Jamshedpur Criminal Gang: 365 दिन बाद भी बिहार के अपराधी हरीश सिंह और सुधीर दुबे तक नहीं पहुंच पाई पुलिस
Jamshedpur Criminal Gang जमशेदपुर के सीतारामडेरा थाना क्षेत्र में 30 अप्रैल 2020 को गैंगस्टर अखिलेश सिंह के गुर्गे कन्हैया सिंह और कभी उसके करीबी रहे सुधीर दुबे गैंग के बीच गैंगवार की घटना हुई थी। हरीश सिंह और सुधीर दुबे अभी तक नहीं पकड़े गए।
जमशेदपुर, अन्वेश अंबष्ट। जमशेदपुर के सीतारामडेरा थाना क्षेत्र भुइंयाडीह नीतिबाग कालोनी में 30 अप्रैल 2020 को गैंगस्टर अखिलेश सिंह के गुर्गे कन्हैया सिंह और कभी उसके करीबी रहे सुधीर दुबे गैंग के बीच गैंगवार की घटना हुई थी। आसपास के लोग सहम गए थे। ताबड़तोड़ गोलियां अपराधियों ने चलाई थी।
घटना में अखिलेश सिंह के करीबी कन्हैया सिंह समेत सात गुर्गे घायल हो गए थे। संयोगवश इस घटना से एक दिन पहले जिले के तत्कालीन एसएसपी अनूप बिरथरे का तबादला हो गया था। नए एसएसपी एम तमिल वानन ने जिले में योगदान दिया था। गैंगवार की घटना को सिटी एसपी सुभाष चंद्र जाट ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सुधीर दुबे के करीबी कल्लू राय और उसके छह गुर्गो को गिरफ्तार किया था। हथियार बरामद किए थे। अखिलेश सिंह और सुधीर दुबे गैंग से जुड़े 30 गुर्गों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा था। दो मुख्य आरोपित हरीश सिंह और सुधीर दुबे नहीं पकड़े गए। घटना के एक साल बीत गए। दोनों आरोपितों की गिरफ्तारी वारंट के साथ कुर्की जब्ती वारंट जारी किए गए।
सुधीर बक्सर, हरीश आरा का निवासी
सुधीर दुबे बिहार के बक्सर और हरीश सिंह आरा का निवासी है। बाकी आरोपितों के खिलाफ सीतारामडेरा थाना की पुलिस ने आरोप पत्र समर्पित किया। अखिलेश सिंह का गुर्गा हरीश सिंह जमशेदपुर में रहा, लेकिन पुलिस के हाथ नहीं लगा। हद तो तब हो गई जब हरीश सिंह वांटेड होने के बावजूद पुलिस से बचते हुए विगत पांच मार्च को अदालत में अधिवक्ता के ड्रेस में उपस्थित हो गया। ट्रांसपोर्टर उपेंद्र सिंह हत्याकांड में गवाही देकर सुरक्षित निकल गया। भनक तक पुलिस को नहीं लगी। इससे स्पष्ट हो गया कि वांटेड अपराधी की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस कितनी गंभीर और सक्रिय है।
गैंगवार के आरोपितों को मिल गइ है जमानत
सीतारामडेरा थाना में हरीश सिंह समेत अन्य के खिलाफ अधिवक्ता की ड्रेस में उपस्थित होने के मामले को लेकर प्राथमिकी दर्ज की। अब तक हरीश सिंह फरार है। उसके खिलाफ हत्या, रंगदारी समेत अन्य मामले दर्ज है। दोनों की गिरफ्तारी नहीं होने को लेकर एडीजी नवीन कुमार और डीआइजी राजीव रंजन सिंह से जमशेदपुर दौरे पर रहने पर पूछे जाते रहे। पकड़े जाएंगे का जवाब मिलता रहा, लेकिन आरोपित फरार है। वहीं गैंगवार मामले में सभी आरोपितों को झारखंड उच्च न्यायालय से जमानत मिल चुकी है।