खाने-पीने की चीजों में ‘रोल मॉडल’ होगा जमशेदपुर शहर
सड़क किनारे ठेला-खोमचा लगाकर कारोबार करने वालों से लेकर बड़े व्यापारियों के लिए फूड एंड सेफ्टी एक्ट का पालन सख्ती से करना अनिवार्य कर दिया गया है। इसका पालन नहीं करने वालों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई की जाएगी।
जमशेदपुर, जागरण संवाददाता। सड़क किनारे ठेला-खोमचा लगाकर कारोबार करने वालों से लेकर बड़े व्यापरियों के लिए फूड एंड सेफ्टी एक्ट का पालन सख्ती से करना अनिवार्य कर दिया गया है। इसका पालन नहीं करने वालों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई की जाएगी। इसे लेकर शहर भर में जांच व जागरूकता अभियान चलाया गया।
एसडीओ संजय कुमार मीणा के निर्देश पर फूड इंस्पेक्टर दीपश्री के नेतृत्व में पांच सदस्यीय टीम बिष्टुपुर व साकची क्षेत्र के लगभग एक दर्जन से अधिक मिठाई दुकान, होटल, रेस्टोरेंट व सड़क किनारे ठेला-खोमचा वालों के पास पहुंची। इस मौके पर रांची से मोबाइल वैन भी आई थी, जिसके माध्यम से खाद्य-पदार्थों की जांच की जा रही थी और रिपोर्ट भी पता चल रहा था। इस दौरान अलग-अलग खाद्य-पदार्थों का नमूना लिया गया। इसमें मिठाई, मसाला, पनीर, चटनी सहित अन्य खाद्य-पदार्थ शामिल हैं। सबकी जांच की गई और रिपोर्ट लगभग सभी का सही पाया गया। सिर्फ एक दुकान में मिठाई में रंग अधिक पाया गया, जिसे चेतावनी देकर छोड़ा गया।
सबसे पहले बिष्टुपुर पहुंची टीम
फूड इंस्पेक्टर दीपश्री ने बताया कि टीम सबसे पहले बिष्टुपुर पहुंची। यहां गणगौर स्वीट्स, श्रीराम स्वीट्स, क्वालिटी रेस्टोरेंट, छप्पन भोग, रमाडा होटल में जांच की। इसके बाद साकची जुबिली पार्क के समीप ठेला-खोमचा में बिकने वाले खाद्य-पदार्थों की जांच की गई। साथ ही रजिस्ट्रेशन व लाइसेंस की भी जांच की गई। इस दौरान लगभग सभी ने रजिस्ट्रेशन करा रखा था। वहीं, तीन दुकानदारों ने रजिस्ट्रेशन नहीं कराया था जिसे कराने को कहा गया। फूड इंस्पेक्टर ने कहा कि यह अच्छी बात है कि लगभग एक दर्जन दुकानों की जांच की गई और लगभग सभी जगह की रिपोर्ट सामान्य पाया गया। उन्होंने कहा कि इसी मानक पर खरा उतरना है। ताकि अपने शहर को खाने-पीने के चीजों में रोल मॉडल बनाया जा सकें। टीम में फूड इंस्पेक्टर के अलावा सहायक नरेश कुमार, रांची से आए सु्खदेवन प्रसाद, राहुल तिग्गा, अनिल प्रसाद, उदर साहू शामिल थे।
फूड एंड सेफ्टी का पालन करने से इन समस्याओं से मिलेगी निजात बगैर ढकी व प्रदूषित खाद्य सामग्री का उपयोग करने की शिकायत होगी दूर। ब्रांडेड की जगह डुप्लीकेट सॉस, मिर्च-मसालों के पैकेट सहित अन्य खाद्य-पदार्थों की बिक्री पर कड़ी नजर। पानी का मटमैला और बिना फिल्टर की समस्या होगी दूर। खाने का समान नहीं मिलेगा खुले में। गंदगी के आसपास नहीं बिकेगी चीजें।