गोविदपुर में सरकारी जमीन के तालाब का हो रहा अतिक्रमण
गोविदंपुर का सबसे बड़ा व पुराना सरकारी तालाब की जमीन का धड़ल्ले से अतिक्रमण हुआ है। तालाब के चारों ओर जमीन का अतिक्रमण कर दबंगो ने घर व दुकान बना लिया है।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : गोविदंपुर का सबसे बड़ा व पुराना सरकारी तालाब की जमीन का धड़ल्ले से अतिक्रमण हुआ है। तालाब के चारों ओर जमीन का अतिक्रमण कर दबंगो ने घर व दुकान बना लिया है। इधर, कुछ दिन पहले जब फिरसे अतिक्रमण शुरू हुआ तो स्थानीय लोगों के साथ जन प्रतिनिधि व पुलिस प्रशासन भी आगे आया। स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन से लेकर पुलिस प्रशासन से इसकी शिकायत की गई। तालाब बचाने को लेकर अभियान छेड़ा। मत्स्य विभाग इस जमीन को लेकर फिर अपने स्तर से कार्रवाई की। अतिक्रमण से बचे जमीन को तार से घेरवाया गया।
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तालाब का कुल रकबा है तीन एकड़ 66 डिसमिल
छोटा गोविदंपुर रतन मार्केट सरकारी बस स्टैंड से सटे राम मंदिर के निकट इस तालाब का कुल रकबा तीन एकड़ 66 डिसमिल है। प्लॉट संख्या 151 व 152 है। खाता नंबर 265 है। यह तालाब आज से तीस साल पहले ज्यादा क्षेत्रफल में था। गहराई भी पूरी थी। तब उसमें मछली पालन होता था। मत्स्य विभाग की ओर से प्रति वर्ष इसकी बोली लगाकर नीलाम कराया जाता था। जैसे-जैसे समय व्यतीत होता गया तालाब का पानी सूखा तथा जमीन का अतिक्रमण हुआ। आज यह तालाब सिमट कर करीब 1.5 एकड़ जमीन में रह गया है।
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कूड़े-कचरे डालने से तालाब हुआ गंदा
कूड़े कचरे डालने की वजह से तालाब गंदा होता गया। पानी सुखने के साथ ही इसमें झाड़-झंखाड़ व गंदगी का अंबार लग गया है। अब स्थिति यह है कि तालाब में पानी नहीं है।
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गोविदपुर क्षेत्र का यह सबसे पुराना तालाब है। जमीन का अतिक्रमण कर लोगों ने घर व दुकानों को बना लिया है। जिला प्रशासन को इसमें पहल करना चाहिए। बीते दिनों स्थानीय जन प्रतिनिधियों के विरोध के बाद अतिक्रमण रूका। इसमें जिला परिषद सदस्य सुनीता साह, मुखिया शिवलाल लोहरा, वार्ड मेंबर अशोक, अनिल आदि लोगों ने सराहनीय पहल की।
-सतवीर सिंह बग्गे, उप मुखिया