Chaibasa News: तोरलो नहर के घटिया निर्माण की खुल रही पोल, पूर्ण होने से पहले पड़ने लगी दरारें
Irregularities in Torlo Canal करोड़ों की लागत से दो साल पहले ही नहर निर्माण कार्य शुरू हुआ था लेकिन पूर्ण हुआ ही नहीं कि दूसरी ओर टूटना भी शुरू हो गया। नहर कई जगह क्षतिग्रस्त तो कई जगह दरारें पड़ गई है।
संवाद सूत्र, तांतनगर : झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम के मंझारी प्रखंड क्षेत्र की सिंचाई परियोजना तोरलो डैम के नहर में किया गया घटिया निमार्ण कार्य अब धीरे-धीरे उजागर होने लगा है। करोड़ों की लागत से दो साल पहले ही नहर निर्माण कार्य शुरू हुआ था लेकिन पूर्ण हुआ ही नहीं कि दूसरी ओर टूटना भी शुरू हो गया। नहर कई जगह क्षतिग्रस्त तो कई जगह दरारें पड़ गई है।
दरअसल, बड़े नेताओं के संरक्षण में फल-फूल रहे त्रिवेणी कंस्ट्रक्शन कंपनी के द्वारा नहरों का निर्माण करवाया जा रहा है। वहीं अधिकारियों के संलिप्त होने की वजह से नहरों का निर्माण भष्ट्राचार की भेंट चढ़ गई। ठेकेदार ने बेहद ही घटिया तरीके से नहरों का निर्माण किया, इस कारण एक साल के भीतर ही जगह-जगह दरारें पड़ गई है। लेकिन अब किसानों की मांग उठने लगी है कि नहरों के निर्माण की वरिष्ट अधिकारी द्वारा जांच कराई जाए और दोषी ठेकेदार के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए।
शुरू से ही विरोध जता रहे किसान
उल्लेखनीय है कि नहर के निर्माण में काफी अनियमितता बरती गई है। जिसे लेकर किसानों के द्वारा शुरू से ही विरोध जताया जाता रहा है। लेकिन अधिकारियों ने कभी भी इसकी सुध नहीं ली। जिसका नतीजा यह हुआ कि ठेकेदार अपनी मनमानी से घटिया निर्माण करता चला गया और नहर भष्ट्राचार की बलि चढ़ गई। जानकार बताते हैं कि नहरों के निर्माण के लिए जो मापदंड तय किए गए थे उनकी अनदेखी कर निर्माण किया गया। घटिया निर्माण का अंदाजा नहर की हालत को देखकर आसानी से लगाया जा सकता है। दम तोड़ रही निर्माणाधीन नहर को देख मंझारी व तांतनगर प्रखंड के हजारों किसानों के मंसूबों पर पानी फेरने की संभावना है।