IRCTC, Indian Railways : बिहार-बंगाल व महाराष्ट्र के बीच चलेगी किसान रेल सर्विस
Kisan Rail Service किसानों को सही दाम मिले और सही समय पर उपज ग्राहकों तक पहुंचे इसी को ध्यान में रखते हुए मोदी सरकार ने किसान रेल सेवा की शुरुआत की है। अब महाराष्ट्र से बिहार व बंगाल तक ट्रेन चलेगी ताकि उपज समय पर गंतव्य तक पहुंच सके।
जमशेदपुर : हमारे देश के किसान काफी मेहनत और पसीना बहाकर फसल, खाद्य प्रद्वार्थ, सब्जियां और फल उपजाते हैं। लेकिन उन्हें निराशा तब हाथ लगती है जब उन्हें अपनी फसल के सहीं दाम नहीं मिलते और उन्हें अपने गांव के आसपास ही स्थानीय साहूकारों या दलालों को अपनी उपज कम दामों में बेचनी पड़ती है। इसे देखते हुए केंद्र की मोदी सरकार ने देश भर में किसान रेल सेवा शुरू की है। इस सेवा का उद्देश्य किसानों के उपज को बाजार तक पहुंचाना है। ताकि किसानों की फसल भी खराब न हो और उनका माल आसानी से बिना किसी परेशानी के बड़े शहरों तक भी पहुंच जाए।
महाराष्ट्र से बिहार के बीच शुरू हुई है 600वी किसान रेल सेवा
महाराष्ट्र में प्याज, गन्ना, अंगूर, संतरे बहुत अधिक मात्रा में उपजाए जाते हैं। वहीं, बिहार में भी मक्का, धान, चावल, सरसो की खेती होती है। ऐसे में दोनो राज्य एक-दूसरे की उपज का फायदा उठा सके, किसानों को आसानी से बाजार उपलब्ध हो सके। इसके लिए रेल मंत्रालय ने देश की 600वीं किसान रेल सेवा को हरी झंडी दी है। यह बहु उद्देश्यीय ट्रेन महाराष्ट्र राज्य के संगोला से बिहार के मुजफ्फरपुर तक चलाई गई।
सात अगस्त 2020 में शुरू की गई है किसान रेल सेवा
आईई की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि सात अगस्त 2020 से देश में किसान रेल शुरू की गई है। इस ट्रेन सेवा के तहत देश के विभिन्न राज्यों को आपस में जोड़ा गया है। अब तक इस सेवा से देश भर में लगभग 2.08 लाख टन फलों और सब्जियों का परिवहन किया है। मध्य रेलवे क्षेत्र के अनुसार, यह सुविधा किसानों के बीच काफी प्रचलित हुई है। क्योंकि यह छोटे, व्यक्तिगत किसानों द्वारा उपजाई गई कम मात्रा की उपज को भी संबधित डिमांड वाले राज्यों तक पहुंचाने में सहायक है। केंद्रीय बजट 2020-21 में मोदी सरकार द्वारा की गई घोषणा के अनुसार, भारतीय रेल ने मांस, दूध और मछली सहित कृषि-उत्पाद और खराब होने वाली वस्तुओं के परिवहन के लिए पूरे भारत में किसान रेल ट्रेन सेवाएं चलाना शुरू कर दिया था। भारतीय रेलवे का किसान रेल ट्रेनों के संचालन का मुख्य उद्देश्य उत्पादन केंद्रों को बाजारों के साथ-साथ उपभोग केंद्रों से जोड़कर कृषि क्षेत्र में आय में वृद्धि करना है।
इन राज्यों में संचालित है किसान रेल
वर्तमान में, मध्य रेलवे क्षेत्र महाराष्ट्र में देवलाली- बिहार राज्य में मुजफ्फरपुर, महाराष्ट्र में संगोला- बिहार में मुजफ्फरपुर, दिल्ली में संगोला-आदर्श नगर, महाराष्ट्र में सांगोला-शालीमार के बीच छह किसान रेल ट्रेनों का संचालन किया जाता है। इसके अलावा पश्चिम बंगाल राज्य, महाराष्ट्र में रावेर - दिल्ली में आदर्श नगर और महाराष्ट्र में सावदा - दिल्ली में आदर्श नगर। महाराष्ट्र के सांगोला से बिहार के मुजफ्फरपुर तक का मार्ग सबसे लोकप्रिय मार्ग है, इस मार्ग पर 600 में से 179 यात्राएं की जाती हैं।
किसानों को दी जा रही है 50 प्रतिशत की सब्सिडी
रेल मंत्रालय के अनुसार किसान रेल सेवा ट्रेन के माध्यम से बुक किए गए सामानों पर पार्सल टैरिफ के 'पी'-स्केल पर शुल्क लिया जाता है। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की 'ऑपरेशन ग्रीन्स- टॉप टू टोटल' योजना के तहत किसान रेल ट्रेन सेवा के माध्यम से सब्जियों और फलों के परिवहन पर 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है। मंत्रालय ने कहा था कि यह सब्सिडी कंसाइनर्स या किसानों को बुकिंग के समय दी जा रही है ताकि इसका लाभ बिना किसी परेशानी या प्रक्रियात्मक देरी के किसानों तक पहुंचे। रेल मंत्रालय का कहना है कि किसान पार्सल बुकिंग क्षेत्र आकर अपने उपज की बुकिंग आसानी से करा सकते हैं।
महाराष्ट्र व बंगाल से पहुंचती है कई किसान सेवा ट्रेन
आपको बता दें कि दक्षिण पूर्व रेलवे के टाटानगर में भी कई रेल सेवा ट्रेनों का आवागमन होता है। इसमें महाराष्ट्र से प्याज, अनार आते हैं जबकि पश्चिम बंगाल से मछली, रसगुल्ले, फूल, पनीर, खोआ भी टाटानगर आते हैं।