IRCTC, Indian Railways : तत्काल टिकट भी अब पक्का होगा कंफर्म, रेलवे ने की ये पहल
Railway News Latest Update जब भी आप टिकट बुक कराने की कोशिश करते हैं आपको वेटिंग की सूचना मिलने लगती है। तत्काल टिकट कटाना हो तो फिर और भी मुसीबतों का सामना करना पड़ता है। रेलवे अब ऐसी तकनीक लाने जा रही है जिससे जल्द टिकट कंफर्म हो जाएगा।
जमशेदपुर : ट्रेन में यात्रा करने के लिए अक्सर हम ऑनलाइन टिकट बुकिंग वेबसाइट का सहारा लेते हैं लेकिन या तो हमें टिकट की लंबी वेटिंग मिलती है या फिर नो रूम मिलता है। इसका कारण है टिकट दलाल, जो गलत तरीके से टिकटों की बुकिंग कर जरूरतमंदों को ऊंचे दामों पर बेचते हैं। लेकिन अब रेल मंत्रालय टिकट दलालों को रोकने के लिए नई पहल कर रही है। जिससे न सिर्फ उनके टिकटों की बुकिंग नहीं होगी बल्कि उन्हें आसानी से ट्रैक भी किया जा सकता है।
रेलवे कर रही है ये पहल
अक्सर टिकट दलाल ऑनलाइन टिकट की बुकिंग के लिए वर्चुअल प्राइवेट सर्वर (वीपीएस) का सहारा लेते हैं ताकि आसानी से तत्काल या प्रीमियम टिकट की बुकिंग की जा सके। रेल मंत्रालय ने पाया है कि अधिकांश दलाल रेल टिकट ऑनलाइन बुक कराने के लिए इंटरनेट प्रोटोकॉल (आईपी) पते को छिपाने के लिए वीपीएस का उपयोग करते हैं ताकि उन्हें ट्रैक नहीं किया जा सके। यदि उन्हें ट्रैक करने की कोशिश भी की जाती है तो आईपी आईडी का पता कभी मुंबई या कभी विदेश का पता देती है।
ऐसे में रेल मंत्रालय ने इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (आईआरसीटीसी) व रेलवे सूचना प्रणाली केंद्र (सीआरआईएस) के वेबसाइट पर बदलाव कर रही है। जिसके तहत यदि कोई यूजर वीपीएस के माध्यम से ऑनलाइन टिकट की बुकिंग करता है तो सिस्टम उन्हें ऐसा करने से रोक देगी। इसके लिए मंत्रालय ने रेलवे के अधिकांश सूचना प्रणालियों के डिजाइन, डेवलप, कार्यान्वयन व रख-रखाव वाले क्रिस के नियमों में बदलाव कर रहा है।
सामान्य यात्री नहीं करते वीपीएस का उपयोग
रेल मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार सामान्य यात्री या पंजीकृत टिकट बुकिंग एजेंट ऑनलाइन टिकट बुकिंग के लिए वीपीएस का उपयोग नहीं करते हैं। वे अपने सामान्य कम्प्यूटर, लैपटॉप या मोबाइल से टिकटों की बुकिंग करते हैं। ऐसे में उन्हें आसानी से ट्रैक किया जा सकता है। जबकि टिकट दलाल जो तकनीक अपनाते हैं उससे रेलवे को वित्तीय नुकसान भी होता है।
हो सकते हैं नए बदलाव
रेलवे मंत्रालय को अब तक की जांच में पता चला है कि टिकट दलाल ऑनलाइन बुकिंग के समय कैप्चा और ओटीपी में भी छेड़छाड़ करते हैं। वे ऐसे सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करते हैं जो टिकट बुकिंग के समय आने वाले ओटीपी को कम्प्यूटर में एंस्टॉल सॉफ्टवेयर को ऑटोमेटिक पढ़कर सेव ले लेता है। ऐसे में सुझाव दिए गए हैं कि ओटीपी में सेव का ऑप्शन में बदलाव किया जाए ताकि टिकट दलालों की उक्त तकनीक से बचा जा सके।
टाटानगर में पकड़े जा चुके हैं कई टिकट दलाल
टाटानगर आरपीएफ पोस्ट द्वारा टिकट दलालों के खिलाफ लगातार अभियान चलाती रहती है। पिछले दिनों ही आरपीएफ ने फर्जी तरीके से ऑनलाइन टिकट बनाकर कमीशन पाने वाले दो टिकट दलालों को छोटा गोविंदपुर से जबकि एक को मानगो के जवाहर नगर से पकड़ा था। जिनके खिलाफ रेलवे एक्ट के तहत मामला दर्ज कर जेल भेज दिया गया था।