झामुमो के प्रदर्शन के खिलाफ इंटक ने खोला मोर्चा, मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर जताई चिंता

टाटा स्टील के खिलाफ झारखंड मुक्ति मोर्चा के आंदोलन के विरोध में झारखंड इंटक उतर आया है। झारखंड इंटक के प्रदेश अध्यक्ष राकेश्वर पांडेय ने बुधवार को एक पत्र झारखंड सरकार के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भेजा है। जिसमें वर्तमान परिस्थिति पर चिंता जाहिर की है।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Wed, 24 Nov 2021 04:01 PM (IST) Updated:Wed, 24 Nov 2021 04:01 PM (IST)
झामुमो के प्रदर्शन के खिलाफ इंटक ने खोला मोर्चा, मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर जताई चिंता
झारखंड इंटक के प्रदेश अध्यक्ष राकेश्वर पांडेय। फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : झारखंड मुक्ति मोर्चा ने इन दिनों टाटा समूह की कंपनियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। 17 नवंबर को टाटा समूह की कोल्हान स्तरीय कंपनियों का गेट जाम कर झामुमो नेताओं ने विरोध प्रदर्शन किया था। साथ ही उनकी मांगे पूरी नहीं होने पर अनिश्चतकाल के लिए कच्चा माल की सप्लाई ठप करने की चेतावनी दी थी। झारखंड मुक्ति मोर्चा के इस आंदोलन के विरोध में अब झारखंड इंटक उतर आया है। झारखंड इंटक के प्रदेश अध्यक्ष राकेश्वर पांडेय ने बुधवार को एक पत्र झारखंड सरकार के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भेजा है। जिसमें वर्तमान परिस्थिति पर चिंता जाहिर की है।

कर्मचारियों को करना पड़ रहा है मुश्किल का सामना

राकेश्वर पांडेय ने अपने पत्र में कहा कि मुख्यमंत्री जी, आपके कुशल नेतृत्व में झारखंड निरंतर प्रगति की ओर अग्रसर हो रहा है। लोग सौहार्दपूर्ण वातावरण में रहकर अपना-अपना योगदान कर झारखंड को विकास की ऊंचाइयों पर पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं। इससे आपकी लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है। लेकिन कुछ दिनों पूर्व जिस तरह से जमशेदपुर की विभिन्न कंपनियों के प्रवेश द्वार पर प्रदर्शन व जाम से इन कंपनियों में कार्यरत मजदूरों व अन्य कर्मचारियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा है। अपनी ड्यूटी खत्म होने के बाद भी कर्मचारियों को अंदर ही एक तरह से बंधक बना दिया गया, उन्हें निकलने नहीं दिया गया। कुछ कंपनियों में हमारे मजदूर भाई बहनों को खाने-पीने के सामानों की आवाजाही बाधित होने के कारण उन्हें भूखे रहना पड़ा। इस तरह की परिस्थिति से कंपनी में कार्यरत अधिकारियों से लेकर काम करने वाले कर्मचारियों के मन में भय का माहौल बना गया। निस्संदेह यह बहुत ही चिंता का विषय है और यह एक प्रगतिशील मुख्यमंत्री की छवि के अनुरूप नहीं है।

झारखंड के विकास में भागीदार कंपनियों को मुश्किल

राकेश्वर पांडेय ने कहा है कि अब झामुमो नेताआें ने कहा है कि सभी कंपनियों के कच्चे माल की आवाजाही को बाधित कर कंपनियों के उत्पादन को प्रभावित करने का प्रयास किया जाएगा जो हमारे मजदूर कर्मचारियों की आजीविका पर प्रहार के रूप में देखा जाएगा। लोगों की यह समझ में नहीं आ रहा है कि आपने कुछ दिन पूर्व ही दिल्ली में इंवेस्टर मीट में उद्यमियों को झारखंड प्रदेश में निवेश करने का आह्वान किया था लेकिन कैसे उसी झारखंड में सदियों से स्थापित एवं सुचारू रूप से संचालित राज्य और देश के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने वाली कंपनियों को इस तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जैसा कि आप भी जानते हैं कि कोरोना संक्रमण के बाद विश्व की बड़ी-बड़ी कंपनियां जो चीन में स्थापित थी वहां से किसी दूसरे देश में शिफ्ट करना चाह रही हैं। हमारा देश भारत ऐसी कंपनियों की पहली पसंद है लेकिन चीन ऐसा नहीं चाहता है। इसी वजह से वह भारत को अशांत देश की छवि बनाने का प्रयास कर रहा है।

देश की अच्छी छवि बनाने में पहल हो

राकेश्वर पांडेय का कहना है कि कुछ महीने पहले बेंगलुरु में नोकिया कंपनी की अनुषंगी इकाई में दक्षिणपंथी यूनियन के कार्यकर्ताओं द्वारा तोड़फोड़ कर करोड़ों की संपत्ति का नुकसान किया। ऐसी स्थिति में हम सभी झारखंडवासियों और राष्ट्र प्रेमी भारतीयों का दायित्व बनता है कि हम अपने देश की अच्छी छवि बनाने में मदद करें ताकि ज्यादा से ज्यादा निवेश हमारे देश, हमारे राज्य में आ सके। इससे युवाओं को रोजगार मिलेगा। लेकिन जमशेदपुर में पिछले दिनों जिस तरह की घटनाएं हुई उससे चीन के कुत्सित प्रयासों में मदद मिलेगी और यह हमारे देश व राज्य हित में कतई नहीं है। ऐसे में आपसे निवेदन है कि आप एक लोकप्रिय मुख्यमंत्री के साथ-साथ एक मजबूत प्रशासक की छवि पेश करते हुए उपरोक्त वर्णित गतिविधियों को अबिलंब विराम लगवाएं।

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