Faculty Development Programme: उच्च शिक्षा में नीतियों का ससमय समुचित अनुपालन किया जाना अत्यंत आवश्यक : डा. पाणि

कोल्हान विश्वविद्यालय के वित्त पदाधिकारी डा. पीके पाणि us वर्तमान परिप्रेक्ष्य में झारखंड में उच्च शिक्षा के स्तर का अनुरक्षण विषय पर अपने विचार प्रस्तुत करते हुए करियर के रूप में सहायक प्राध्यापक से प्राध्यापक तक की योग्यताओं चयन प्रक्रिया एवं पदोन्नति के बारे में विस्तार पूर्वक बताया।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Wed, 20 Oct 2021 05:28 PM (IST) Updated:Wed, 20 Oct 2021 05:28 PM (IST)
Faculty Development Programme: उच्च शिक्षा में नीतियों का ससमय समुचित अनुपालन किया जाना अत्यंत आवश्यक : डा. पाणि
जमशेदपुर वर्कर्स कॉलेज में आइक्यूएसी के द्वारा तीनदिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट कार्यक्रम का आरंभ हुआ।

जासं, जमशेदपुर : जमशेदपुर वर्कर्स कॉलेज में आइक्यूएसी के द्वारा तीनदिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट कार्यक्रम का आरंभ हुआ। कार्यक्रम का आरंभ बुधवार को पहले सत्र के मुख्य वक्ता कोल्हान विश्वविद्यालय के वित्त पदाधिकारी डा. पीके पाणि ने विद्या की देवी सरस्वती को पुष्पांजलि देकर किया। कार्यक्रम का संचालन करते हुए आइक्यूएसी सेल के प्रभारी सुभाष चन्द्र दास ने तीन दिन के कार्यक्रम का परिचय प्रस्तुत किया।

स्वागत भाषण देते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. सत्यप्रिय महालिक ने मुख्य वक्ता तथा उपस्थित सभी शिक्षकों का स्वागत करते हुए आज के समय में शिक्षकों को अपनी योग्यता को निखारते रहने की आवश्यकता पर जोर देते हुए इस कार्यक्रम के महत्व की चर्चा की। प्रथम सत्र के मुख्या वक्ता कोल्हान विश्वविद्यालय के वित्त पदाधिकारी डा. पीके पाणि us वर्तमान परिप्रेक्ष्य में झारखंड में उच्च शिक्षा के स्तर का अनुरक्षण विषय पर अपने विचार प्रस्तुत करते हुए करियर के रूप में सहायक प्राध्यापक से प्राध्यापक तक की योग्यताओं, चयन प्रक्रिया एवं पदोन्नति के बारे में विस्तार पूर्वक बताया। उन्होंने नीति निर्धारण तथा अनुपालन की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि आज उच्च शिक्षित व्यक्तियों की संख्या बढ़ रही है, उसी अनुपात में उनके बीच असंतोष भी पैदा हो रहा है। उन्होंने कहा कि आज वस्तुस्थिति को ध्यान में रखते हुए नीतियों का ससमय समुचित अनुपालन किया जाना अत्यंत आवश्यक हो गया है।

कार्यक्रम के दूसरे सत्र में व्यवहारिक मनोविज्ञान को कैसे समझें विषय पर बोलते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य डा. सत्यप्रिय महालिक ने विद्यार्थियों, सहकर्मियों के साथ-साथ समाज के दुसरे लोगों के व्यवहार को समझने और उनका सामना करने की कुछ प्रायोगिक युक्तियां बताई। धन्यवाद ज्ञापन अंग्रेजी विभाग की सहायक प्राध्यापक प्रीतिबाला सिन्हा एवं हिंदी विभाग के सहायक प्राध्यापक हरेन्द्र पंडित ने किया। इस कार्यक्रम के दूसरे दिन गुरुवार को 21 अक्टूबर को पहले सत्र में कक्षा प्रबंधन विषय पर डॉ. सत्यप्रिय महालिक तथा दूसरे सत्र में कार्य संस्कृति एवं नैतिकता विषय पर डॉ. राजेंद्र भारती अपना व्याख्यान प्रस्तुत करेंगे।

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