Jharkhand : अलकायदा से गहरे जुड़े हैं जमशेदपुर के तार, मेवात से पकड़ा गया था कलीमुद्दीन का साथी अब्दुल सामी

झारखंड के जमशेदपुर के मानगो का आजादनगर इलाका आतंकियों का शरणगाह रहा है। यहां का रहनेवाला अब्दुल सामी अलकायदा से जुड़ा था। वह तिहाड़ जेल में बंद है।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Sun, 22 Sep 2019 11:22 AM (IST) Updated:Sun, 22 Sep 2019 12:19 PM (IST)
Jharkhand : अलकायदा से गहरे जुड़े हैं जमशेदपुर के तार, मेवात से पकड़ा गया था कलीमुद्दीन का साथी अब्दुल सामी
Jharkhand : अलकायदा से गहरे जुड़े हैं जमशेदपुर के तार, मेवात से पकड़ा गया था कलीमुद्दीन का साथी अब्दुल सामी

जमशेदपुर,जेएनएन। झारखंड के जमशेदपुर के मानगो का आजादनगर इलाका आतंकियों का शरणगाह रहा है। यहां का रहनेवाला अब्दुल सामी अलकायदा से जुड़ा था जिसकी गिरफ्तारी दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने हरियाणा के मेवात की थी। अब्दुल सामी धतकीडीह निवासी अब्दुल सत्तार का पुत्र है।

समी ने पूछताछ में पुलिस को कई महत्वपूर्ण व चौंकाने वाली जानकारी दी थी। अब्दुल सामी ने बताया था कि जनवरी 2014 में वह दुबई के रास्ते पाकिस्तान गया था, वहां करांची में कुछ दिन रुकने के बाद पाकिस्तान के मंसेरा में हथियार चलाने का प्रशिक्षण लिया था। इसके बाद जनवरी 2015 में वह भारत आ गया था। वह कटक से गिरफ्तार आतंकवादी अब्दुल रहमान उर्फ कटकी के संपर्क में था।

अब्दुल सामी तिहाड़ जेल में है बंद

अब्दुल सामी दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद है। अब जमशेदपुर के कोर्ट में उसकी पेशी अब वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से होती है। दिल्ली से जमशेदपुर लाकर कोर्ट में पेश कराने के लिए पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ती थी। इसी को देखते हुए कोर्ट ने आदेश दिया था कि उसकी पेशी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए ही होगी।  मानगो के आजादनगर से गिरफ्तार मोहम्मद कलीमुद्दीन भी अब्दुल सामी से जुड़ा था।

आइबी टीम जमशेदपुर पहुंच कई बार खंगाल चुकी कलीमुद्दीन का इतिहास


अलकायदा के संदिग्ध आतंकवादी मौलाना कलीमुद्दीन का इतिहास खंगालने के लिए केंद्र सरकार के निर्देश पर आंध्रप्रदेश से आईबी की स्पेशल टीम फरवरी 2019 को जमशेदपुर पहुंची हुई थी। रिपोर्ट के मुताबिक कलीमुद्दीन व उसके पुत्र हुफैजा के बारे में किसी को कुछ पता नहीं है। अब चूंकि मौलाना कलीमुद्दीन एटीएस के हत्थे चढ़ चुका है। उससे पूछताछ में अहम खुलासा होगा। 
रांगामटिया भी गई थी टीम

मौलाना कलीमुद्दीन के मानगो जवाहरनगर रोड नंबर 12, मुर्दा मैदान के पास स्थित बंद मकान को देखा। आसपास के लोगों से जब उसके बारे में पूछा गया तो किसी ने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया। सूत्रों के मुताबिक आइबी की टीम कलीमुद्दीन के पैतृक आवास रांगामटिया तमाड़ भी गयी, लेकिन मौलाना कलीमुद्दीन का कहीं कोई पता नहीं चल पाया। 
2017 में गिरफ्तार हुआ था मोहम्मद जीसान अली

आतंकी संगठन अलकायदा का जुड़ाव जमशेदपुर से बहुत ही पुराना है। अलकायदा से जुड़ाव के आरोप में दिल्ली की स्पेशल पुलिस टीम ने दिल्ली एयरपोर्ट से जमशेदपुर के जवाहरनगर रोड नंबर 14 निवासी मो. जिसान अली को 10 अगस्त 2017 को गिरफ्तार किया था। जिसान अली जमशेदपुर से 2008 से ही बाहर था। पूछताछ में जिसान अली ने बताया था कि वह बेंगलुरू में कुछ दिनों तक था। उसके बाद वह अपने भाई आर्सियान के साथ 2010-11 में सउदी अरब चला गया। जिसान व अर्सियान दोनों भाई का आतंकी से जुड़े होने की जानकारी ओडिशा के कटक से दिसंबर 2015 में गिरफ्तार अब्दुल रहमान उर्फ कटकी ने दी। इसके बाद हरियाणा से 18 जून 2016 को गिरफ्तार जमशेदपुर के धतकीडीह निवासी संदिग्ध आतंकी अब्दुल सामी से पूछताछ में दिल्ली पुलिस की स्पेशल ब्रांच को दी थी।

मोनू ने किया था सनसनीखेज खुलासा

इसके अलावा दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम की सूचना दी गयी थी कि जमशेदपुर के धतकीडीह में रहने वाले अहमद मसूद अकरम शेख उर्फ मसूद उर्फ मोनू अलकायदा संगठन से जुड़ा हुआ है और शहर के अन्य युवकों को अलकायदा से जोडऩे का काम कर रहा है। सूचना के बाद पुलिस की एक विशेष टीम ने अहमद मसूद अकरम शेख उर्फ मसूद उर्फ मोनू को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो सनसनीखेज खुलासा किया। उसने कहा कि वह 2003 में ही उनकी मुलाकात अब्दुल रहमान उर्फ कटकी से जामा मस्जिद साकची में हुई थी। उसने बताया कि अलकायदा से जुडऩे के बाद 2011 में सउदी अरब भी गया था।

सउदी से लौटने के बाद अब्दुल सामी से हुई थी अकरम की मुलाकात

सउदी अरब से वापस आने के बाद अहमद मसूद अकरम शेख की मुलाकात अब्दुल सामी से हुई थी। अब्दुल सामी को आतंकवादी का प्रशिक्षण के लिए पाकिस्तान भेजा गया था। अहमद मसूद अकरम शेख ने यह भी बताया कि आतंकवादी कार्रवाई के लिए राजू उर्फ नसीम अख्तर रोड नंबर 6, जाकिरनगर निवासी हथियार मुहैया कराता था। इसके बाद पुलिस ने राजू उर्फ नसीम अख्तर के घर पर छापेमारी की। जिसमें उसके पास से 9 एमएम का पिस्टल, गोली, मोबाइल, किताब बरमूडा तिकोन और दज्जाल तथा अजकरे मसनूना का किताब मिला। इसके साथ ही एक मेमोरी कार्ड मिला। जिसमें आतंकी मानसिकता को बढ़ावा देने वाला सामग्री डाला हुआ था। 
मौलाना कलीमुद्दीन के मदरसा में दी जाती थी देशद्रोह की शिक्षा
मानगो रोड नंबर 12 निवासी संदिग्ध आंतकी मौलाना कलीमुद्दीन के घर चलने वाले मदरसा में देश विरोधी गतिविधियों की शिक्षा दी जाती थी। उसके मदरसे में अब्दुल रहमान उर्फ कटकी व अब्दुल सामी भी अपने साथियों को भेजता था। वह अपने घर पर जामिया मोहम्मद पी बिन अब्दुल्ला नाम से मदरसा चलाता था। जिसका प्राचार्य मौलाना कलीमुद्दीन ही था। जब झारखंड एटीएस ने मौलाना कलीमुद्दीन के घर की 16 सितंबर 2017 को कुर्की किया उससे पहले ही मौलाना कलीमुद्दीन अपने पुत्र फैजाना के साथ सउदी अरब भाग गया। कलीमुद्दीन फरार है, उस पर बिष्टुपुर थाने में आतंकवादी संगठन अलकायदा से जुडऩे संगठन का विस्तार करने, जिहाद के लिए युवाओं को भड़काने और देशद्रोह का मामला दर्ज है। 

मानवाधिकार  आयोग के दबाव के कारण फरार हुआ मौलाना 
फरार रहे मौलाना कलीमुद्दीन व उसके पुत्र हुफैजा को जमशेदपुर पुलिस ने एक फरवरी 2016 को हिरासत में लिया था। इसके बाद उसने बड़े ही शातिर तरीके से पुलिस प्रताडऩा की शिकायत मानवाधिकारी आयोग से लेकर पीएम से किया था। मानवाधिकार का हस्तक्षेप होने के बाद पुलिस उसे छोड़ दिया। इधर पुलिस मामले की जांच करती रही, इसी बीच दोनों पिता-पुत्र फरार हो गए। जिसका आजतक पता नहीं है।  

chat bot
आपका साथी