चीन में भारतीय स्टील की मांग बढ़ी, तीन माह में ज्यादातर हिस्सा गया चीन Jamshedpur News

बोले टाटा स्‍टील के पबंध निदेशक टीवी नरेंद्रन स्टील खपत के मामले में जापान और अमेरिका से आगे निकला भारत।

By Vikas SrivastavaEdited By: Publish:Wed, 08 Jul 2020 10:32 AM (IST) Updated:Wed, 08 Jul 2020 10:32 AM (IST)
चीन में भारतीय स्टील की मांग बढ़ी, तीन माह में ज्यादातर हिस्सा गया चीन Jamshedpur News
चीन में भारतीय स्टील की मांग बढ़ी, तीन माह में ज्यादातर हिस्सा गया चीन Jamshedpur News

जमशेदपुर (जागरण संवाददाता)। टाटा स्टील के सीईओ सह एमडी टीवी नरेंद्रन ने मंगलवार को कहा कि कोविड-19 के बाद चीन की रिकवरी दर हमारे अनुमान से कहीं अधिक तेज है। ऐसे में पिछले तीन माह में भारत से निर्यात होने वाले स्टील का ज्यादातर हिस्सा चीन चला गया है।

वर्तमान में वैश्विक खपत और उत्पादन का 60 फीसद हिस्सा चीन, जबकि 20 प्रतिशत हिस्सा एशिया का है। नरेंद्रन आइआइएम इंदौर द्वारा आयोजित वेबिनार शंृखला आफ्टर इंडिया, आफ्टर कोविड पर अपने विचार रख रखे थे।

तीन-चार वर्ष पहले भारत में अपने स्टील डंप कर रहा था चीन अब कर रहा आयात

नरेंद्रन ने कहा कि कोविड 19 के कारण देश में घरेलू स्टील की खपत में गिरावट आई है, लेकिन खुशी है कि तीन-चार वर्ष पहले चीन जहां भारत में अपने स्टील डंप कर रहा था आज स्टील का आयात कर रहा है। इसके कारण इस्पात उद्योग में चीन की काफी आलोचना हुई थी। उस समय इस्पात उद्योग को प्रतिस्पर्धी होने को कहा गया था। वर्तमान में टाटा स्टील दुनिया की दस शीर्ष स्टील उत्पादक कंपनियों में एक है। कई भारतीय स्टील निर्माता कंपनियां आज चीन को ही स्टील निर्यात कर रही हैं।

स्‍टील खपत में जापान, अमेरिका से आगे भारत

हालांकि, भारत में हिस्सा नहीं बढ़ा है, लेकिन हम संभावनाओं की ओर देख रहे हैं। आज भारत स्टील का 100 मिलियन टन उत्पादक और उपभोक्ता है। जबकि चीन की खपत भारत से आठ गुना ज्यादा है। बावजूद हम जापान और अमेरिका जैसे देशों से स्टील खपत के मामले में आगे निकल चुके हैं। कोविड-19 के कारण देश में स्टील की खपत जरूर कम हुई है, पर अगले 10-15 वर्षों में भारत में जब इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में क्रांति आएगी तो स्टील खपत और उत्पादन 300 मिलियन टन तक पहुंचने का अनुमान है। नरेंद्रन ने कहा कि हम स्टील उद्योग के मामले में रणनीतिक रूप से तैयार हैं। कुछ देशों में केवल स्टील की डिमांड है, कुछ उत्पादक देश हैं और कुछ के पास आयरन ओर है, लेकिन इन तीनों पक्षों में भारत धन्य है।

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