जलेस सिंहभूम ने इन्हें दी श्रद्धांजलि, बताया जनवादी चेतना का महत्वपूर्ण हस्ताक्षर

गोलमुरी भवन में जनवादी लेखक संघ द्वारा एक शोक सभा का आयोजन किया गया। इस दौरान कवि मंगलेश डबराल के असामयिक निधन पर शोक व्यक्त किया गया। जलेस सिंहभूम के सचिव श्यामल सुमन ने दिवंगत कवि को जनवादी चेतना का एक महत्वपूर्ण हस्ताक्षर बताया।

By Jitendra SinghEdited By: Publish:Sun, 13 Dec 2020 01:07 PM (IST) Updated:Sun, 13 Dec 2020 01:07 PM (IST)
जलेस सिंहभूम ने इन्हें दी श्रद्धांजलि, बताया जनवादी चेतना का महत्वपूर्ण हस्ताक्षर
मंगलेश डबराल को श्रद्धांजलि देते जलेस के साहित्यकार

जासं, जमशेदपुर : गोलमुरी भवन में जनवादी लेखक संघ द्वारा एक शोक सभा का आयोजन किया गया। इस दौरान कवि मंगलेश डबराल के असामयिक निधन पर शोक व्यक्त किया गया। जलेस सिंहभूम के सचिव श्यामल सुमन ने दिवंगत कवि को जनवादी चेतना का एक महत्वपूर्ण हस्ताक्षर बताया। जबकि तापस चटराज ने कवि से जुड़ी कई जानकारियाें को सभी के साथ साझा कीं और उनकी एक रचना भी सभी को सुनाई।

डा. उदय हयात ने मंगलेश को पहाड का कवि बताया जिनमें खूब जुझारूपन था। ज्योत्सना अस्थाना ने कहा कि एक सजग और मानवतावादी कवि हमारे बीच से उठ गया है। राजदेव सिन्हा ने साठोत्तरी पीढ़ी को याद करते हुये दिवंगत मंगलेश डबराल की स्मृति पर चर्चा की। शैलेंद्र अस्थाना ने मंगलेश को जनता का कवि बताया और उनकी एक रचना भी पढी। सुरेश दत्त पांडेय ने कहा कि मंगलेश विभिन्न भाषाओं के जानकार थे। उनकी रचनाओं का अनुवाद भी हुआ है। पांडेय जी ने कवि की एक चर्चित कविता पढी। युवा कवि अजय मेहताब ने मंगलेश के व्यक्तिगत जीवन पर बात की और कहा कि वे बीमारियों की चपेट में थे और अंतत कोरोना ने उन्हें हमसे छीन ली। विमल किशोर ने कवि की स्मृति को नमन किया। अशोक शुशदर्शी ने मंगलेश को कई विधाओं में लिखने वाला हरफनमौला कलमकार बताया। उन्होंने कहा कि मंगलेश की प्रगतिशीलता और पत्रकारिता लेखकों के लिए भी अद्भूत प्रेरणादायक हैं। अरविंद विद्रोही ने दैनिक अखबार के पत्रकार को आज का बडा क्रांतिकारी कहा। अन्त में दिवंगत की आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा गया।

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