Sneha Dubey: पाक पीएम इमरान खान को जमशेदपुर की बेटी स्नेहा यूएन में धोकर विश्व में हुई चर्चित

Sneha Dubey आइएफएस अधिकारी स्नेहा दुबे जमशेदपुर स्थित सेक्रेड हार्ट कान्न्वेंट में तीसरी व चौथी कक्षा में पढ़ाई की थी। 2012 बैच की आइएफएस स्नेहा दुबे का बचपन जमशेदपुर में बीता है। उनके पिता जेपी दुबे केबुल कंपनी में इंजीनियर थे।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Sun, 26 Sep 2021 08:20 AM (IST) Updated:Sun, 26 Sep 2021 10:31 AM (IST)
Sneha Dubey: पाक पीएम इमरान खान को जमशेदपुर की बेटी स्नेहा यूएन में धोकर विश्व में हुई चर्चित
विदेश सेवा की अधिकारी स्नेहा दुबे का जमशेदपुर से गहरा नाता रहा है।

मनोज सिंह, जमशेदपुर। पाकिस्तान के पीएम इमरान खान को यूएन में औकात बताने वाली विदेश सेवा की अधिकारी स्नेहा दुबे का जमशेदपुर से गहरा नाता रहा है। स्नेहा के पिता जेपी दुबे केबुल कंपनी में इंजीनियर थे, जबकि मां रेखा दुबे गृहिणी थी। यही नहीं स्नेहा के नाना केबुल कंपनी में चीफ एकाउंटेंट थे। स्नेहा के मामा विनोद तिवारी यहीं टिनप्लेट कंपनी में एकाउंटेट थे, जो इसी साल सेवानिवृत्त हुए हैं। अभी विनोद तिवारी गोलमुरी के नामदा बस्ती स्थित मधुसूदन अपार्टमेंट में रहते हैं।

कान्वेंट में पढ़ी थी 2012 बैच की आइएफएस स्नेहा

संयुक्त राष्ट्र में देश की प्रथम महिला सचिव व जमशेदपुर में जन्मी आइएफएस अधिकारी स्नेहा दुबे जमशेदपुर स्थित सेक्रेड हार्ट कान्न्वेंट में तीसरी व चौथी कक्षा में पढ़ाई की थी। 2012 बैच की आइएफएस स्नेहा दुबे का बचपन जमशेदपुर में बीता है। उनके पिता जेपी दुबे केबुल कंपनी में इंजीनियर थे। माता रेखा दुबे के साथ उनका परिवार केबुल टाउन में ही रहता था। स्नेहा के मामा विनोद तिवारी ने बताया कि केबुल कंपनी खस्ताहाल होते ही 1993-94 में मेरे जीजा जेपी दुबे (स्नेहा के पिता) रायबरेली चले गए। रायबरेली में दो साल रहने के बाद ठाणे चले गए। ठाणे से पुणे और बाद में गोवा में शिफ्ट हो गए। स्नेहा के भाई स्वपनिल दुबे गोवा में व्यापार करते हैं।

स्नेहा ने खुद तैयार की थी स्क्रिप्ट, विदेश मंत्री से कराया ओके

यूएन में स्नेहा का भाषण समाप्त होते ही मामा बिनोद तिवारी ने फोन पर बधाई दी। उन्होंंने स्नेहा को जोरदार भाषण के लिए कांग्रेचुलेशन कहा। बिनोद तिवारी ने अपने जीजा जेपी दुबे (स्नेहा के पिता) से बातचीत की। बातचीत में जीजा ने बताया कि स्नेहा से उनकी बातचीत हुई है। स्नेहा ने बताया कि यूएन में बोलने के लिए उसने खुद अपना स्क्रिप्ट तैयार की थी, जिसे विदेश मंत्री एस जयशंकर को भेजा। विदेश मंत्रालय से स्वीकृति मिलने के बाद स्नेहा ने जो स्क्रिप्ट पढ़ी, उससे आज पूरी दुनिया में भारत के साथ ही स्नेहा का डंका बज रहा है।

2012 में जमशेदपुर आई थी स्नेहा दुबे

स्नेहा के मामा बिनोद तिवारी ने बताया कि आइएफएस बनने के बाद स्नेहा 2012 में जमशेदपुर अपने पिता जेपी दुबे के साथ आई थी। तीन दिन तक वह जमशेदपुर में रही। इसके बाद वह अपने पिता के साथ पश्चिम बंगाल स्थित बर्नपुर चली गई। बर्नपुर में स्नेहा के दादा नौकरी करते थे। बर्नपुर से जेपी दुबे का काफी लगाव था। बर्नपुर स्थित गोपाल मंदिर में स्नेहा ने पूजा की थी।

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