एक पेड़ कटे तो बदले में पांच पेड़ लगाना हो अनिवार्य Jamshedpur News

प्रकृति की नैसर्गिकता एवं समस्त जीवों व प्रकृति के बीच के संतुलन को बनाये रखना बेहद जरूरी है। पृथ्वी पर हरियाली लाने के लिए पौधरोपण सबसे जरूरी है।

By Edited By: Publish:Mon, 06 Jul 2020 01:28 AM (IST) Updated:Mon, 06 Jul 2020 11:43 AM (IST)
एक पेड़ कटे तो बदले में पांच पेड़ लगाना हो अनिवार्य Jamshedpur News
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प्रकृति की नैसर्गिकता एवं समस्त जीवों व प्रकृति के बीच के संतुलन को बनाये रखना बेहद जरूरी है। हमेशा छात्र-छात्राओं यहां तक कि खुद मैं पृथ्वी पर हरियाली लाने के लिए पौधरोपण पर जोर देता हूं।

वृक्ष धरती का गहना है और हरियाली उसका श्रृंगार, धरती पर हरियाली बनी रहेगी तो जीवन में खुशहाली आएगी। यह तभी संभव है जब लोग पेड़ों की अंधाधुंध काटना बंद करें। यदि किसी आवश्यकता के लिए एक पेड़ कटे तो उसके स्थान पर पांच पौधे लगाएं। ऐसा न हुआ तो वह दिन दूर नहीं जब धरती से हरियाली मिट जाएगी। जिसका परिणाम इंसान ही नहीं, पशु पक्षियों को भी भुगतना होगा।

पौधे हमारी ओर से छोड़ी गयी कार्बनडाआक्साइड को ग्रहण कर हमें प्राणवायु के रूप में ऑक्सीजन देते हैं। हमें पौधरोपण के साथ ही उनका संरक्षण करना भी जरूरी है। आज विकास के नाम पर अंधाधुंध पेड़ों को काट रहे हैं। जिसका दुष्परिणाम हमें सूखा, बाढ़ अतिवृष्टि आदि के रूप में भुगतना पड़ रहा है। आज मनुष्य व पशु-पक्षी पूरी तरह से वन व पौधों पर ही निर्भर होते जा रहे हैं। जिसका परिणाम है कि धीरे धीरे वनों का क्षेत्रफल व पेड़ों की संख्या कम हो रही है। यदि इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो सभी को इसके घातक परिणाम भुगतने पड़ेंगे। पुराणों में पौधों की विभिन्न रूपों में पूजा का उल्लेख किया गया है। पेड़ की जड़ से लेकर पत्तों तक का पूजन व औषधि के रूप में उपयोगिता बताई गई है। इस आवश्यकता की पूर्ति के लिए सभी को पौध रोपण करना चाहिए। धरती पर जीवन बना रहे इसके लिए पौध रोपण जरूरी है। - प्रो. अमर कुमार, प्राचार्य एलबीएसएम कॉलेज, जमशेदपुर।

जिले में लगाए जा रहे एक लाख से अधिक सागवान के पौधे जमशेदपुर वन प्रमंडल के तहत इस वर्ष एक लाख से अधिक सागवान के पौधे लगाए जाएंगे। इसकी पूरी तैयारी हो गयी है। जमशेदपुर के वन प्रमंडल पदाधिकारी डॉ. अभिषेक कुमार ने बताया कि मैं खुद अपने प्रयास से कई ऐसे पौधे लगवाने जा रहे हैं जो जल्दी नहीं लगाए जाते। मसलन फलदार, औषधीय पौधों के अलावा इमारती पौधे भी बड़े पैमाने पर लगाए जा रहे हैं। इसके अलावा अकशिया के पांच लाख पौधे, चिलबिल 60 हजार, शीशम 50 हजार पौधे के अलावा तालाब के किनारे 50 हजार बांस के पौधे भी लगाए जा रहे हैं।

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