी गंगेश की पुलिस की उपस्थिति में पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। वहीं भीड़ की शिकार हुई 76 वर्षीय रामसखी देवी ने भी 20 जून को टाटा मुख्य अस्पताल में दम तोड़ दिया था।
रामसखी देवी 18 मई को भीड़ द्वारा मारे गए तीन बच्चों की दादी थी। नृशंस हत्या के चार साल पूरे हो गए। अब तक मामले में सुभाष हांसदा, भगत मार्डी, विभीषण, सूरज सरदार और सन्नी सरदार फरार हैै। मामले में फरार चल रहे दो मुख्य आरोपित माही सरदार और रवि भूमिज को बागबेड़ा थाना प्रभारी राजेश सिंह ने इसी वर्ष मार्च में गिरफ्तार कर जेल भेजा था। वहीं न्यायालय में गवाही की प्रक्रिया भी जारी है। इनमें पुलिस के दो गवाहों ने यह कह दिया अंधेरा होने के कारण सभी आरोपितों को पहचान नहीं सके। इधर, मामले की सीबीआई जांच, बहन को सरकारी नौकरी और मुआवजा के लिए प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, प्रदेश के मुख्यमंत्री समेत कई को पत्र लिखा लेकिन कुछ नहीं हुआ। केंद्रीय गृहमंत्री के कार्यालय से प्रदेश के मुख्य सचिव को सीबीआई जांच के संबंध में पत्र आया। आगे की कोई कार्रवाई नहीं हुई। मृतक के परिवार को सरकारी नौकरी भी नहीं मिल पाई।
चौथी बरसी पर दी गइ श्रद्धांजलि
आज यानी मंगलवार को चौथी बरसी पर मानिक चंद्र प्रसाद के जुगसलाई स्थित आवास पर मृतकों को स्वजन और समाज के लोगों ने श्रद्धांजलि अर्पित की। घटना के एकमात्र चश्मदीद और मृतकों के भाई उत्तम वर्मा का कहना है कि उन्हें कानून और न्यायालय पर आज भी भरोसा है और उनका परिवार अपने हक के लिए तब तक लड़ता रहेगा जब तक की सभी दोषियों को सजा नहीं मिल जाती।
मामले में ये हैं आरोपित
युवकों की हत्या मामले में उत्तम वर्मा की शिकायत पर बागबेड़ा थाने में नागाडीह के ग्राम प्रधान जगत मार्डी, मुखिया राजाराम हांसदा, विभीषण सरदार, बाबू सरदार, गणेश मंडल, सुनिल सरदार, सुभाष हांसदा, डॉक्टर मार्डी, गोपाल हांसदा, गुलाम सरदार, लेदरा मुर्मू, राजेश टुडू, शिबू, राहुल समेत 200 से 300 ग्रामीणों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। डाक्टर टुडू और जगत मार्डी जेल में है। न्यायालय में मामला विचाराधीन है। राजाराम हांसदा और डाक्टर टुडू समेत दो अन्य को छोड़ सभी को जमानत मिल चुकी है।