Indian Railways Internal vacancy : इनटेक में 20 प्रतिशत कोटा की उठी मांग, रेलवे बोर्ड ने मांगा सुझाव

Indian Railways Internal vacancy. साउथ ईस्टर्न रेलवे मेंस कांग्रेस में चक्रधरपुर मंडल के संयोजक शशि मिश्रा ने रेलवे बोर्ड को एक पत्र भेजा है। जिसमें ट्रैक मैन कर्मचारियों के लिए 10 के बजाए 20 प्रतिशत कोटा देने की मांग की गई है। इसपर रेलवे बोर्ड ने सुझाव मांगा है।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Mon, 18 Jan 2021 09:13 AM (IST) Updated:Mon, 18 Jan 2021 09:13 AM (IST)
Indian Railways Internal vacancy :  इनटेक में 20 प्रतिशत कोटा की उठी मांग, रेलवे बोर्ड ने मांगा सुझाव
ट्रैकमैन को दूसरे विभागों में काम करने का मौका मिलेगा।

जमशेदपुर, जासं। दक्षिण- पूर्व रेलवे में एक बार फिर इनटेक (ट्रैक मैन कर्मचारियों के लिए आंतरिक वैकेंसी में कोटा) में 10 के बजाए 20 प्रतिशत करने की मांग उठी है। साउथ ईस्टर्न रेलवे मेंस कांग्रेस में चक्रधरपुर मंडल के संयोजक शशि मिश्रा ने इस संबंध में रेलवे बोर्ड को एक पत्र भेजा है। जिसमें ट्रैक मैन कर्मचारियों के लिए 10 के बजाए 20 प्रतिशत कोटा देने की मांग की गई है।

मेंस कांग्रेस का कहना है कि पिछले 13 वर्षोंं से इनटेक का कोटा बंद कर दिया गया था। लेकिन वर्ष 2019 दिसंबर में मेंस कांग्रेस की पहल पर एक बार फिर आंतरिक बहाली में इनटेक से ट्रैक मैन में कार्यरत ग्रेड फोर कर्मचारियों की बहाली हुई और 190 कर्मचारी को दूसरे विभागों में जाकर प्रमोशन पाने का मौका मिला। कोविड 19 के कारण वर्ष 2020 में रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड द्वारा रेलवे के किसी भी विभाग में कर्मचारियों की बहाली नहीं हुई है। ऐसे में मेंस कांग्रेस ने रेलवे बोर्ड को पत्र भेजकर आंतरिक बहालियों में सबसे पहले ट्रैक मैन पद पर कार्यरत कर्मचारियों को दूसरे विभागों के रिक्त पदों पर समायोजित करने की मांग की है।

10 दिनों में देना है जवाब

मेंस कांग्रेस का तर्क है कि वर्षो से ट्रैक मैन पद पर कार्यरत कर्मचारियों को रेलवे के दूसरे विभागों में काम करने का मौका व प्रमोशन, दोनोंं मिलना चाहिए। दूसरा ट्रैक मैन कर्मचारी परिस्थितियों के अनुसार काम करने में सक्षम है ऐसे में उन्हें एक मौका मिलना चाहिए। इसलिए इनटेक में कोटा को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत किया जाए। ऐसे में रेलवे बोर्ड ने भी मेंस कांग्रेस के पत्र का जवाब भेजते हुए पूछा है कि इनटेक में कोटा बढ़ाने से रेलवे को किस तरह का फायदा होगा, इस पर 10 दिनों में जवाब मांगा गया है।

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